सिरोही. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में ब्रह्माकुमारीज की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि की 16वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजली देते हुए उनके नाम डाक टिकट जारी किया. इस मौके पर केंद्रीय संचार राज्यमंत्री देवु सिंह चौहान और ब्रह्माकुमारीज के वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे.
ब्रह्मकुमारी संस्थान के पीआरओ बीके कोमल ने बताया कि राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज से 16 वर्ष पूर्व 25 अगस्त, 2007 को दादी प्रकाशमणि का देहावसान हुआ था. आज उनके नाम पर डाक टिकट जारी करके हम उन्हें श्रद्धांजली दे रहे हैं. दादी प्रकाशमणि चार दशकों तक ब्रह्माकुमारीज की मुख्य प्रशासिका रहीं. उनके मार्गदर्शन में ही संस्था छोटे से रूप से विश्वस्तर पर पहुंची. ऐसी शक्तिशाली आत्मा ही दूसरों काे सशक्त बना सकती है.
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उन्होंने आध्यात्म का प्रकाश पूरे विश्व में फैलाया. दादी ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बीच भी लोगों को अध्यात्म का संदेश दिया और ब्रह्माकुमारी परिवार के साथ खड़ी रहीं. आज दादी भले शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके आध्यात्मिक संदेश और शिक्षाएं आने वाली पीढ़ियों को संदेश देते रहेंगे. आज उनकी पुण्य स्मृति पर डाक टिकट जारी करते हुए बेहद प्रसन्नता हो रही है.
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खुद को हेड समझने से होती है हेडक: केंद्रीय संचार राज्यमंत्री देवु सिंह चौहान ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज के संस्थापक ब्रह्मा बाबा ने शुरू से ही माताओं-बहनों को आगे रखा. दादी के बारे में बताना मतलब सूरज को दीया दिखाना है. आज बहुत गर्व महसूस हो रहा है कि नारी शक्ति की मिसाल राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि के पुण्य स्मृति दिवस पर डाक टिकट जारी किया जा रहा है. दादी चीफ होते हुए भी कहती थीं कि हेड नहीं समझना चाहिए. हेड समझने से हेडक होती है.
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आबूरोड में ब्रह्माकुमारी संस्थान में दादी प्रकाशमणि को श्रद्धांजली अर्पित करने के लिए देशभर से 18 हजार लोग पहुंचे. मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी, महासचिव राजयोगी बीके निर्वैर भाई, संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मुन्नी दीदी सहित वरिष्ठ बीके भाई-बहनों ने प्रकाश स्तंभ पर पहुंचकर पुष्पांजली अर्पित की. दादी की 16वीं पुण्यतिथि शुक्रवार को भारत सहित विश्व के 137 देशों में विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनाई गई.