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सिरोहीः सबको अलविदा कह गई दुनिया की दादी, सभी नेताओं ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि - sirohi news

आध्यात्मिक संगठन की मुखिया और स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांड अम्बेसडर राजयोगिनी दादी जानकी ने आंखे मुंद ली है. वह तकरीबन दो महीने से अस्वस्थ थी. माउण्ट आबू के ग्लोबल हास्पिटल में उनका इलाज चल रहा था. जहां शुक्रवार को ब्रह्माकुमारीज संस्था के शांतिवन में उनका अंतिम संस्कार किया गया.

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दादी जानकी का अंतिम संस्कार
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Published : Mar 27, 2020, 8:04 PM IST

सिरोही. महिलाओं द्वारा संचालिए दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक संगठन की मुखिया और स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांड अम्बेसडर राजयोगिनी दादी जानकी इस दुनिया को अलविदा कह गयी. 27 मार्च को प्रातः दो बजे जब अंतिम सांस ली तब पूरे विश्व के उनके चाहने वालों की आखें नम हो गयी. वे तकरीबन दो महीने से अस्वस्थ थी. माउण्ट आबू के ग्लोबल हास्पिटल में उनका इलाज चल रहा था.

ब्रह्माकुमारीज संस्था के शांतिवन में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. यह समय का खेल है कि दादी के उन वचनों को साकार कर दिया जब वे हमेशा कहती थी कि जब मैं शरीर छोड़ू तो एक पैसे भी खर्च नहीं होने चाहिए. दादी के इस देहावसान पर देश के राष्ट्पति रामनाथ कोविन्द, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, देश के गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह तथा बीजेपी चीफ जेपी नड्डा समेत तमाम नेताओं ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी है.

दादी जानकी का अंतिम संस्कार

जनवरी, 1916 में पाकिस्तान स्थित हैदराबाद सिंध में जन्मी राजयेागिनी दादी जानकी 21 वर्ष की उम्र में ब्रह्माकुमारीज संस्थान में समर्पित हो गयी. तब से लेकर आज तक पीछे मुड़कर नहीं देखा. सन् 1970 में पहली बार भारतीय दर्शन, मानवीय मूल्यों की स्थापना, राजयोग ध्यान के जरिए सकारात्मक जीवनशैली के लिए पश्चिमी देशों का रुख किया, लेकिन भले ही वे चैथी कक्षा तक पढ़ी हो लेकिन, उन्होंने पूरे विश्व के लोगों को मानवीय मूल्यों का पाठ पढ़ाकर नयी जिन्दगी दी.

पढ़ें- CORONA से जंग : राजधानी जयपुर को सेनेटाइज करने निकले विधायक और निगम प्रशासक

उन्होंने 140 देशों में संस्थान के सेवाकेन्द्रों की स्थापना की. दादी दुनिया की पहली ऐसी महिला थी, जिन्होंने पिछले वर्ष 104 वर्ष की उम्र में 72 हजार किमी की यात्रा की थी. सााथ ही उन्हें विश्व की सबसे स्थिर चित्त महिला का खिताब भी मिला था.

दादी हमेशा भारतीय संस्कृति और भारतीयता को सम्मान दिया. इतने वर्षों तक विदेश में रहने के बावजूद भी उन्होंने विदेश की नागरिकता स्वीकार नहीं की. वे मन और आत्मा की शुद्धि और स्वच्छता के साथ बाहरी स्वच्छता पर भी ध्यान रखती और मुहिम चलाती थी. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन का ब्रांड अम्बेसडर बनाया था.

पढ़ेंः लॉक डाउन: जयपुर में दुकानों और मंडियों में अभी भी जनता की भीड़ उमड़ रही

उनके जीवन से प्रेरित होकर तकरीबन 46 हजार युवा बहनों ने अपना जीवन मानवता की सेवा में समर्पित कर दिया हो एक रुहानी फौज की शक्ल ले चुकी है. नारी शक्ति तथा मानवता के बीजारोपण के लिए हमेशा प्रयासरत रही दादी का जीवन एक कांच की तरह था.

लोक सभा स्पीकर ओम बिड़ला, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवानी, बीजेपी चीफ जेपी नड्डा, मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चैहान, छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उईके, राजस्थान के सीएम अशोक गहलौत, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, डिप्टी सीएम सचिन पायलट, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, केन्द्रिय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, राजस्थान के मंत्री बीडी कल्ला, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेष बघेल, एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस यदिरुप्पा, गुजरात के सीएम विजय रुपाणी, राज्यपाल देवब्रत आचार्य, बाबा रामदेव, आचार्य लोकेश मुनि, कांग्रेस नेता शशि थरुर, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष बृजमोहन अग्रवाल समेत बड़ी संख्या में नेता और अभिनेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की है.

सिरोही. महिलाओं द्वारा संचालिए दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक संगठन की मुखिया और स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांड अम्बेसडर राजयोगिनी दादी जानकी इस दुनिया को अलविदा कह गयी. 27 मार्च को प्रातः दो बजे जब अंतिम सांस ली तब पूरे विश्व के उनके चाहने वालों की आखें नम हो गयी. वे तकरीबन दो महीने से अस्वस्थ थी. माउण्ट आबू के ग्लोबल हास्पिटल में उनका इलाज चल रहा था.

ब्रह्माकुमारीज संस्था के शांतिवन में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. यह समय का खेल है कि दादी के उन वचनों को साकार कर दिया जब वे हमेशा कहती थी कि जब मैं शरीर छोड़ू तो एक पैसे भी खर्च नहीं होने चाहिए. दादी के इस देहावसान पर देश के राष्ट्पति रामनाथ कोविन्द, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, देश के गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह तथा बीजेपी चीफ जेपी नड्डा समेत तमाम नेताओं ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी है.

दादी जानकी का अंतिम संस्कार

जनवरी, 1916 में पाकिस्तान स्थित हैदराबाद सिंध में जन्मी राजयेागिनी दादी जानकी 21 वर्ष की उम्र में ब्रह्माकुमारीज संस्थान में समर्पित हो गयी. तब से लेकर आज तक पीछे मुड़कर नहीं देखा. सन् 1970 में पहली बार भारतीय दर्शन, मानवीय मूल्यों की स्थापना, राजयोग ध्यान के जरिए सकारात्मक जीवनशैली के लिए पश्चिमी देशों का रुख किया, लेकिन भले ही वे चैथी कक्षा तक पढ़ी हो लेकिन, उन्होंने पूरे विश्व के लोगों को मानवीय मूल्यों का पाठ पढ़ाकर नयी जिन्दगी दी.

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उन्होंने 140 देशों में संस्थान के सेवाकेन्द्रों की स्थापना की. दादी दुनिया की पहली ऐसी महिला थी, जिन्होंने पिछले वर्ष 104 वर्ष की उम्र में 72 हजार किमी की यात्रा की थी. सााथ ही उन्हें विश्व की सबसे स्थिर चित्त महिला का खिताब भी मिला था.

दादी हमेशा भारतीय संस्कृति और भारतीयता को सम्मान दिया. इतने वर्षों तक विदेश में रहने के बावजूद भी उन्होंने विदेश की नागरिकता स्वीकार नहीं की. वे मन और आत्मा की शुद्धि और स्वच्छता के साथ बाहरी स्वच्छता पर भी ध्यान रखती और मुहिम चलाती थी. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन का ब्रांड अम्बेसडर बनाया था.

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उनके जीवन से प्रेरित होकर तकरीबन 46 हजार युवा बहनों ने अपना जीवन मानवता की सेवा में समर्पित कर दिया हो एक रुहानी फौज की शक्ल ले चुकी है. नारी शक्ति तथा मानवता के बीजारोपण के लिए हमेशा प्रयासरत रही दादी का जीवन एक कांच की तरह था.

लोक सभा स्पीकर ओम बिड़ला, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवानी, बीजेपी चीफ जेपी नड्डा, मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चैहान, छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उईके, राजस्थान के सीएम अशोक गहलौत, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, डिप्टी सीएम सचिन पायलट, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, केन्द्रिय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, राजस्थान के मंत्री बीडी कल्ला, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेष बघेल, एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस यदिरुप्पा, गुजरात के सीएम विजय रुपाणी, राज्यपाल देवब्रत आचार्य, बाबा रामदेव, आचार्य लोकेश मुनि, कांग्रेस नेता शशि थरुर, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष बृजमोहन अग्रवाल समेत बड़ी संख्या में नेता और अभिनेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की है.

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