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सिरोही: बेटी ने किया पिता का अंतिम संस्कार...

किसी की मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार एक पुरुष या लड़का ही करता है, लेकिन सिरोही के आबूरोड में एक पिता की मृत्यु होने पर बेटी ने अपने पिता के शव को मुखाग्नि दी और उनका अंतिम संस्कार किया.

सिरोही की खबर, Aburod
पिता की मृत्यु पर बेटी ने दी मुखाग्नि
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Published : Feb 29, 2020, 6:14 PM IST

आबूरोड (सिरोही). समाज में बदलाव का दौर देखा जा रहा है. अक्सर बेटियों को पराया माना जाता था और उन्हें बेटे की अहमियत नहीं दी जाती थी. पर अब रूढ़िवादी परंपराओं से समाज आगे बढ़कर बेटियों को भी बेटों के बराबर मानने लगा है. कुछ ऐसा ही नजारा शनिवार को सिरोही जिले के आबूरोड में देखने को मिला. यहां पिता की मृत्यु के बाद बेटी ने पिता के शव को मुखाग्नि दी और हिन्दू रीति-रिवाजों से पिता का अंतिम संस्कार किया.

पिता की मृत्यु पर बेटी ने दी मुखाग्नि

हिंदू परंपरा के अनुसार एक पिता की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार और समस्त रीति रिवाज एक बेटे की ओर से किए जाते हैं, लेकिन अगर किसी पिता के बेटे ना हो तो भाई या अन्य रिश्तेदार मुखाग्नि देते हैं. पर अब परंपराओं में भी बदलाव का दौर देखा जा रहा है. बेटियों को परिवार का हिस्सा माना जा रहा है. जो काम बेटे कर सकते हैं, वह काम बेटियां भी कर सकती हैं.

पढ़ें- सिरोही: रेलवे अस्पताल में रक्तदान शिविर का आयोजन, कर्मचारियों ने बढ़ चढ़कर लिया हिस्सा

बता दें कि आबूरोड स्थित ब्रह्मपुरी निवासी मनोज अग्रवाल की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. मूल रूप से झारखंड निवासी मनोज अग्रवाल पिछले कई सालों से आबूरोड में निवासरत हैं. मनोज अग्रवाल की दो बेटियां हैं. जिसमें एक बेटी शादीशुदा है और एक बेटी पढ़ाई कर रही है. छोटी बेटी वर्षा अग्रवाल अपने पिता की मौत के बाद घर में अकेली थी. घर में मां और बेटी ही मौजूद थे. जिस पर आबूरोड शहर के अग्रवाल समाज, आसपास के लोग और रिश्तेदार घर पर आए और हिंदू रीति रिवाज से बेटी से अंतिम संस्कार करवाया गया. बेटी के अपने पिता की चिता को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार करने की शहर में हर किसी ने सराहना की.

आबूरोड (सिरोही). समाज में बदलाव का दौर देखा जा रहा है. अक्सर बेटियों को पराया माना जाता था और उन्हें बेटे की अहमियत नहीं दी जाती थी. पर अब रूढ़िवादी परंपराओं से समाज आगे बढ़कर बेटियों को भी बेटों के बराबर मानने लगा है. कुछ ऐसा ही नजारा शनिवार को सिरोही जिले के आबूरोड में देखने को मिला. यहां पिता की मृत्यु के बाद बेटी ने पिता के शव को मुखाग्नि दी और हिन्दू रीति-रिवाजों से पिता का अंतिम संस्कार किया.

पिता की मृत्यु पर बेटी ने दी मुखाग्नि

हिंदू परंपरा के अनुसार एक पिता की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार और समस्त रीति रिवाज एक बेटे की ओर से किए जाते हैं, लेकिन अगर किसी पिता के बेटे ना हो तो भाई या अन्य रिश्तेदार मुखाग्नि देते हैं. पर अब परंपराओं में भी बदलाव का दौर देखा जा रहा है. बेटियों को परिवार का हिस्सा माना जा रहा है. जो काम बेटे कर सकते हैं, वह काम बेटियां भी कर सकती हैं.

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बता दें कि आबूरोड स्थित ब्रह्मपुरी निवासी मनोज अग्रवाल की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. मूल रूप से झारखंड निवासी मनोज अग्रवाल पिछले कई सालों से आबूरोड में निवासरत हैं. मनोज अग्रवाल की दो बेटियां हैं. जिसमें एक बेटी शादीशुदा है और एक बेटी पढ़ाई कर रही है. छोटी बेटी वर्षा अग्रवाल अपने पिता की मौत के बाद घर में अकेली थी. घर में मां और बेटी ही मौजूद थे. जिस पर आबूरोड शहर के अग्रवाल समाज, आसपास के लोग और रिश्तेदार घर पर आए और हिंदू रीति रिवाज से बेटी से अंतिम संस्कार करवाया गया. बेटी के अपने पिता की चिता को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार करने की शहर में हर किसी ने सराहना की.

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