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खबर का असर: 14 साल से जंजीरों में जकड़े करण सिंह के इलाज और सहायता की प्रक्रिया शुरू - ईटीवी भारत की खबर

सीकर के चुवास गांव में 14 साल से जंजीरों में जकड़े करण सिंह की खबर ईटीवी भारत में प्रकाशित होने के बाद प्रशासन हरकत में आया है. प्रशासन की ओर से मेडिकल की टीम भेज कर करण सिंह का कोरोना सैंपल लिया गया. एसडीएम ने बताया कि सरकार की ओर से मनोचिकत्सालय में उसका इलाज करवाया जाएगा. साथ ही उसे सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा.

mentally deranged Karan Singh, Sikar News
14 साल से जंजीरों में जकड़े करण सिंह के इलाज की प्रक्रिया शुरू
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Published : Jun 17, 2020, 7:53 PM IST

सीकर. जिले के चुवास गांव में करीब 14 साल से जंजीरों में जकड़े करण सिंह और उसके परिवार के दिन फिरने वाले हैं. ईटीवी भारत की खबर के बाद हरकत में आए प्रशासन ने करण सिंह के इलाज और अन्य सुविधाओं देने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं.

करण सिंह की मदद की प्रक्रिया शुरू

ईटीवी भारत पर खबर प्रकाशित होने के बाद हरकत में आए प्रशासन ने करण सिंह के इलाज के लिए तैयारी शुरू कर दी है. सबसे पहले उसका कोविड-19 का सैंपल लिया गया है. साथ ही इलाज के लिए बीसीएमओ ने सीएमएचओ को लिखा है. कोरोना सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद उसे इलाज के लिए जयपुर या अन्य जगह पर मनोचिकित्सालय में भेजा जाएगा, जहां इलाज हो सकेगा.

पढ़ें- 14 साल से जंजीरों में जकड़ी 'जिंदगी', सरकार से मदद की गुहार

फतेहपुर की उपखंड अधिकारी शीलावती मीणा ने बताया कि करण सिंह के इलाज के लिए तैयारी शुरू कर दी है और जल्द ही उसका इलाज शुरू हो जाएगा. इसके साथ-साथ उसके राशन और पेंशन से जुड़े काम भी बहुत जल्दी पूरे कर दिए जाएंगे. उनकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. उसके आधार कार्ड के लिए एक बार फिर से टीम भेजी जाएगी. अगर उसके बाद भी फिंगरप्रिंट नहीं आए और आधार नहीं बना तो रेटीना से आधार कार्ड बनवाया जाएगा.

दिमागी हालत खराब होने के चलते परिजनों ने जंजीर से बांधा

बता दें कि चुवास गांव निवासी 42 वर्षीय करण सिंह शेखावत 14 साल से जंजीरों में जकड़े हुए एक कमरे में अपनी जिंदगी गुजार रहा था. 14 साल पहले उसकी दिमागी हालत खराब हुई थी. मिलने आने वाले लोगों को वह मारने के लिए दौड़ता था. परिजनों ने कई जगह इलाज करवाया, लेकिन कोई फायदा नहीं मिला. इसलिए परिजनों ने उसे एक कोठरी में जंजीरों से बांध दिया.

पढ़ें- कोविड-19 में चिकित्सकों की ड्यूटी लगने से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के भरोसे आयुर्वेदिक चिकित्सालय

अभी तक करण सिंह का आधार कार्ड तक नहीं बना है. इस वजह से उसे न तो सरकारी राशन मिलता था और न ही पेंशन मिलती थी. उसके परिवार को कोई भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा था. जिसको लेकर ईटीवी भारत की ओर से खबर प्रकाशित करने के बाद एसडीएम ने करण का इलाज कराने और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने का आश्वासन दिया है.

सीकर. जिले के चुवास गांव में करीब 14 साल से जंजीरों में जकड़े करण सिंह और उसके परिवार के दिन फिरने वाले हैं. ईटीवी भारत की खबर के बाद हरकत में आए प्रशासन ने करण सिंह के इलाज और अन्य सुविधाओं देने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं.

करण सिंह की मदद की प्रक्रिया शुरू

ईटीवी भारत पर खबर प्रकाशित होने के बाद हरकत में आए प्रशासन ने करण सिंह के इलाज के लिए तैयारी शुरू कर दी है. सबसे पहले उसका कोविड-19 का सैंपल लिया गया है. साथ ही इलाज के लिए बीसीएमओ ने सीएमएचओ को लिखा है. कोरोना सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद उसे इलाज के लिए जयपुर या अन्य जगह पर मनोचिकित्सालय में भेजा जाएगा, जहां इलाज हो सकेगा.

पढ़ें- 14 साल से जंजीरों में जकड़ी 'जिंदगी', सरकार से मदद की गुहार

फतेहपुर की उपखंड अधिकारी शीलावती मीणा ने बताया कि करण सिंह के इलाज के लिए तैयारी शुरू कर दी है और जल्द ही उसका इलाज शुरू हो जाएगा. इसके साथ-साथ उसके राशन और पेंशन से जुड़े काम भी बहुत जल्दी पूरे कर दिए जाएंगे. उनकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. उसके आधार कार्ड के लिए एक बार फिर से टीम भेजी जाएगी. अगर उसके बाद भी फिंगरप्रिंट नहीं आए और आधार नहीं बना तो रेटीना से आधार कार्ड बनवाया जाएगा.

दिमागी हालत खराब होने के चलते परिजनों ने जंजीर से बांधा

बता दें कि चुवास गांव निवासी 42 वर्षीय करण सिंह शेखावत 14 साल से जंजीरों में जकड़े हुए एक कमरे में अपनी जिंदगी गुजार रहा था. 14 साल पहले उसकी दिमागी हालत खराब हुई थी. मिलने आने वाले लोगों को वह मारने के लिए दौड़ता था. परिजनों ने कई जगह इलाज करवाया, लेकिन कोई फायदा नहीं मिला. इसलिए परिजनों ने उसे एक कोठरी में जंजीरों से बांध दिया.

पढ़ें- कोविड-19 में चिकित्सकों की ड्यूटी लगने से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के भरोसे आयुर्वेदिक चिकित्सालय

अभी तक करण सिंह का आधार कार्ड तक नहीं बना है. इस वजह से उसे न तो सरकारी राशन मिलता था और न ही पेंशन मिलती थी. उसके परिवार को कोई भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा था. जिसको लेकर ईटीवी भारत की ओर से खबर प्रकाशित करने के बाद एसडीएम ने करण का इलाज कराने और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने का आश्वासन दिया है.

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