सीकर. जिले के चुवास गांव में करीब 14 साल से जंजीरों में जकड़े करण सिंह और उसके परिवार के दिन फिरने वाले हैं. ईटीवी भारत की खबर के बाद हरकत में आए प्रशासन ने करण सिंह के इलाज और अन्य सुविधाओं देने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं.
ईटीवी भारत पर खबर प्रकाशित होने के बाद हरकत में आए प्रशासन ने करण सिंह के इलाज के लिए तैयारी शुरू कर दी है. सबसे पहले उसका कोविड-19 का सैंपल लिया गया है. साथ ही इलाज के लिए बीसीएमओ ने सीएमएचओ को लिखा है. कोरोना सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद उसे इलाज के लिए जयपुर या अन्य जगह पर मनोचिकित्सालय में भेजा जाएगा, जहां इलाज हो सकेगा.
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फतेहपुर की उपखंड अधिकारी शीलावती मीणा ने बताया कि करण सिंह के इलाज के लिए तैयारी शुरू कर दी है और जल्द ही उसका इलाज शुरू हो जाएगा. इसके साथ-साथ उसके राशन और पेंशन से जुड़े काम भी बहुत जल्दी पूरे कर दिए जाएंगे. उनकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. उसके आधार कार्ड के लिए एक बार फिर से टीम भेजी जाएगी. अगर उसके बाद भी फिंगरप्रिंट नहीं आए और आधार नहीं बना तो रेटीना से आधार कार्ड बनवाया जाएगा.
दिमागी हालत खराब होने के चलते परिजनों ने जंजीर से बांधा
बता दें कि चुवास गांव निवासी 42 वर्षीय करण सिंह शेखावत 14 साल से जंजीरों में जकड़े हुए एक कमरे में अपनी जिंदगी गुजार रहा था. 14 साल पहले उसकी दिमागी हालत खराब हुई थी. मिलने आने वाले लोगों को वह मारने के लिए दौड़ता था. परिजनों ने कई जगह इलाज करवाया, लेकिन कोई फायदा नहीं मिला. इसलिए परिजनों ने उसे एक कोठरी में जंजीरों से बांध दिया.
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अभी तक करण सिंह का आधार कार्ड तक नहीं बना है. इस वजह से उसे न तो सरकारी राशन मिलता था और न ही पेंशन मिलती थी. उसके परिवार को कोई भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा था. जिसको लेकर ईटीवी भारत की ओर से खबर प्रकाशित करने के बाद एसडीएम ने करण का इलाज कराने और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने का आश्वासन दिया है.