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सीकर : नगर परिषद ने करोड़ों की जमीन पट्टा पर दी...लोगों के विरोध के बाद रोकी फाइल - rajasthan

सीकर के नगर परिषद का एक अजीब कारनामा सामने आया है. नगर परिषद ने अपनी खुद की ही करोड़ों रुपए की जमीन पर किसी को पट्टा देने की तैयारी कर ली है.

सीकर नगर परिषद की खुद की करोड़ों की जमीन का दूसरों को पट्टा देने की तैयारी
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Published : Jun 18, 2019, 2:43 PM IST

Updated : Jun 18, 2019, 2:51 PM IST

सीकर. शहर के नगर परिषद ने अपनी खुद की ही करोड़ों रुपए की जमीन पर किसी को पट्टा देने की तैयारी कर ली है. यह जमीन होली खेड़ा की जमीन है यानी कि यहां पर बरसों से कई मोहल्लों के लोग होलिका दहन करते हैं. जब लोगों को पता चला तो उन्होंने कलेक्टर और आयुक्त से गुहार लगाई. इसके बाद नगर परिषद में पट्टे की फाइल को तो रोक दिया है लेकिन अभी तक इसे निरस्त नहीं किया है. जानकारी के मुताबिक सीकर में धोद रोड पर राव राजा कल्याण सिंह के वक्त होली खेड़ा के लिए जमीन दी गई थी.

नगर परिषद ने करोड़ों की जमीन पट्टा पर दी

इस जमीन पर करीब 50 साल से आसपास के लोग होलिका दहन करते हैं. नगर परिषद ने इस जमीन को अपने कब्जे में ले रखा है और इसके तारबंदी कर खुद का बोर्ड भी लगा रखा है. केवल होली के वक्त ही नगर परिषद यहां से तारबंदी हटाती है और साफ सफाई करवाती है, जिससे लोग यहां पर होलिका दहन कर सकें. इसी जमीन की कुछ लोगों ने रजिस्ट्री बनवा ली और नगर परिषद में पट्टे के लिए आवेदन कर दिया. खास बात यह है कि नगर परिषद ने इस पर पट्टा देने के लिए पूरी तैयारी कर ली और विज्ञापन जारी कर आपत्ति भी मांग ली.

जब स्थानीय लोगों को इसका पता चला तो उन्होंने इसका विरोध किया जिसके बाद नगर परिषद ने एक बार फाइल को रोक दिया. लेकिन अब फिर से पट्टे का विज्ञापन जारी किया है इसके बाद से लोगों में आक्रोश है और लोगों ने कलेक्टर और आयुक्त से भी मिलकर गुहार लगाई थी. इसके बाद एक बार फिर नगर परिषद ने पट्टे की फाइल को रोक दिया लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर नगर परिषद किस को फायदा पहुंचाने के लिए खुद की जमीन पर ही पट्टे जारी कर रहा है. इसी जमीन का पट्टा जारी करने की नगर परिषद ने पूरी तैयारी कर ली है लेकिन लोगों के विरोध के चलते नगर परिषद फिर से बैकफुट पर आई है.

सीकर. शहर के नगर परिषद ने अपनी खुद की ही करोड़ों रुपए की जमीन पर किसी को पट्टा देने की तैयारी कर ली है. यह जमीन होली खेड़ा की जमीन है यानी कि यहां पर बरसों से कई मोहल्लों के लोग होलिका दहन करते हैं. जब लोगों को पता चला तो उन्होंने कलेक्टर और आयुक्त से गुहार लगाई. इसके बाद नगर परिषद में पट्टे की फाइल को तो रोक दिया है लेकिन अभी तक इसे निरस्त नहीं किया है. जानकारी के मुताबिक सीकर में धोद रोड पर राव राजा कल्याण सिंह के वक्त होली खेड़ा के लिए जमीन दी गई थी.

नगर परिषद ने करोड़ों की जमीन पट्टा पर दी

इस जमीन पर करीब 50 साल से आसपास के लोग होलिका दहन करते हैं. नगर परिषद ने इस जमीन को अपने कब्जे में ले रखा है और इसके तारबंदी कर खुद का बोर्ड भी लगा रखा है. केवल होली के वक्त ही नगर परिषद यहां से तारबंदी हटाती है और साफ सफाई करवाती है, जिससे लोग यहां पर होलिका दहन कर सकें. इसी जमीन की कुछ लोगों ने रजिस्ट्री बनवा ली और नगर परिषद में पट्टे के लिए आवेदन कर दिया. खास बात यह है कि नगर परिषद ने इस पर पट्टा देने के लिए पूरी तैयारी कर ली और विज्ञापन जारी कर आपत्ति भी मांग ली.

जब स्थानीय लोगों को इसका पता चला तो उन्होंने इसका विरोध किया जिसके बाद नगर परिषद ने एक बार फाइल को रोक दिया. लेकिन अब फिर से पट्टे का विज्ञापन जारी किया है इसके बाद से लोगों में आक्रोश है और लोगों ने कलेक्टर और आयुक्त से भी मिलकर गुहार लगाई थी. इसके बाद एक बार फिर नगर परिषद ने पट्टे की फाइल को रोक दिया लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर नगर परिषद किस को फायदा पहुंचाने के लिए खुद की जमीन पर ही पट्टे जारी कर रहा है. इसी जमीन का पट्टा जारी करने की नगर परिषद ने पूरी तैयारी कर ली है लेकिन लोगों के विरोध के चलते नगर परिषद फिर से बैकफुट पर आई है.

Intro:सीकर
सीकर नगर परिषद का एक अजीब कारनामा सामने आया है। नगर परिषद ने अपनी खुद की ही करोड़ों रुपए की जमीन पर किसी को पट्टा देने की तैयारी कर ली है। यह जमीन होली खेड़ा की जमीन है यानी कि यहां पर बरसों से कई मोहल्लों के लोग होलिका दहन करते हैं। जब लोगों को पता चला तो उन्होंने कलेक्टर और आयुक्त से गुहार लगाई इसके बाद नगर परिषद में पट्टे की फाइल को तो रोक दिया है लेकिन अभी तक इसे निरस्त नही किया है।


Body:जानकारी के मुताबिक सीकर में धोद रोड पर राव राजा कल्याण सिंह के वक्त होली खेड़ा के लिए जमीन दी गई थी। इस जमीन पर करीब 50 साल से आसपास के लोग होलिका दहन करते हैं। नगर परिषद ने इस जमीन को अपने कब्जे में ले रखा है और इसके तारबंदी कर खुद का बोर्ड भी लगा रखा है। केवल होली के वक्त ही नगर परिषद यहां से तारबंदी हटाती है और साफ सफाई करवाती है जिससे लोग यहां पर होलिका दहन कर सकें। किसी जमीन की कुछ लोगों ने रजिस्ट्री बनवा ली और नगर परिषद में पट्टे के लिए आवेदन कर दिया। खास बात यह है कि नगर परिषद ने इस पर पट्टा देने के लिए पूरी तैयारी कर ली और विज्ञापन जारी कर आपत्ति भी मांग ली। जब स्थानीय लोगों को इसका पता चला तो उन्होंने इसका विरोध किया तो नगर परिषद ने एक बार फाइल को रोक दिया। लेकिन अब फिर से पट्टे का विज्ञापन जारी किया है इसके बाद से लोगों में आक्रोश है और लोगों ने कलेक्टर और आयुक्त से भी मिलकर गुहार लगाई थी। इसके बाद एक बार फिर नगर परिषद ने पट्टे की फाइल को रोक दिया लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर नगर परिषद किस को फायदा पहुंचाने के लिए खुद की जमीन पर ही पट्टे जारी कर रहा है।


Conclusion:सीकर नगर परिषद की खुद की जमीन है जिस पर नगर परिषद का बोर्ड भी लगा है और नगर परिषद ने यहां तारबंदी भी करवा रखी है। इसी जमीन का पट्टा जारी करने की नगर परिषद ने पूरी तैयारी कर ली है लेकिन लोगों के विरोध के चलते नगर परिषद फिर से बैकफुट पर आई है।
Last Updated : Jun 18, 2019, 2:51 PM IST
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