खंडेला (सीकर). जिले की खंडेला नगर पालिका को लेकर अध्यक्ष पद को लेकर 28 जनवरी को चुनाव होंगे. जिसको लेकर सोमवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई. अभी तक आठ आवेदकों ने अपना आवदेन जमा करवाया है. नगरपालिका का गठन 1945 में हुआ था. खंडेला में अभी तक आठ नगरपालिका अध्यक्ष रह चुके हैं. शुरू से ही नगरपालिका अध्यक्ष पद पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा रहा है. सन 1995 में निर्दलीय गुलज़ारी कुमावत अध्यक्ष चुने गए थे. इस बार भी नगरपालिका अध्यक्ष पद के सामान्य सीट के लिए आरक्षित है.
इस बार कांग्रेस पार्टी से विधानसभा प्रत्याशी रहे सुभाष मील के समर्थकों के चुनावी मैदान में शामिल होने से इसका सीधा नुकसान कांग्रेस पार्टी को ही होगा. हालांकि, परिस्थितियों को देखते हुए चुनावों में भाजपा कमजोर नजर आ रही है. पिछली बार भी भाजपा ने 20 वार्डों में सिर्फ 4 पर ही सिमट गई थी और कांग्रेस पार्टी ने 13 सीटों पर जीत दर्ज की थी और 3 पर निर्दलीयों ने जीत दर्ज की थी. तीनों निर्दलीय कांग्रेस पार्टी के समर्थन में थे.
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इस बार भी भाजपा के गढ़ कहे जाने वाले वार्ड नंबर 24 और 25 में दावेदारों कि संख्या ज्यादा होने के कारण खतरा मंडरा रहा है. पिछली बार भाजपा के पूर्व वार्ड संख्या 19 में भाजपा के वार्ड में निर्दलीय ने बाजी मारी थी. इस बार सुभाष मिल समर्थक चुनावी मैदान में शामिल होने से कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है. 25 वार्डों में कुछ वार्डों में रोचक मुकाबले देखने को मिलेंगे. अपने आप को नगरपालिका अध्यक्ष का दावेदार मान कर चलने वाले अन्य वार्डो में अपने पक्ष के प्रत्याशियों को टिकट दिलाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं. जिससे उनकी आगे की राह आसान हो जाए.
पार्टी के आलाकमान रायमशुरी करने में लगे हुए हैं कि किस वार्ड में कौनसा प्रत्याशी पार्टी को जीत दिला सकता है. वहीं, पार्टी से टिकट कटने पर निर्दलीयों का समर्थन करता हुआ नजर आ सकता है. हर बार आसानी से जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस पार्टी की राह आसान नहीं होंगी. 2010 में 20 वार्डो में भाजपा के पक्ष में 12 वार्ड आए थे. लेकिन, सीधे मुकाबले में नगरपालिका अध्यक्ष पद पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था. इस बार पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष पवन कुमार गोयल चुनाव नहीं लड रहे हैं. लेकिन, उनके परिवार से कोई अन्य चुनाव लड सकता है. वहीं, नगरपालिका क्षेत्र में विधायक महादेव सिंह के करीबी चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं. नगरपालिका में कुल 25 वार्ड है. नगरपालिका अध्यक्ष पद पर सबसे ज्यादा बार मौलवी अब्दुल हई रहे. मौलवी अब्दुल हई हमेशा सबको साथ लेकर चले थे. जिस वजह से लंबे समय तक नगरपालिका अध्यक्ष पद पर काबिज रहे. पिछले चुनावों में 20 वार्डो में से 13 कांग्रेस के पार्षद जीते, चार पार्षद भाजपा और तीन निर्दलीयों ने जीत दर्ज की थी पवन कुमार गोयल को नगरपालिका अध्यक्ष बनाया गया था.
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मौलवी अब्दुल सबसे ज्यादा बार नगरपालिका अध्यक्ष पद पर रहे
1945 में नगरपालिका का गठन हुआ. प्रशासन की ओर से डॉ. ढण्ड अध्यक्ष रहे. उसके बाद 1958 में पालिका सीमा गजट नोटिफिकेशन जारी हुआ.
विश्वम्भर दयाल तिवाड़ी और उसके कुछ समय बाद बिहारीलाल तिवाडी, 1960 से 1963 तक श्री मोहन कलावटिया, 1963 से 1995 तक मौलवी अब्दुल हई, 1995 से 2000 तक गुलजारीलाल कुमावत, 2000 से 2005 तक फातमा मलकान, 2005 से 2010 तक मौलवी अब्दुल हई, 2010 से2015 तक फातमा मलकान, 2015 से 2020 तक पवन कुमार गोयल रहे. पिछले नगरपालिका चुनावों में भाजपा का मतदान प्रतिशत 35.35 प्रतिशत रहा और कांग्रेस का 47. 27 प्रतिशत रहा था. कांग्रेस पार्टी का वोट प्रतिशत ज्यादा रहा. पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष ने बताई अपनी उपलब्धियां नगरपालिका पूर्व अध्यक्ष पवन कुमार गोयल ने कहा कि उनके कार्यकाल में बहुत काम हुए हैं.
कांग्रेस पार्टी से याकूब मलकान सबसे मजबूत दावेदार
वार्ड नंबर 23 से उम्मीदवार याकूब कांग्रेस पार्टी से नगरपालिका अध्यक्ष पद के लिए मजबूत दावेदार है. पूर्व में इनकी पत्नी भी दो बार नगरपालिका अध्यक्ष रह चुकी है और याकूब भी दो बार पार्षद रह चुके हैं. 2010 मेंयाकूब मलकान की पत्नी फातमा मलकान ने जीत दर्ज की थी. इस बार भी अध्यक्ष के लिए सबसे मजबूत दावेदार हैं.
- कुल वार्ड 25
- महिला आरक्षित 8
- सामान्य 11
- एससी 3
- एसटी
- ओबीसी 3
- कुल वोट 17519
- महिला वोट 8272
- पुरुष वोट 9247