सीकर. जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए सीकर के लाल दीपचंद वर्मा का पार्थिव शरीर गुरुवार को उनके गांव बावड़ी में पंचतत्व में विलीन हो गया. शहीद को उनके जुड़वां बेटों विनय और विनीत ने मुखाग्नि दी.
शहीदे दीपचंद वर्मा 1 दिन पहले जम्मू कश्मीर के सोपोर इलाके में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे. गुरुवार शाम उनका शव उनके पैतृक गांव बावड़ी पहुंचा, जहां पर कुछ देर के लिए परिजनों के दर्शनार्थ रखा गया. इसके बाद गांव में शव यात्रा निकाली गई और गांव के श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया.
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इस दौरान उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती, विधायक महादेव सिंह खंडेला, भाजपा जिला अध्यक्ष इंदिरा चौधरी सहित कई जनप्रतिनिधि पहुंचे. इसके अलावा सीआरपीएफ के अधिकारी, स्थानीय कलेक्टर और एसपी ने उन्हें सलामी दी.
जयकारों से गुंजायमान हो उठा आसमान
शहीद की पार्थिव देह को दिल्ली से सड़क मार्ग के जरिए गांव तक लाया गया. रींगस से उनके गांव बावड़ी तक युवाओं ने बाइक रैली निकाली और भारत माता के जयकारे लगाए. उनके शव यात्रा के दौरान भी देश भक्ति गीत गूंजता रहा और जयकारा लगता रहा.
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के रेबन सोपोर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) की पार्टी पर बुधवार सुबह आतंकी हमले में बावड़ी निवासी सीआरपीएफ जवान दीपचंद वर्मा शहीद हो गए थे. सोपोर के मॉडल टाउन में CRPF की पेट्रोलिंग पार्टी पर बुधवार को सुबह आतंकियों की ओर से अंधाधुंध फायरिंग की गई. जिसमें तीन जवान और दो नागरिक गंभीर घायल हो गए. घायलों को तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती कराया था. जहां पर उपचार के दौरान बावड़ी निवासी सैनिक दीपचन्द वर्मा ने दम तोड़ दिया था.