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सीकर-रींगस हाईवे पर हरे भरे पेड़ों को काटा गया, ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन

सीकर-रींगस हाईवे पर हरे भरे पेड़ों को काटा जा रहा है. ग्रामीणों ने वन विभाग के खिलाफ विरोध जताते हुए कहा कि, अगर वन विभाग इसके खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगा तो मजबूरन ग्रामीणों को आंदोलन करना पड़ेगा.

हाईवे पर पेड़ों की कटाई, Harvesting trees on the highway
पेड़ों को काटने का ग्रामीणों ने जताया विरोध
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Published : Jul 8, 2020, 10:03 AM IST

खंडेला (सीकर). जिले की खंडेला विधानसभा की ग्राम पंचायत बावड़ी में सीकर-रींगस हाईवे पर हरे भरे पेड़ों को काटा जा रहा है. जब ग्रामीणों को इस बात का पता चला तो उन्होंने इसका विरोध जताया. साथ ही वन विभाग पर अनदेखी का आरोप भी लगाया है. बावड़ी ग्राम में पट्रोल पंप के समीप लॉकडाउन का फायदा उठा कर लोगों ने करीब 25 हरे पेड़ों को मशीन से काट दिया. जिसको लेकर ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया.

पेड़ों को काटने का ग्रामीणों ने जताया विरोध

ग्रामीणों ने बताया कि बुधवार को भी कटे हुए कुछ पेड़ सुखकर जमीन पर पड़े हैं. लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने इसकी सुध तक नहीं ली. ग्रामीणों ने बताया कि लॉकडाउन में रात के समय मशीन से एक-एक करके करीब 25 से 30 तक हरे पेड़ काट दिए गए.

पढ़ेंः चूरू में फिर रिश्ते शर्मसार, विवाहिता ने ससुर पर लगाया दुष्कर्म का आरोप

ऐसे में एक तरफ तो केंद्र और राज्य सरकार पर्यावरण को बचाने के लिए पेड़-पौधे लगाने के लिए कदम उठा रही है. तो वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग अपना फायदा करने के लिए पेड़ों कि कटाई किए जा रहे हैं. बावड़ी के ग्रामीणों ने वन विभाग के खिलाफ नारे लगाकर विरोध प्रदर्शन किया गया.

कौन है जिम्मेदारः

ग्रामीणों ने बताया कि एनएच के दोनों तरफ हरे-भरे पेड़ लगे हुए हैं. हाईवे पर एनएचएआई की गाड़ी भी घूमती रहती है फिर भी हाईवे के पास से पेड़ काटे गए. ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग की लापरवाही की वजह से इतने पेड़ कटे हैं.

पढ़ेंः राजस्थान में हैवानियत की हद पार, बूंदी में दुष्कर्म के बाद युवती को जिंदा जलाकर मार डाला

निष्पक्ष जांच होः

ग्रामीणों की मांग है कि पेड़ काटने वाले के खिलाफ निष्पक्ष जांच कर उचित कार्रवाई की जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो ग्रामीणों को मजबूर होकर आंदोलन करना पड़ेगा. इस मौके पर राजवीर सिंह शेखावत, हरिसिंह बाजिया, रामसिंह बाजिया, मोहन लाल बाजिया, हरलाल बाजिया सहित अन्य काफी ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया.

खंडेला (सीकर). जिले की खंडेला विधानसभा की ग्राम पंचायत बावड़ी में सीकर-रींगस हाईवे पर हरे भरे पेड़ों को काटा जा रहा है. जब ग्रामीणों को इस बात का पता चला तो उन्होंने इसका विरोध जताया. साथ ही वन विभाग पर अनदेखी का आरोप भी लगाया है. बावड़ी ग्राम में पट्रोल पंप के समीप लॉकडाउन का फायदा उठा कर लोगों ने करीब 25 हरे पेड़ों को मशीन से काट दिया. जिसको लेकर ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया.

पेड़ों को काटने का ग्रामीणों ने जताया विरोध

ग्रामीणों ने बताया कि बुधवार को भी कटे हुए कुछ पेड़ सुखकर जमीन पर पड़े हैं. लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने इसकी सुध तक नहीं ली. ग्रामीणों ने बताया कि लॉकडाउन में रात के समय मशीन से एक-एक करके करीब 25 से 30 तक हरे पेड़ काट दिए गए.

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ऐसे में एक तरफ तो केंद्र और राज्य सरकार पर्यावरण को बचाने के लिए पेड़-पौधे लगाने के लिए कदम उठा रही है. तो वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग अपना फायदा करने के लिए पेड़ों कि कटाई किए जा रहे हैं. बावड़ी के ग्रामीणों ने वन विभाग के खिलाफ नारे लगाकर विरोध प्रदर्शन किया गया.

कौन है जिम्मेदारः

ग्रामीणों ने बताया कि एनएच के दोनों तरफ हरे-भरे पेड़ लगे हुए हैं. हाईवे पर एनएचएआई की गाड़ी भी घूमती रहती है फिर भी हाईवे के पास से पेड़ काटे गए. ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग की लापरवाही की वजह से इतने पेड़ कटे हैं.

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निष्पक्ष जांच होः

ग्रामीणों की मांग है कि पेड़ काटने वाले के खिलाफ निष्पक्ष जांच कर उचित कार्रवाई की जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो ग्रामीणों को मजबूर होकर आंदोलन करना पड़ेगा. इस मौके पर राजवीर सिंह शेखावत, हरिसिंह बाजिया, रामसिंह बाजिया, मोहन लाल बाजिया, हरलाल बाजिया सहित अन्य काफी ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया.

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