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संसदीय कार्य मंत्री ने नियमों का हवाला देकर नए जिले रद्द करने पर चर्चा रोकी, विपक्ष बोला- सरकार बचना चाह रही है - RAJASTHAN VIDHANSABHA

कांग्रेस के सुरेश मोदी सहित विधायकों ने जिले व संभाग खत्म करने को लेकर स्थगन प्रस्ताव लगाया था.

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राजस्थान विधानसभा भवन (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 5, 2025, 5:55 PM IST

Updated : Feb 5, 2025, 8:37 PM IST

जोधपुर: राज्य विधानसभा में बुधवार को शून्यकाल में कांग्रेस विधायक सुरेश मोदी सहित तीस विधायकों ने रद्द किए गए तीन संभागों और जिलों पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव लगाया गया. इस पर विधानसभाध्यक्ष ने बोलने की अनुमति दे दी, लेकिन संसदीय मंत्री जोगाराम पटेल ने विधानसभा नियमावली के तहत न्यायालय में लंबित मामलों पर चर्चा नहीं करने की बात कही. इससे विधानसभा में गतिरोध पैदा हो गया. विपक्ष ने इसे मुदृदा बनाकर हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे के चलते 15 मिनट के लिए विधानसभा को स्थगित कर दिया गया. इसके बाद जब विधानसभा दुबारा शुरू हुई तो लगातार नारेबाजी के बीच विधायकों ने अपने प्रस्ताव की पर्चियां पढ़ी. विधानसभा अध्यक्ष ने आगे आधे घंटे तक इस विषय पर चर्चा करने की बात कही, लेकिन विपक्ष का गतिरोध चलता रहा.

दरअसल, संसदीय मंत्री ने जब न्यायालय में लंबित मामले पर चर्चा नहीं करने का नियम की बात कही तो नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार न्यायालय में लंबित मामले बताकर इस मामले पर चर्चा से बचना चाहती है, जबकि स्पीकर ने इसकी व्यवस्था दी है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिन जिलों को लेकर कोर्ट में याचिका है. हम उनका नाम नहीं लेंगे, लेकिन चर्चा होनी चाहिए. इस पर भी संसदीय मंत्री ने फिर नियमों का हवाला देते हुए कहा कि इस पर चर्चा नहीं हो सकती. विधानसभा अध्यक्ष ने अपने चैंबर में दोनों पक्षों से बात कर निर्णय की बात कही, लेकिन विपक्ष शांत नहीं हुआ. इसके बाद विधानसभा कार्रवाई 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई. वापस शुरू हुई तो फिर लगातार नारेबाजी के बीच विधायक बोलते रहे.

विधानसभा कार्रवाई (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें: वर्तमान विधानसभा सत्र में अधिकांश कार्य हो रहा पेपरलेस, बच रहा समय, हो रही सुविधा: ​वासुदेव देवनानी

स्पीकर ने व्यवस्था दे दी तो करवाएं चर्चा: पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने मंत्री जोगाराम पटेल को जवाब देते हुए कहा कि जिस नियम का हवाला दिया जा रहा है, उसी के तहत यह व्यवस्था है, जिसमें स्पीकर व्यवस्था दे सकते हैं. अब स्पीकर ने व्यवस्था दे दी है तो चर्चा करवानी होगी. यहां विवाद आप स्वयं कर रहे हैं. पूर्व मंत्री सुभाष गर्ग ने कहा कि ऐसे तो न्यायालय में लंबित विषय बताकर कोई चर्चा नहीं हो सकेगी तो सदन का महत्व नहीं रहेगा. सरकार इससे बचने के लिए रास्ता निकाल रही हैं. जो सही नहीं है. शून्यकाल में शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी और चितौड़गढ़ विधायक चंद्रभानसिंह सहित अन्य ने अपनी बात कही.

यह भी पढ़ें: अतिवृष्टि और मुआवजे पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट दिखा विपक्ष

स्पीकर ने दी यह व्यवस्था: इस मुद्दे पर भोजनावकाश के बाद स्पीकर ने व्यवस्था दी कि कल नए जिलों को खत्म करने के मामले पर चर्चा होगी. इसमें कांग्रेस के दो सदस्य अपनी बात रखेंगे. विधायक रामकेश मीणा और विधायक सुरेश मोदी इस मुद्दे पर अपनी बात रखेंगे. स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा ​कि सरकार की तरफ से मंत्री जवाब भी देंगे. स्पीकर की व्यवस्था के बाद सदन का गतिरोध खत्म हो सका.

जोधपुर: राज्य विधानसभा में बुधवार को शून्यकाल में कांग्रेस विधायक सुरेश मोदी सहित तीस विधायकों ने रद्द किए गए तीन संभागों और जिलों पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव लगाया गया. इस पर विधानसभाध्यक्ष ने बोलने की अनुमति दे दी, लेकिन संसदीय मंत्री जोगाराम पटेल ने विधानसभा नियमावली के तहत न्यायालय में लंबित मामलों पर चर्चा नहीं करने की बात कही. इससे विधानसभा में गतिरोध पैदा हो गया. विपक्ष ने इसे मुदृदा बनाकर हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे के चलते 15 मिनट के लिए विधानसभा को स्थगित कर दिया गया. इसके बाद जब विधानसभा दुबारा शुरू हुई तो लगातार नारेबाजी के बीच विधायकों ने अपने प्रस्ताव की पर्चियां पढ़ी. विधानसभा अध्यक्ष ने आगे आधे घंटे तक इस विषय पर चर्चा करने की बात कही, लेकिन विपक्ष का गतिरोध चलता रहा.

दरअसल, संसदीय मंत्री ने जब न्यायालय में लंबित मामले पर चर्चा नहीं करने का नियम की बात कही तो नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार न्यायालय में लंबित मामले बताकर इस मामले पर चर्चा से बचना चाहती है, जबकि स्पीकर ने इसकी व्यवस्था दी है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिन जिलों को लेकर कोर्ट में याचिका है. हम उनका नाम नहीं लेंगे, लेकिन चर्चा होनी चाहिए. इस पर भी संसदीय मंत्री ने फिर नियमों का हवाला देते हुए कहा कि इस पर चर्चा नहीं हो सकती. विधानसभा अध्यक्ष ने अपने चैंबर में दोनों पक्षों से बात कर निर्णय की बात कही, लेकिन विपक्ष शांत नहीं हुआ. इसके बाद विधानसभा कार्रवाई 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई. वापस शुरू हुई तो फिर लगातार नारेबाजी के बीच विधायक बोलते रहे.

विधानसभा कार्रवाई (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें: वर्तमान विधानसभा सत्र में अधिकांश कार्य हो रहा पेपरलेस, बच रहा समय, हो रही सुविधा: ​वासुदेव देवनानी

स्पीकर ने व्यवस्था दे दी तो करवाएं चर्चा: पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने मंत्री जोगाराम पटेल को जवाब देते हुए कहा कि जिस नियम का हवाला दिया जा रहा है, उसी के तहत यह व्यवस्था है, जिसमें स्पीकर व्यवस्था दे सकते हैं. अब स्पीकर ने व्यवस्था दे दी है तो चर्चा करवानी होगी. यहां विवाद आप स्वयं कर रहे हैं. पूर्व मंत्री सुभाष गर्ग ने कहा कि ऐसे तो न्यायालय में लंबित विषय बताकर कोई चर्चा नहीं हो सकेगी तो सदन का महत्व नहीं रहेगा. सरकार इससे बचने के लिए रास्ता निकाल रही हैं. जो सही नहीं है. शून्यकाल में शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी और चितौड़गढ़ विधायक चंद्रभानसिंह सहित अन्य ने अपनी बात कही.

यह भी पढ़ें: अतिवृष्टि और मुआवजे पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट दिखा विपक्ष

स्पीकर ने दी यह व्यवस्था: इस मुद्दे पर भोजनावकाश के बाद स्पीकर ने व्यवस्था दी कि कल नए जिलों को खत्म करने के मामले पर चर्चा होगी. इसमें कांग्रेस के दो सदस्य अपनी बात रखेंगे. विधायक रामकेश मीणा और विधायक सुरेश मोदी इस मुद्दे पर अपनी बात रखेंगे. स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा ​कि सरकार की तरफ से मंत्री जवाब भी देंगे. स्पीकर की व्यवस्था के बाद सदन का गतिरोध खत्म हो सका.

Last Updated : Feb 5, 2025, 8:37 PM IST
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