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महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज को कैंसर का टीका बनाने की मिली अनुमति, बना देश का पहला मेडिकल कॉलेज - CANCER VACCINE

जयपुर में चौथी वर्ल्ड कांग्रेस ऑन ट्रांसलेशनल कैंसर रिसर्च एंड इम्यूनोथेरेपी का आयोजन हुआ. इसमें देश विदेश से कैंसर रिसर्चर और विशेषज्ञ शामिल हुए.

Cancer Vaccine
MG हॉस्पिटल को कैंसर का टीका बनाने की मिली अनुमति (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 10, 2025, 10:28 PM IST

जयपुर : महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी में चौथी वर्ल्ड कांग्रेस ऑन ट्रांसलेशनल कैंसर रिसर्च एंड इम्यूनोथेरेपी (WCTCRI-2025) का शुभारंभ सोमवार को हुआ. इस अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर कैंसर इम्यूनोथेरेपी के निदेशक डॉ. अनिल सूरी के नेतृत्व में किया जा रहा है.

डेंड्रिटिक सेल वैक्सीन बनाने की मिली अनुमति : इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में देश के 14 राज्यों से 22 प्रतिष्ठित संस्थानों के कैंसर रिसर्चर तथा 9 अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल हुए हैं. कार्यक्रम का आयोजन आर एल स्वर्णकार ऑडिटोरियम में किया जा रहा है. कार्यक्रम में महात्मा गांधी अस्पताल के संस्थापक डॉ. एम एल स्वर्णकार ने जानकारी दी कि महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज को भारत सरकार के ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से डेंड्रिटिक सेल वैक्सीन बनाने की प्रथम स्तर की अनुमति मिल गई है. यह उपलब्धि हासिल करने वाला यह देश का पहला मेडिकल कॉलेज बन गया है. इस वैक्सीन से गॉल ब्लैडर, हेड एंड नेक और ओवेरियन कैंसर के इलाज में अच्छे नतीजे मिलने की उम्मीद है.

इसे भी पढ़ें- विश्व कैंसर दिवस विशेष : बीमारी के इलाज में क्रांतिकारी कदम, एडवांस स्टेज के कैंसर में भी ADC थेरेपी कारगर

कैंसर से बचाव के लिए टीकाकरण जरूरी : डॉ. स्वर्णकार ने बताया कि तंबाकू, सिगरेट, शराब, रेडिएशन एक्सपोजर और कुछ वायरस कैंसर के प्रमुख कारण हैं. इनमें ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) से सर्वाइकल कैंसर और हेपेटाइटिस ए व बी से लिवर कैंसर होने का खतरा रहता है. उन्होंने जोर दिया कि बच्चों को हेपेटाइटिस और बच्चियों को एचपीवी वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए, ताकि वे इस गंभीर बीमारी से बच सकें.

रिसर्च और अनुभवों का आदान-प्रदान : कॉन्फ्रेंस के पहले दिन देश-विदेश के कई जाने-माने वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने अपने कैंसर रिसर्च और अनुभव साझा किए. इनमें प्रमुख रूप से प्रो. रॉबर्ट क्लार्क, डॉ. नीना भारद्वाज, डॉ. गोपाल सी. कुंडू, डॉ. लीना हिलाकिवी-क्लार्क, डॉ. माधुरी लोणिकर, डॉ. दिनेश यादव, डॉ. दमन सलूजा, डॉ. राकेश कुमार, डॉ. संदीप सिंह, डॉ. शिखा ढल, डॉ. उमेश कुमार, डॉ. राहुल सिंह, डॉ. अपर्णा गर्ग, डॉ. मधु चोपड़ा सहित कई अन्य विशेषज्ञ शामिल रहे. विशेष सत्र में डॉ. हेमंत मल्होत्रा, प्रो. वी.के. कपूर और प्रो. (डॉ.) दुर्गातोष पांडे ने कैंसर रिसर्च से जुड़े नए पहलुओं पर चर्चा की.

विशेषज्ञों ने बताया कि वायरस इंफेक्शन भी कैंसर के बढ़ने का एक बड़ा कारण बन रहा है. इससे बचाव के लिए टीकाकरण और सही जीवनशैली अपनाने की जरूरत है. इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी के चेयरमैन डॉ. विकास सी. स्वर्णकार, संस्थापक डॉ. एम एल स्वर्णकार और वाइस चांसलर डॉ. अचल गुलाटी सहित कई प्रतिष्ठित कैंसर विशेषज्ञों ने भाग लिया. इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य कैंसर के बेहतर उपचार और रोकथाम के लिए नई तकनीकों और शोधों को बढ़ावा देना है.

जयपुर : महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी में चौथी वर्ल्ड कांग्रेस ऑन ट्रांसलेशनल कैंसर रिसर्च एंड इम्यूनोथेरेपी (WCTCRI-2025) का शुभारंभ सोमवार को हुआ. इस अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर कैंसर इम्यूनोथेरेपी के निदेशक डॉ. अनिल सूरी के नेतृत्व में किया जा रहा है.

डेंड्रिटिक सेल वैक्सीन बनाने की मिली अनुमति : इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में देश के 14 राज्यों से 22 प्रतिष्ठित संस्थानों के कैंसर रिसर्चर तथा 9 अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल हुए हैं. कार्यक्रम का आयोजन आर एल स्वर्णकार ऑडिटोरियम में किया जा रहा है. कार्यक्रम में महात्मा गांधी अस्पताल के संस्थापक डॉ. एम एल स्वर्णकार ने जानकारी दी कि महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज को भारत सरकार के ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से डेंड्रिटिक सेल वैक्सीन बनाने की प्रथम स्तर की अनुमति मिल गई है. यह उपलब्धि हासिल करने वाला यह देश का पहला मेडिकल कॉलेज बन गया है. इस वैक्सीन से गॉल ब्लैडर, हेड एंड नेक और ओवेरियन कैंसर के इलाज में अच्छे नतीजे मिलने की उम्मीद है.

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कैंसर से बचाव के लिए टीकाकरण जरूरी : डॉ. स्वर्णकार ने बताया कि तंबाकू, सिगरेट, शराब, रेडिएशन एक्सपोजर और कुछ वायरस कैंसर के प्रमुख कारण हैं. इनमें ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) से सर्वाइकल कैंसर और हेपेटाइटिस ए व बी से लिवर कैंसर होने का खतरा रहता है. उन्होंने जोर दिया कि बच्चों को हेपेटाइटिस और बच्चियों को एचपीवी वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए, ताकि वे इस गंभीर बीमारी से बच सकें.

रिसर्च और अनुभवों का आदान-प्रदान : कॉन्फ्रेंस के पहले दिन देश-विदेश के कई जाने-माने वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने अपने कैंसर रिसर्च और अनुभव साझा किए. इनमें प्रमुख रूप से प्रो. रॉबर्ट क्लार्क, डॉ. नीना भारद्वाज, डॉ. गोपाल सी. कुंडू, डॉ. लीना हिलाकिवी-क्लार्क, डॉ. माधुरी लोणिकर, डॉ. दिनेश यादव, डॉ. दमन सलूजा, डॉ. राकेश कुमार, डॉ. संदीप सिंह, डॉ. शिखा ढल, डॉ. उमेश कुमार, डॉ. राहुल सिंह, डॉ. अपर्णा गर्ग, डॉ. मधु चोपड़ा सहित कई अन्य विशेषज्ञ शामिल रहे. विशेष सत्र में डॉ. हेमंत मल्होत्रा, प्रो. वी.के. कपूर और प्रो. (डॉ.) दुर्गातोष पांडे ने कैंसर रिसर्च से जुड़े नए पहलुओं पर चर्चा की.

विशेषज्ञों ने बताया कि वायरस इंफेक्शन भी कैंसर के बढ़ने का एक बड़ा कारण बन रहा है. इससे बचाव के लिए टीकाकरण और सही जीवनशैली अपनाने की जरूरत है. इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी के चेयरमैन डॉ. विकास सी. स्वर्णकार, संस्थापक डॉ. एम एल स्वर्णकार और वाइस चांसलर डॉ. अचल गुलाटी सहित कई प्रतिष्ठित कैंसर विशेषज्ञों ने भाग लिया. इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य कैंसर के बेहतर उपचार और रोकथाम के लिए नई तकनीकों और शोधों को बढ़ावा देना है.

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