खंडेला (सीकर). केंद्र और राज्य सरकार जहां आंगनबाड़ी केंद्रों में आने वाले नौनिहालों को पौष्टिक आहार देने के बड़े-बड़े दावे कर रही है. वहीं, सरकारी मशीनरी की ढिलाई और उदासीनता के चलते नौनिहाल बिना पौष्टिक तत्व का खाना खाने पर मजबूर हो रहे हैं.
ऐसा ही एक मामला सीकर जिले के खंडेला पंचायत समिति की ग्राम पंचायत निमेडा से सामने आया है. जहां पर लगातार मिल रही शिकायतों के बीच सलेदीपुरा गांव में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर पाया गया कि वहां पर नौनिहालों को परोसा गए पोषाहार में ना तो दाल थी और ना ही चावल. साथ ही पोषाहार बनाने वाली कार्यकर्ता भी मौजूद नहीं थी.
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वहीं, जब आंगनबाड़ी सहायिका से पोषाहार की पौष्टिकता को लेकर सवाल किया गया तो सहायिका ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र में पोषाहार बनाते समय दाल खत्म हो गई थी, जिसे लेने के लिए बाजार भेजा गया है. साहायिका ने कहा कि जब दाल आ जाएगी तो खिचड़ी बना लेंगे.
लेकिन बच्चों की थाली में परोसा गया पोषाहार कुछ और ही बया कर रहा है. सरकार की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को दिए जाने वाले पोषाहार को लेकर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं. लेकिन तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि पोषाहार में पौष्टिकता एक फीसदी भी नहीं है.