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सीकर: वीर तेजाजी के बलिदान दिवस पर रक्तदान शिविर का आयोजन

सीकर जिले के दांतारामगढ़ में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में 522 रक्तदाताओं ने रक्तदान किया. गो रक्षक वीर तेजाजी महाराज के 917 वें बलिदान दिवस पर शिविर का आयोजन किया गया था.

blood donation camp, veer tejaji's 917 sacrifice day
वीर तेजाजी के बलिदान दिवस पर रक्तदान शिविर का आयोजन
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Published : Aug 28, 2020, 9:39 PM IST

दांतारामगढ़ (सीकर). गो रक्षक वीर तेजाजी महाराज के 917 वें बलिदान दिवस को तेजादशमी के रूप में मनाया जाता है. इस दौरान कस्बे में विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें 522 रक्तदाताओं ने रक्तदान किया. राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया था.

आयोजनकों ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते इस बार तेजाजी महाराज के बलिदान दिवस पर धार्मिक कार्यक्रम आयोजित नहीं करके पहली बार रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया है. जिसमें युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. शिविर में सवाई मानसिंह अस्पताल ब्लड बैंक, डॉ. रामपाल ब्लड बैंक और मित्तल ब्लड बैंक की टीमों ने रक्त संग्रहण किया. आयोजन समिति की तरफ से रक्तदाताओं को मोमेंटो एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया.

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खेजड़ी के पेड़ों की रक्षा करते हुए विश्नोई समाज के 363 लोगों ने अपनी जान कुर्बान कर दी थी

खेजड़ली बलिदान दिवस पर पुलिसकर्मियों ने किया पौधारोपण

जालोर जिले की सांकड़ पुलिस चौकी में ग्रामीणों एवं पुलिसकर्मियों ने पौधारोपण कर खेजड़ली बलिदान दिवस मनाया. खेजड़ी के पेड़ों की रक्षा करते हुए विश्नोई समाज के 363 लोगों ने अपनी जान कुर्बान कर दी थी. पर्यावरण संरक्षण के लिए गुरु जंभेश्वर भगवान ने करीब 550 साल पहले पेड़ों को नहीं काटने का संदेश दिया था. उनके द्वारा प्रणित 29 नियमों में नियम संख्या 20 'रूख लीलो नहीं घावे' में अनुयायियों को हरे वृक्ष नहीं काटने, वन्य प्राणियों व प्रकृति की रक्षा का संदेश दिया गया है. इसी नियम पर चलते हुए करीब 300 वर्ष पहले राजस्थान के खेजड़ली गांव में पेड़ों को कटने से बचाने के लिए अमृता देवी सहित विश्नोई समाज के 363 लोगों ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी और एक भी पेड़ नहीं कटने दिया था. आज भी विश्नोई समाज के लोग पर्यावरण संरक्षण को लेकर सबसे जागरूक हैं.

दांतारामगढ़ (सीकर). गो रक्षक वीर तेजाजी महाराज के 917 वें बलिदान दिवस को तेजादशमी के रूप में मनाया जाता है. इस दौरान कस्बे में विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें 522 रक्तदाताओं ने रक्तदान किया. राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया था.

आयोजनकों ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते इस बार तेजाजी महाराज के बलिदान दिवस पर धार्मिक कार्यक्रम आयोजित नहीं करके पहली बार रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया है. जिसमें युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. शिविर में सवाई मानसिंह अस्पताल ब्लड बैंक, डॉ. रामपाल ब्लड बैंक और मित्तल ब्लड बैंक की टीमों ने रक्त संग्रहण किया. आयोजन समिति की तरफ से रक्तदाताओं को मोमेंटो एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया.

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खेजड़ी के पेड़ों की रक्षा करते हुए विश्नोई समाज के 363 लोगों ने अपनी जान कुर्बान कर दी थी

खेजड़ली बलिदान दिवस पर पुलिसकर्मियों ने किया पौधारोपण

जालोर जिले की सांकड़ पुलिस चौकी में ग्रामीणों एवं पुलिसकर्मियों ने पौधारोपण कर खेजड़ली बलिदान दिवस मनाया. खेजड़ी के पेड़ों की रक्षा करते हुए विश्नोई समाज के 363 लोगों ने अपनी जान कुर्बान कर दी थी. पर्यावरण संरक्षण के लिए गुरु जंभेश्वर भगवान ने करीब 550 साल पहले पेड़ों को नहीं काटने का संदेश दिया था. उनके द्वारा प्रणित 29 नियमों में नियम संख्या 20 'रूख लीलो नहीं घावे' में अनुयायियों को हरे वृक्ष नहीं काटने, वन्य प्राणियों व प्रकृति की रक्षा का संदेश दिया गया है. इसी नियम पर चलते हुए करीब 300 वर्ष पहले राजस्थान के खेजड़ली गांव में पेड़ों को कटने से बचाने के लिए अमृता देवी सहित विश्नोई समाज के 363 लोगों ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी और एक भी पेड़ नहीं कटने दिया था. आज भी विश्नोई समाज के लोग पर्यावरण संरक्षण को लेकर सबसे जागरूक हैं.

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