सीकर. केंद्र सरकार की ओर से पारित किए गए तीनों कृषि कानूनों के विरोध में जहां गत वर्ष से ही किसान आंदोलन प्रारंभ हो चुका है. वहीं, देशभर के कई किसान आज भी दिल्ली बॉर्डर पर इन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर डटे हुए हैं.
आंदोलन को शुरू हुए 6 महीने पूरे हो चुके हैं. लेकिन फिर भी किसान पीछे हटने को तैयार नहीं है और अभी भी इन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर और एमएसपी पर खरीद का नया कानून बनाने की मांग को लेकर डटे हुए हैं.
इसी के तहत संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर संयुक्त किसान मोर्चा सीकर इकाई के पदाधिकारियों की तरफ से जिला कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रदर्शन किया गया.
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इसके साथ ही प्रधानमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. इस दौरान वर्तमान में राज्य सरकार की ओर से लागू किए गए गाइडलाइन की भी धज्जियां उड़ाई गई. इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा सीकर इकाई के पूर्व विधायक कॉमरेड पेमा राम ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से देश के किसानों को तबाह करने के लिए जो तीनों कानून लागू किए थे. उन तीनों काले कानूनों के विरोध में देशभर के किसानों ने पिछले 6 महीने से दिल्ली को चारों तरफ से घेर रखा है.
जहां केंद्र सरकार, खट्टर सरकार और योगी सरकार की ओर से कई बार तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश की. जिसमें सभी सड़कों को तोड़ा, कीले रोपी लेकिन फिर भी किसान पीछे नहीं हटे और आज भी वहीं बैठकर आंदोलन कर रहे हैं. इसके अलावा पेमा राम ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बुधवार को काला दिवस रूप में मनाते हुए काले झंडे फहराए गए.
साथ ही उन्होंने कहा कि या तो केंद्र सरकार समय रहते इन कानूनों को वापस ले या फिर कोरोना संक्रमण की स्थिति सही होने पर एक बार फिर दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन को मजबूत करने का कार्य हमारी ओर से किया जाएगा. जिसमें सीकर जिले के किसान शाहजहांपुर बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन को मजबूती प्रदान करने में अपनी अग्रणी भूमिका निभाएंगे.