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सीकरः श्रीमाधोपुर में मनाया गया गुरूनानक देव का 550वां प्रकाशोत्सव - भरतपुर डीग प्रकाशोत्सव खबर

सीकर के गुरूद्वारा सिंहसभा की ओर से मंगलवार को गुरूनानक देव का 550वां प्रकाशोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. मंगलवार सुबह गुरु-ग्रंथ साहिब के साप्ताहिक पाठ के समापन के बाद, आसा दी वार तथा शबद-कीर्तन हुआ.

गुरूनानक देव 550वां प्रकाशोत्सव, Guru Nanak Dev 550th prakashutsav
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Published : Nov 13, 2019, 5:40 PM IST

श्रीमाधोपुर (सीकर). मंगलवार को कस्बे के गुरूद्वारा सिंहसभा की ओर से गुरूनानक देव का ५५०वां प्रकाशोत्सव मनाया गया. जिसमें सुबह गुरु ग्रंथ साहिब के साप्ताहिक पाठ के बाद आसा दी वार तथा शबद-कीर्तन हुआ. वहीं सरदार अर्जुन सिंह वधवा ने बताया कि सामुहिक महाआरती के बाद अरदास कर देश में खुशहाली तथा सुख-समृद्धि की कामना भी की गई.

सीकर में मनाया गया गुरूनानक देव का 550वां प्रकाशोत्सव

बता दें कि, अरदास के बाद गुरूजी का अटूट लंगर बरपाया गया. जिसमें सर्वसमाज के हजारो श्रृद्धालुओं ने पंगत प्रसादी ग्रहण की. इस अवसर पर गुरूद्वारा सभा के प्रधान सतनाम सिंह, पूर्व विधायक झाबर सिंह खर्रा, ब्लाक कांग्रेस कमेठी अध्यक्ष रक्षपालदास स्वामी और विहिप के बृजेन्द्र जोशी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे. इससे पूर्व संगत की ओर से गणमान्यजनों का सिरोपाव भेंट कर सम्मान किया गया.

पढ़ें: स्पेशल स्टोरी: तीर्थ राज पुष्कर ही है सृष्टि की चेतना माता गायत्री का उद्भव स्थान...यहीं पर ब्रह्मा ने की थी गायत्री मंत्र की रचना

भरतपुर: डीग में हुआ गुरु नानक देव जयंती पर लंगर का आयोजन

भरतपुर के डीग में मंगलवार को सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले धर्मगुरु गुरु नानक देव की 550 वीं जयंती के मौके पर कस्बे में लंगर का आयोजन किया गया. साथ ही सिंह सभा गुरुद्वारा को सजाया गया है. इस दौरान यहां लगातार कीर्तनों का आयोजन हुआ.

डीग में हुआ गुरु नानक देव जयंती पर लंगर का आयोजन

इस मौके पर पंजाबी समाज के गणमान्य लोग मौजूद रहे. बता दें कि गुरु नानक का जन्म 1526 ई में कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा में हुआ था. यही कारण है कि, हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा को प्रकाशपर्व के रूप में मनाया जाता है.

पढ़ें: मंगल बना अ'मंगल', राजस्थान में तीन अलग-अलग हादसों में 12 की मौत

कहा जाता है कि, बचपन से ही नानक साहिब का मन संसारिक कामों में नहीं लगता था. वहीं आठ साल की आयु में ही, उनका स्कूल भी छूट गया था. एक बालक के रूप में भगवान की ओर ज्यादा लगाव होने से लोग इन्हें दिव्य पुरुष के रूप में मानने लगे थे.

श्रीमाधोपुर (सीकर). मंगलवार को कस्बे के गुरूद्वारा सिंहसभा की ओर से गुरूनानक देव का ५५०वां प्रकाशोत्सव मनाया गया. जिसमें सुबह गुरु ग्रंथ साहिब के साप्ताहिक पाठ के बाद आसा दी वार तथा शबद-कीर्तन हुआ. वहीं सरदार अर्जुन सिंह वधवा ने बताया कि सामुहिक महाआरती के बाद अरदास कर देश में खुशहाली तथा सुख-समृद्धि की कामना भी की गई.

सीकर में मनाया गया गुरूनानक देव का 550वां प्रकाशोत्सव

बता दें कि, अरदास के बाद गुरूजी का अटूट लंगर बरपाया गया. जिसमें सर्वसमाज के हजारो श्रृद्धालुओं ने पंगत प्रसादी ग्रहण की. इस अवसर पर गुरूद्वारा सभा के प्रधान सतनाम सिंह, पूर्व विधायक झाबर सिंह खर्रा, ब्लाक कांग्रेस कमेठी अध्यक्ष रक्षपालदास स्वामी और विहिप के बृजेन्द्र जोशी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे. इससे पूर्व संगत की ओर से गणमान्यजनों का सिरोपाव भेंट कर सम्मान किया गया.

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भरतपुर: डीग में हुआ गुरु नानक देव जयंती पर लंगर का आयोजन

भरतपुर के डीग में मंगलवार को सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले धर्मगुरु गुरु नानक देव की 550 वीं जयंती के मौके पर कस्बे में लंगर का आयोजन किया गया. साथ ही सिंह सभा गुरुद्वारा को सजाया गया है. इस दौरान यहां लगातार कीर्तनों का आयोजन हुआ.

डीग में हुआ गुरु नानक देव जयंती पर लंगर का आयोजन

इस मौके पर पंजाबी समाज के गणमान्य लोग मौजूद रहे. बता दें कि गुरु नानक का जन्म 1526 ई में कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा में हुआ था. यही कारण है कि, हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा को प्रकाशपर्व के रूप में मनाया जाता है.

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कहा जाता है कि, बचपन से ही नानक साहिब का मन संसारिक कामों में नहीं लगता था. वहीं आठ साल की आयु में ही, उनका स्कूल भी छूट गया था. एक बालक के रूप में भगवान की ओर ज्यादा लगाव होने से लोग इन्हें दिव्य पुरुष के रूप में मानने लगे थे.

Intro:श्रीमाधोपुर सीकर
गुरूनानक देव का 550वां प्रकाशोत्सव मनाया
अटूट लंगर में उमड़ा जनसैलाब
श्रीमाधोपुर। कस्बे के गुरूद्वारा सिंहसभा द्वारा मंगलवार को गुरूनानक देव का 550वां प्रकाशोत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया।Body:गुरूनानक देव का प्रकाशोत्सव मनाया
अटूट लंगर में उमड़ा जनसैलाब
श्रीमाधोपुर। कस्बे के गुरूद्वारा सिंहसभा द्वारा मंगलवार को गुरूनानक देव का ५५०वां प्रकाशोत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया। सरदार अर्जुन सिंह वधवा ने बताया कि सुबह गुरु ग्रंथ साहिब के साप्ताहिक पाठ के समापन के बाद आसा दी वार तथा शबद-कीर्तन हुआ। रागी जत्थे एवं प्रचारक भाई रणजीत सिंह व भाई चरणजीत सिंह अलवर वालों व रतन सिंह साहनी ने गुरुवाणी सतगुरू नानक प्रकट्या.....तथा कल तारन गुरू नानक आया.... पिता वारियां ते लाल चारे-वारे ओ हिन्दू तेरी शान बदली... जैसे भजन कीर्तन से संगत को निहाल किया। वहीं सामुहिक महाआरती के बाद अरदास कर देश में खुशहाली तथा सुख-समृघि की कामना की। अरदास के बाद गुरूजी का अटूट लंगर बरपाया गया जिसमें सर्वसमाज के हजारो श्रृृद्धालुओ ने पंगत प्रसादी ग्रहण की। इस अवसर पर गुरूद्वारा सभा के प्रधान सतनाम सिंह, दयालदास पंजाबी, अमरजीत सिंह, रमेश वधवा, पूर्व विधायक झाबर सिंह खर्रा, ब्लाक कांग्रेस कमेठी अध्यक्ष रक्षपालदास स्वामी, विहिप के बृजेन्द्र जोशी, अशोक पारीक, उदयभान धींगड़ा रींगस, सतपाल सपरा, लालचन्द पंजाबी, सरदार अमरीक सिंह, बॉबी सिंह, रामदीन चुलेट, कन्हैयालाल सार्दुल, जुगल चौधरी सहित कस्बे के गणमान्यजनों व भक्तगणो ने भाग लिया। इससे पूर्व संगत द्वारा गणमान्यजनों का सिरोपाव भेंंट कर सम्मान किया गया।Conclusion:अरदास के बाद गुरूजी का अटूट लंगर बरपाया गया जिसमें सर्वसमाज के हजारो श्रृृद्धालुओ ने पंगत प्रसादी ग्रहण की। इस अवसर पर गुरूद्वारा सभा के प्रधान सतनाम सिंह, दयालदास पंजाबी, अमरजीत सिंह, रमेश वधवा, पूर्व विधायक झाबर सिंह खर्रा, ब्लाक कांग्रेस कमेठी अध्यक्ष रक्षपालदास स्वामी, विहिप के बृजेन्द्र जोशी, अशोक पारीक, उदयभान धींगड़ा रींगस, सतपाल सपरा, लालचन्द पंजाबी, सरदार अमरीक सिंह, बॉबी सिंह, रामदीन चुलेट, कन्हैयालाल सार्दुल, जुगल चौधरी सहित कस्बे के गणमान्यजनों व भक्तगणो ने भाग लिया। इससे पूर्व संगत द्वारा गणमान्यजनों का सिरोपाव भेंंट कर सम्मान किया गया।
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