सवाईमाधोपुर. रणथंभौर टाइगर रिजर्व में 2 दिन की मशक्कत के बाद आखिर में गुरुवार सुबह वन विभाग की टीम ने टी 110 बाघ को ट्रेंकुलाइज कर लिया (T110 tranquilized at Ranthambore). बीते कई दिनों से टी110 की लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही थी. ऐसे में वन विभाग की टीम टी 123 बाघ को ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास कर रही थी, लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली. टी110 को ट्रेंकुलाइज करने के बाद अब इसे कोटा के मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया गया है. अब रणथंभौर के इस बाघ की दहाड़ मुकुंदरा में गूंजेगी. इसके साथ ही मुकुंदरा में बाघों का कुनबा बढ़ने की संभावना भी रहेगी.
रणथंभौर टाइगर रिजर्व के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार सुबह फलोदी रेंज में अचानक से टी 110 बाघ की लोकेशन ट्रेस हो गई. वन विभाग के अधिकारियों और विशेषज्ञों की टीम ने टी 110 को ट्रेंकुलाइज करने में सफलता हासिल कर ली. जबकि बीते कई दिनों से टी 110 की लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही थी. जिसके चलते दो दिन से टी 123 को ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास किया जा रहा था.
गुरुवार को टी 110 बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के दौरान रणथंभौर के फील्ड डायरेक्टर सेडूराम यादव, आरवीटीआर के डीएफओ संजीव शर्मा, रिटायर्ड डीएफओ दौलत सिंह शेखावत और टीम मौजूद थी.
ये भी पढ़ें-Special : दो साल बाद मुकुंदरा होगा आबाद, रणथंभौर से शिफ्ट किया जाएगा टाइगर...
मुकुंदरा में करेंगे शिफ्ट: अब टी 110 को रेडियो कॉलर लगाकर कोटा के मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया जाएगा क्योंकि वहां पर करीब दो साल से केवल एक बाघिन एमटी 4 है. दो साल पहले वहां बाघों की मौत के बाद से ही नहीं था, जिसकी वजह से मुकुंदरा में प्रजनन नहीं हो पा रहा था. अब टी 110 की शिफ्टिंग के बाद मुकुंदरा में बाघों का कुनबा बढ़ने की संभावना रहेगी.
इसलिए चुना टी 110: वन्यजीव विशेषज्ञों की मानें तो एक टाइगर रिजर्व से दूसरे रिजर्व में शिफ्ट करने के लिए जवान बाघ को ही चुना जाता है. रणथंभौर टाइगर रिजर्व में टी 110 और टी 123 अभी तक अपनी टेरिटरी नहीं बना पाए थे, जिसकी वजह से इन दोनों बाघों में से एक को शिफ्ट करने के लिए चुना गया था. टी 110 अभी 6 साल का है. ऐसे बाघ नए टाइगर रिजर्व में आसानी से अपनी टेरिटरी बना लेते हैं. साथ ही इनकी प्रजनन क्षमता भी अच्छी होती है, जिससे कुनबा बढ़ने की संभावना भी बढ़ जाती है.
कैसे क्या हुआ ? : नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA), केंद्र और राज्य सरकार की अनुमति के बाद रणथंभौर से टाइगर टी-110 को शिफ्ट किया गया है. जिसे रणथंभौर से टीम ने ट्रेंकुलाइज कर वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, चिकित्सकों और भारी सुरक्षा के बीच मुकुंदरा शिफ्ट किया. बाघ को सॉफ्ट एंक्लोजर में छोड़ गया है. कुछ दिन नॉर्मल होने के बाद हार्ड रिलीज की जाएगी.
आपको बता दें कि 2019 में एक बाघ और दो बाघिन मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में रणथंभौर से लाए गए थे. वहीं, एक टाइगर स्वयं ही रणथंबोर से निकलकर मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में पहुंच गया था. ऐसे में यहां पर बाघिनों ने शावक भी दिए थे, जिनकी संख्या 7 हो गई थी. हालांकि, अचानक हुई मौत के बाद एक बाघ, बाघिन व शावक की मौत हो गई. साथ ही एक बाघ और एक शावक मिसिंग है, जिसके बाद एक मात्र टाइग्रेस एमटी-4 यहां बची है.
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला का बयान : मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में रणथंभौर के बाग को शिफ्ट करने के मामले में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी बयान जारी किया है. बिरला ने कहा कि दिल्ली में हुई बैठक व उसके बाद निरंतर किए जा रहे प्रयासों से मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में टी-110 का आना सुखद है. भविष्य में यहां और बाघ छोड़े जाएं, इसकी कोशिशें भी निरंतर जारी हैं. जल और जंगल का अद्भुत सम्मिश्रण लिए मुकुंदरा और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व भविष्य में देश के प्रमुख पर्यटक स्थल का स्वरूप ग्रहण करेंगे. इससे क्षेत्र में आर्थिक विकास भी होगा.