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वन्यजीवों के शिकार पर लगाम कसने के लिए बनाई जाएंगी एंटी पोंचिग टीम

रणथम्भौर सहित प्रदेश के तीनों टाइगर रिजर्व में लॉकडाउन में शिकार की घटनाएं होने और शिकारियों के कैमरे में कैद होने के बाद केन्द्रीय वन पर्यावरण मंत्रालय की ओर से वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए गाइडलाइन जारी की गई है. जिसके तहत टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों का शिकार रोकने के लिए वन विभाग की ओर से एंटी पोचिंग टीम का गठन किया जाएगा.

anti poaching team,  wildlife hunting in rajasthan
वन्यजीवों के शिकार पर लगाम कसने के लिए बनाई जाएंगी एंटी पोंचिग टीम
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Published : Dec 17, 2020, 12:58 AM IST

सवाई माधोपुर. रणथम्भौर सहित प्रदेश के तीनों टाइगर रिजर्व में लॉकडाउन में शिकार की घटनाएं होने और शिकारियों के कैमरे में कैद होने के बाद केन्द्रीय वन पर्यावरण मंत्रालय की ओर से वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए गाइडलाइन जारी की गई है. वन विभाग के आला अधिकारियों को टाइगर रिजर्व व अभ्यारण्यों में बाघों व अन्य वन्य जीवों के शिकार होने की आशंका जताते हुए आठ सूत्रीय गाइडलाइन जारी की गई है. गाइडलाइन के अनुसार ही अब टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों का शिकार रोकने के लिए वन विभाग की ओर से एंटी पोचिंग टीम का गठन किया जाएगा.

एंटी पोचिंग टीम का किया जाएगा गठन

रेपिड रिस्पांस टीम भी बनाई जाएगी

शिकार पर लगाम लगाने के लिए टाइगर रिजर्व व अन्य अभ्यारण्यों में एंटी पोचिंग टीम के साथ-साथ शिकारियों पर त्वरित कार्रवाई के लिए वन विभाग की ओर से वन कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण देकर एक विशेष रेपिड रिस्पांस टीम का गठन भी किया जाएगा. जिससे की शिकारियों को पकड़ने के लिए त्वरित छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया जा सके.

पढ़ें: गहलोत सरकार ने हाथ खड़े किए तो अब केंद्रीय मंत्री ने एलिवेटेड रोड का बीड़ा उठाया

संवेदनशील इलाकों व संदिग्ध लोगों की जाएगी पहचान

पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी की गई नई गाइडलाइन में वन विभाग की टीमों को टाइगर रिजर्व में शिकार की आशंका को देखते हुए टाइगर रिजर्व व बाघ परियोजना क्षेत्र के संवेदनशील व अतिसंवेदनशील इलाकों की पहचान करके एक लिस्ट तैयार करनी होगी. विभाग की ओर से पूर्व में हो चुकी घटनाओं में बाघ परियोजना क्षेत्र के आसपास इंसानी बस्ती आदि के आधार पर इन इलाकों की पहचान की जाएगी.

मुखबिर तंत्र किया जाएगा तैयार

वन विभाग की ओर से टाइगर रिजर्व क्षेत्र के आसपास के गांवों में भी अब पेट्रोलिंग की व्यवस्था की जाएगी. इसके अलावा वन विभाग की टीम आसपास के गांवों में एक सुदृढ़ मुखबिर तंत्र को भी विकसित करने का काम करेगी. जिससे की शिकारियों पर लगाम कसी जा सके और वन विभाग की टीम पुलिस व अन्य अप्रवर्तन एंजसियों के साथ समन्वय करके शिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.

चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन मोहनलाल मीणा का कहना है कि टाइगर रिजर्व में शिकारियों की घुसपैठ पर लगाम लगाने के लिए अब रणथम्भौर सहित अन्य टाइगर रिजर्व में एंटी पोचिंग टीम का गठन किया जा रहा है. इसके अलावा टाइगर रिजर्व में संवेदनशील इलाकों व टाइगर रिजर्व के आसपास संदिग्ध लोगों की पहचान करके उनपर कार्रवाई की जा रही है.

सवाई माधोपुर. रणथम्भौर सहित प्रदेश के तीनों टाइगर रिजर्व में लॉकडाउन में शिकार की घटनाएं होने और शिकारियों के कैमरे में कैद होने के बाद केन्द्रीय वन पर्यावरण मंत्रालय की ओर से वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए गाइडलाइन जारी की गई है. वन विभाग के आला अधिकारियों को टाइगर रिजर्व व अभ्यारण्यों में बाघों व अन्य वन्य जीवों के शिकार होने की आशंका जताते हुए आठ सूत्रीय गाइडलाइन जारी की गई है. गाइडलाइन के अनुसार ही अब टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों का शिकार रोकने के लिए वन विभाग की ओर से एंटी पोचिंग टीम का गठन किया जाएगा.

एंटी पोचिंग टीम का किया जाएगा गठन

रेपिड रिस्पांस टीम भी बनाई जाएगी

शिकार पर लगाम लगाने के लिए टाइगर रिजर्व व अन्य अभ्यारण्यों में एंटी पोचिंग टीम के साथ-साथ शिकारियों पर त्वरित कार्रवाई के लिए वन विभाग की ओर से वन कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण देकर एक विशेष रेपिड रिस्पांस टीम का गठन भी किया जाएगा. जिससे की शिकारियों को पकड़ने के लिए त्वरित छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया जा सके.

पढ़ें: गहलोत सरकार ने हाथ खड़े किए तो अब केंद्रीय मंत्री ने एलिवेटेड रोड का बीड़ा उठाया

संवेदनशील इलाकों व संदिग्ध लोगों की जाएगी पहचान

पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी की गई नई गाइडलाइन में वन विभाग की टीमों को टाइगर रिजर्व में शिकार की आशंका को देखते हुए टाइगर रिजर्व व बाघ परियोजना क्षेत्र के संवेदनशील व अतिसंवेदनशील इलाकों की पहचान करके एक लिस्ट तैयार करनी होगी. विभाग की ओर से पूर्व में हो चुकी घटनाओं में बाघ परियोजना क्षेत्र के आसपास इंसानी बस्ती आदि के आधार पर इन इलाकों की पहचान की जाएगी.

मुखबिर तंत्र किया जाएगा तैयार

वन विभाग की ओर से टाइगर रिजर्व क्षेत्र के आसपास के गांवों में भी अब पेट्रोलिंग की व्यवस्था की जाएगी. इसके अलावा वन विभाग की टीम आसपास के गांवों में एक सुदृढ़ मुखबिर तंत्र को भी विकसित करने का काम करेगी. जिससे की शिकारियों पर लगाम कसी जा सके और वन विभाग की टीम पुलिस व अन्य अप्रवर्तन एंजसियों के साथ समन्वय करके शिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.

चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन मोहनलाल मीणा का कहना है कि टाइगर रिजर्व में शिकारियों की घुसपैठ पर लगाम लगाने के लिए अब रणथम्भौर सहित अन्य टाइगर रिजर्व में एंटी पोचिंग टीम का गठन किया जा रहा है. इसके अलावा टाइगर रिजर्व में संवेदनशील इलाकों व टाइगर रिजर्व के आसपास संदिग्ध लोगों की पहचान करके उनपर कार्रवाई की जा रही है.

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