राजसमंद. जेहन में अनजान डर, अपनों से बिछडने का गम और हर पल अपनों को तलाशती निगाहें. खाते- पीते वक्त भी बार बार अपने वृद्ध पिता, पत्नी और बच्चों की याद रूला देती है. कुछ ऐसी स्थिति में राजसमंद जिले के गुंजोल क्षेत्र में भटकता हुआ मिला महाराष्ट्र के जिला धुले के स्थिति खेड़ा निवासी नान भाऊ ठाकरे. गुमसुम और हर पल अपनों को इधर-उधर तलाशते संदिग्ध युवक को घुमते जब राजसमंद जिले के गुंजोल के सरपंच किशन गाडरी ने देखा, तो नाथद्वारा थाने में सूचना दी. नाथद्वारा पुलिस मौके पर पहुंची और युवक को थाने ले गई. फिर नाथद्वारा पुलिस ने ऑपरेशन मिलाप अभियान के तहत तलाश शुरू की.
एएसआई रविंद्रसिंह के लंबे परामर्श के बाद युवक ने अपने घर का पता बताया. फिर नाथद्वारा पुलिस ने उसके फोटो और वीडियो महाराष्ट्र पुलिस को भेजकर बताए गए पते पर तलाश की. ऐसे में मोहन भाऊ के बेटे के बिछड़ने का पता चल गया. इस पर वृद्ध पिता मोहन भाऊ नाथद्वारा थाने पहुंच गए, जहां एएसआई रविन्द्रसिंह की ओर से उनके बेटे नान भाऊ से मिलवाया, तो दोनों की आंखें भर आईं. वृद्ध पिता एएसआई को धन्यवाद दिया. उसने बताया कि उसकी पत्नी और एक बेटे का पहले ही निधन हो चुका था. पुलिस के समक्ष नान भाऊ ने कहा कि अब वह घर से कहीं नहीं जाएगा और पिता के साथ उसे बेटे का पालन पोषण करेगा.
यह भी पढ़ेंः स्पेशलः कौन लेगा बेजुबानों का हाल...वेटनरी डॉक्टर्स की कमी से जूझ रहा राजस्थान
लॉकडाउन से पहले होली के पर्व पर घर से बिछड़े बेटे की गुमशुदगी दर्ज कराने के साथ तलाश शुरू की, तभी लॉकडाउन में चाहकर भी गरीब वृद्ध पिता घर से बाहर ही नहीं निकल पाया. असहाय वृद्ध पिता जैसे-जैसे मजदूरी कर खुद के साथ पोते-पोती और बहू का पालन पोषण कर रहा था. आखिर ठीक 10 महीने बाद नाथद्वारा थाना पुलिस ने ऑपरेशन मिलाप मुहिम के तहत परिवार के बिछड़े बेटे को उसके वृद्ध पिता से मिलाया तो खुशी से उसकी आंखें भर आईं और बेटे के भी खुशी का ठिकाना नहीं रहा.