राजसमंद. भारत भूमि ही एक ऐसा स्थल है. जहां संस्कृतियों की अमिट छाप झलकती है. यहां पर्वों का विशेष महत्व होता है. उन्हीं पर्वों में से एक है, फागुन मास में मनाई जाने वाली होली. रंगों का यह पर्व अपने आप में विविध रूपों को समेटे हुए जीवन के विविध आयामों से रूबरू कराता है.
देखा जाए, तो होली को देश के विभिन्न प्रांतों में विभिन्न तरीके से मनाया जाता है. साथ में इसके विविध नाम भी है. होली को धुलेंडी, दोल, और फगुवा कई नामों से जाना जाता है. ऐतिहासिक दृष्टि से देखें तो श्रीमद्भागवत में भी होली के रास के चर्चा की गई है.
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वृंदावन की लठ्ठमार होली
होली के मनाने की प्रथाओं के बात करें. तो मथुरा वृंदावन की लठमार होली को कौन नहीं जानता होगा. ऐसे में रंगों का त्योहार होली को अब कुछ दिन जब शेष है. चारों ओर फागउत्सव की धूम मची हुई है. फिर इससे राजसमंद के युवा कैसे अछूते रह सकते हैं. राजसमंद की युवक-युवतियों पर होली की खुमारी छाई हुई है.
युवाओं के हाथों में जहां गुलाल के साथ होठों पर रंग बरसे भीगे चुनरवाली का गीत है. वहीं, युवतियां भी इस बार की होली को लेकर काफी उत्साहित नजर आ रही है और अभी से तरह-तरह के गीतों के माध्यम से रंगो के पर्व में सराबोर होने को तत्पर दिख रही है.
युवाओं में है खासा उत्साह
ईटीवी भारत ने भी जाना की इस बार राजसमंद के युवा किस प्रकार की होली मनाने वाले हैं. और उनमें क्या उत्साह और उमंग है. इसे देखने के लिए हमारी टीम कांकरोली स्थित प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र पहुंची. जहां अध्ययनरत युवतियों से जाना कि वह किस प्रकार होली मनाएंगे. इसे लेकर वहां मौजूद युवतियों का कहना था, कि इस बार की होली की तैयारी में पहले से ही कर रही हैं. उन्होंने बताया कि भगवान श्री द्वारिकाधीश की इस नगरी में होली का खासा महत्व है. वहीं, हमने देखा कि युवतियां एक दूसरे के साथ ग्रुप बनाकर होली के गानों की प्रतियोगिता भी करती हुई दिखाई दी.
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भाईचारे का त्यौहार होली
कौशल विकास केंद्र की छात्रा सलोनी ठाकुर का कहना है, कि होली भाईचारे का त्योहार है. इस पर्व को मनाने के लिए उनके परिवार में तैयारियां चल रही है. वह बताती है कि इस पर्व में पूरा परिवार एक साथ होता है और एक दूसरे को रंग लगाकर खुशियां मनाई जाती है.
कृष्ण संग खेली जाएगी होली
इसके अलावा आकांक्षा का कहना है कि राजसमंद प्रभु श्री द्वारिकाधीश की नगरी है और यहां प्रभु श्री द्वारकाधीश के मंदिर में राल के दर्शन होते हैं. उन दर्शनों का आनंद लेने के लिए हम लोग जाते हैं. जहां दर्शनों में गुलाल उड़ाई जाती है. वहां भी होली का आनंद ले रहे हैं और होली वाले दिन विशेष तौर से भगवान के दर्शन करके एक दूसरे को रंग लगाएंगे और पूरे परिवार के साथ होली का जश्न मनाएंगे.
कौशल विकास केंद्र में भी 8 मार्च को होली फाग उत्सव का आयोजन किया जाएगा. जिसमें सभी छात्राएं एक दूसरे के साथ मिलकर इस पर्व को मनाएंगी.