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राजस्थान का एक और 'कर्मवीर' KBC की हॉट सीट पर, 8 अक्टूबर को बिग-बी के सवालों का देते दिखेंगे जवाब

फिर एक बार फिर वीर भूमि राजस्थान के एक और कर्मवीर 'कौन बनेगी करोड़पति' की हॉट सीट पर नजर आएंगे. जहां अमिताभ बच्चन के सवालों के जवाब देंगे. रुमा देवी, डॉ. बीएम भारद्वाज के बाद अब राजसमंद के पूर्व सरपंच श्याम सुंदर पालीवाल हॉट सीट पर बैठे नजर आएंगे. जहां 8 अक्टूबर को केबीसी के इस स्पेशल एपिसोड में श्याम सुंदर पालीवाल का साथ अभिनेत्री साक्षी तंवर भी उनका साथ देती दिखाई देगी.

Shyam Sunder Paliwal,श्याम सुंदर पालीवाल
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Published : Nov 3, 2019, 8:04 PM IST

राजसमंद. कहते हैं कुछ कर गुजरने के इरादे अगर मजबूत हो तो हर मुश्किल भी आसान हो जाती है. ऐसा ही कर दिखाया राजसमंद जिले के पिपलांत्री ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच श्याम सुंदर पालीवाल ने. श्याम सुंदर पालीवाल आने वाली 8 अक्टूबर को 'कौन बनेगा करोड़पति' के कर्मवीर एपिसोड में हॉट सीट पर नजर आएंगे. वहीं इस खेल में उनका साथ दे रही है अभिनेत्री साक्षी तंवर. श्याम सुंदर पालीवाल 8 भाई बहनों में छठवें नंबर के भाई हैं. 'कौन बनेगा करोड़पति' में पहुंचने के बाद जहां पूरे परिवार में खुशी का माहौल है. वहीं आपको बताते हैं कि कौन है श्याम सुंदर पालीवाल.

KBC के स्पेशल एपिसोड 'कर्मवीर' में राजसमंद के श्याम सुंदर पालीवाल आएंगे नजर

सरपंच ने गांव की काया पलट दी

राजसमंद जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर पिपलांत्री ग्राम पंचायत के आस-पास सफेद संगमरमर की खदाने हैं. इनमें होने वाले खनन और मलबे के कारण यहां इतना प्रदूषण हो गया था कि हरियाली लगभग खत्म हो गई थी. जलस्तर काफी नीचे चला गया था. वन्यजीव यहां से गायब हो दूर चले गए थे. फिर 2005 में इस गांव के लोगों ने श्याम सुंदर पालीवाल को सरपंच चुना और उन्होंने गांव की काया पलट दी. बताया जाता है कि पूर्व सरपंच श्याम सुंदर पालीवाल की बेटी का अल्प आयु में निधन हो गया था. उन्हें इस बात का इतना दुख पहुंचा कि उन्होंने अपनी बेटी की याद में एक पेड़ लगाया. उसे पाल-पोसकर बड़ा किया. तभी श्याम सुंदर के मन में विचार आया कि क्यों ना पूरे गांव के लिए यह अनिवार्य कर दिया जाए. उन्होंने घर में लड़की पैदा होने पर 111 पौधे लगवाने या किसी व्यक्ति के गांव में मृत्यु होती है तो उसकी याद में परिवार के लोग 11 पेड़ लगाएं. साथ ही उसकी हमेशा के लिए देखभाल करें. सरपंच श्याम सुंदर पालीवाल ने बच्ची के जन्म को लेकर 111 पेड़ लगाने की मुहिम शुरू की. इस मुहिम गांव में रंग लाती हुई. इस मुहिम के प्रयास से आज पूरा गांव हरा भरा हो गया. यही कारण है कि कौन बनेगा करोड़पति जैसे प्लेटफार्म पर श्याम सुंदर पालीवाल ने सदी के महानायक के साथ केबीसी में भाग लिया.

अभिनेत्री साक्षी तंवर भी होगी केबीसी में साथ.

पढ़ें- केबीसी विजेता डॉ. भारद्वाज ने कर्मवीर का अवॉर्ड लेने से किया इनकार, कहा - अपनों की सेवा के लिए कोई पुरस्कार नहीं होता

पेड़ों को बांधते हैं राखी, शादी और पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद

यही नहीं पालीवाल की पहल से जन्म लेने वाली बच्ची के नाम पर जहां 111 पेड़ लगाए जाते हैं. उस पेड़ का नाम भी बच्ची के नाम से मिलता हुआ रखा जाता है. वहीं इसके अलावा जब किसी घर में लड़की का जन्म होता है तो पंचायत द्वारा उस लड़की के नाम से 21 हजार की धनराशि जमा की जाती है. तो वहीं लड़की के परिवार वालों से 10 हजार लेकर बच्ची के नाम 31 हजार की एफडी करवाई जाती है. जब वह बच्ची 18 साल की होती है. तो उसकी शादी में या फिर उसकी पढ़ाई के लिए यह पैसा काम में लिया जाता है. तो वहीं इस पहल के कारण गांव वालों ने पेड़ों को बचाने के लिए गांव के लोगों ने एक अनोखी मुहिम चलाई. जिसमें रक्षाबंधन के 1 दिन पहले महिलाएं पेड़ों को अपना भाई मानकर उन्हें राखी बांधती हैं और उनकी सुरक्षा का वचन लेती है.

पढ़ें- हां, तो ये रहा आपका अगला सवाल, बताएं - भारत का सबसे स्वच्छ स्टेशन कौन सा है?, शो में पूछा गया सवाल

साढ़े तीन लाख पेड़ लगाए जलस्तर बढ़ा, हवा भी स्वच्छ

पिपलांत्री गांव पहाड़ियों बीच में बसा है. इसके चारों और बड़े पैमाने पर संगमरमर की खनन का काम होता है. खनन के दौरान निकलने वाले मलबे को गांव में ही डाला जाता था. जिससे यहां न केवल मलबे के पहाड़ बन रहे थे. बल्कि गांव की जमीन और आबोहवा भी खराब हो रही थी. जिसको लेकर पूरे गांव वालों ने पूर्व सरपंच श्याम सुंदर पालीवाल का साथ दिया. आज यह गांव मार्बल के मलबे के कारण नहीं जाना जाता बल्कि हरियाली की चादर ओढ़ा हुआ है. जिसके कारण 2006 से लेकर अब तक करीब साढे तीन लाख पेड़ लगाए गए हैं. जिससे एक और जलस्तर भी गांव में ऊपर आया और गांव की आबोहवा में भी परिवर्तन का यही कारण है. आज इस गांव की चर्चा भारत ही नहीं अपितु पूरे विश्व में पिपलांत्री मॉडल के नाम से हो रही है. जहां एक ओर रूढ़िवादी परंपरा के कारण भारत में बच्चियों के जन्म लेने पर उन्हें बोझ समझते हैं. लेकिन राजस्थान के राजसमंद जिले के पिपलांत्री गांव की रहने वाले लोगों ने इस रूढ़िवादी परंपरा से काफी आगे निकल कर लोगों को एक अलग संदेश दिया.

पढ़ें- बाड़मेर की 'रूमा देवी' ने सैकड़ों लोगों के साथ देखा 'कौन बनेगा करोड़पति' शो, जीते 12 लाख 50 हजार रुपए

डेनमार्क के स्कूल सिलेबस में शामिल है पिपलांत्री मॉडल

आपको बता दें कि डेनमार्क सरकार ने इस गांव को अपनी स्कूली सैलेबस में भी शामिल किया. यहां पेड़ लगाना पर्यावरण के लिए महज खानापूर्ति नहीं बल्कि पेड़ों से रिश्ता बनाया गया. यह पर्यावरण को बचाने की मुहिम के लिए प्रेरक मिसाल के रूप में उभर कर आया है. जिसके कारण इस गांव के पूर्व सरपंच को इस मॉडल को लेकर 'कौन बनेगा करोड़पति' के प्लेटफार्म पर भी बुलाया गया. इस कारण केबीसी की टीम 3 बार इस गांव का दौरा कर चुकी थी.

राजसमंद. कहते हैं कुछ कर गुजरने के इरादे अगर मजबूत हो तो हर मुश्किल भी आसान हो जाती है. ऐसा ही कर दिखाया राजसमंद जिले के पिपलांत्री ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच श्याम सुंदर पालीवाल ने. श्याम सुंदर पालीवाल आने वाली 8 अक्टूबर को 'कौन बनेगा करोड़पति' के कर्मवीर एपिसोड में हॉट सीट पर नजर आएंगे. वहीं इस खेल में उनका साथ दे रही है अभिनेत्री साक्षी तंवर. श्याम सुंदर पालीवाल 8 भाई बहनों में छठवें नंबर के भाई हैं. 'कौन बनेगा करोड़पति' में पहुंचने के बाद जहां पूरे परिवार में खुशी का माहौल है. वहीं आपको बताते हैं कि कौन है श्याम सुंदर पालीवाल.

KBC के स्पेशल एपिसोड 'कर्मवीर' में राजसमंद के श्याम सुंदर पालीवाल आएंगे नजर

सरपंच ने गांव की काया पलट दी

राजसमंद जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर पिपलांत्री ग्राम पंचायत के आस-पास सफेद संगमरमर की खदाने हैं. इनमें होने वाले खनन और मलबे के कारण यहां इतना प्रदूषण हो गया था कि हरियाली लगभग खत्म हो गई थी. जलस्तर काफी नीचे चला गया था. वन्यजीव यहां से गायब हो दूर चले गए थे. फिर 2005 में इस गांव के लोगों ने श्याम सुंदर पालीवाल को सरपंच चुना और उन्होंने गांव की काया पलट दी. बताया जाता है कि पूर्व सरपंच श्याम सुंदर पालीवाल की बेटी का अल्प आयु में निधन हो गया था. उन्हें इस बात का इतना दुख पहुंचा कि उन्होंने अपनी बेटी की याद में एक पेड़ लगाया. उसे पाल-पोसकर बड़ा किया. तभी श्याम सुंदर के मन में विचार आया कि क्यों ना पूरे गांव के लिए यह अनिवार्य कर दिया जाए. उन्होंने घर में लड़की पैदा होने पर 111 पौधे लगवाने या किसी व्यक्ति के गांव में मृत्यु होती है तो उसकी याद में परिवार के लोग 11 पेड़ लगाएं. साथ ही उसकी हमेशा के लिए देखभाल करें. सरपंच श्याम सुंदर पालीवाल ने बच्ची के जन्म को लेकर 111 पेड़ लगाने की मुहिम शुरू की. इस मुहिम गांव में रंग लाती हुई. इस मुहिम के प्रयास से आज पूरा गांव हरा भरा हो गया. यही कारण है कि कौन बनेगा करोड़पति जैसे प्लेटफार्म पर श्याम सुंदर पालीवाल ने सदी के महानायक के साथ केबीसी में भाग लिया.

अभिनेत्री साक्षी तंवर भी होगी केबीसी में साथ.

पढ़ें- केबीसी विजेता डॉ. भारद्वाज ने कर्मवीर का अवॉर्ड लेने से किया इनकार, कहा - अपनों की सेवा के लिए कोई पुरस्कार नहीं होता

पेड़ों को बांधते हैं राखी, शादी और पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद

यही नहीं पालीवाल की पहल से जन्म लेने वाली बच्ची के नाम पर जहां 111 पेड़ लगाए जाते हैं. उस पेड़ का नाम भी बच्ची के नाम से मिलता हुआ रखा जाता है. वहीं इसके अलावा जब किसी घर में लड़की का जन्म होता है तो पंचायत द्वारा उस लड़की के नाम से 21 हजार की धनराशि जमा की जाती है. तो वहीं लड़की के परिवार वालों से 10 हजार लेकर बच्ची के नाम 31 हजार की एफडी करवाई जाती है. जब वह बच्ची 18 साल की होती है. तो उसकी शादी में या फिर उसकी पढ़ाई के लिए यह पैसा काम में लिया जाता है. तो वहीं इस पहल के कारण गांव वालों ने पेड़ों को बचाने के लिए गांव के लोगों ने एक अनोखी मुहिम चलाई. जिसमें रक्षाबंधन के 1 दिन पहले महिलाएं पेड़ों को अपना भाई मानकर उन्हें राखी बांधती हैं और उनकी सुरक्षा का वचन लेती है.

पढ़ें- हां, तो ये रहा आपका अगला सवाल, बताएं - भारत का सबसे स्वच्छ स्टेशन कौन सा है?, शो में पूछा गया सवाल

साढ़े तीन लाख पेड़ लगाए जलस्तर बढ़ा, हवा भी स्वच्छ

पिपलांत्री गांव पहाड़ियों बीच में बसा है. इसके चारों और बड़े पैमाने पर संगमरमर की खनन का काम होता है. खनन के दौरान निकलने वाले मलबे को गांव में ही डाला जाता था. जिससे यहां न केवल मलबे के पहाड़ बन रहे थे. बल्कि गांव की जमीन और आबोहवा भी खराब हो रही थी. जिसको लेकर पूरे गांव वालों ने पूर्व सरपंच श्याम सुंदर पालीवाल का साथ दिया. आज यह गांव मार्बल के मलबे के कारण नहीं जाना जाता बल्कि हरियाली की चादर ओढ़ा हुआ है. जिसके कारण 2006 से लेकर अब तक करीब साढे तीन लाख पेड़ लगाए गए हैं. जिससे एक और जलस्तर भी गांव में ऊपर आया और गांव की आबोहवा में भी परिवर्तन का यही कारण है. आज इस गांव की चर्चा भारत ही नहीं अपितु पूरे विश्व में पिपलांत्री मॉडल के नाम से हो रही है. जहां एक ओर रूढ़िवादी परंपरा के कारण भारत में बच्चियों के जन्म लेने पर उन्हें बोझ समझते हैं. लेकिन राजस्थान के राजसमंद जिले के पिपलांत्री गांव की रहने वाले लोगों ने इस रूढ़िवादी परंपरा से काफी आगे निकल कर लोगों को एक अलग संदेश दिया.

पढ़ें- बाड़मेर की 'रूमा देवी' ने सैकड़ों लोगों के साथ देखा 'कौन बनेगा करोड़पति' शो, जीते 12 लाख 50 हजार रुपए

डेनमार्क के स्कूल सिलेबस में शामिल है पिपलांत्री मॉडल

आपको बता दें कि डेनमार्क सरकार ने इस गांव को अपनी स्कूली सैलेबस में भी शामिल किया. यहां पेड़ लगाना पर्यावरण के लिए महज खानापूर्ति नहीं बल्कि पेड़ों से रिश्ता बनाया गया. यह पर्यावरण को बचाने की मुहिम के लिए प्रेरक मिसाल के रूप में उभर कर आया है. जिसके कारण इस गांव के पूर्व सरपंच को इस मॉडल को लेकर 'कौन बनेगा करोड़पति' के प्लेटफार्म पर भी बुलाया गया. इस कारण केबीसी की टीम 3 बार इस गांव का दौरा कर चुकी थी.

Intro:राजसमंद- कहते हैं कुछ कर गुजरने के इरादे अगर मजबूत हो तो हर मुश्किल भी आसान हो जाती है. ऐसा ही कर दिखाया राजसमंद जिले के पिपलांत्री ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच श्याम सुंदर पालीवाल ने जी हां श्याम सुंदर पालीवाल आने वाली 8 अक्टूबर को कौन बनेगा करोड़पति के कर्मवीर एपिसोड का प्रसारण होगा. वही इस खेल में उनका साथ दे रही है. अभिनेत्री साक्षी तंवर और हॉट सीट पर होंगे.सदी के महानायक अमिताभ बच्चन श्याम सुंदर पालीवाल 8 भाई बहनों में छठवें नंबर के भाई हैं. कौन बनेगा करोड़पति में पहुंचने के बाद जहां पूरे परिवार में खुशी का माहौल है.आइए आपको बताते हैं. श्याम सुंदर पालीवाल के उस सफर के बारे में जिसने श्यामसुंदर को कौन बनेगा करोड़पति तक पहुंचाने का काम किया.राजसमंद जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर पिपलांत्री ग्राम पंचायत बात 2005 के पहले इस गांव में मार्बल की खदानों से निकलता था. संगमरमर जिसके पीछे छूट जाता था. मार्बल की वेस्टेड अपशिष्ट पदार्थ जो जमीन को बंजर बनाते थे. पिपलांत्री गांव जहां भूमि जल स्तर कम होने से चारों तरफ मार्बल के बचे हुए अपशिष्ट पदार्थों से इस गांव की हवा भी प्रदूषित होने लगी थी.तभी इस गांव के पूर्व सरपंच श्याम सुंदर पालीवाल की बेटी का अल्प आयु में निधन हो गया था. उन्हें इस बात का इतना दुख पहुंचा. कि उन्होंने अपनी बेटी की याद में एक पेड़ लगाया.उसे पाल पोस कर बड़ा किया.तभी श्याम सुंदर के मन में विचार आया कि क्यों ना पूरे गांव के लिए यह अनिवार्य कर दिया जाए.कि जिस किसी के घर में लड़की पैदा होगी. वह 111 पौधे लगाए या किसी व्यक्ति के गांव में मृत्यु होती है. उस परिवार के लोग उसकी याद में 11 पेड़ लगाएं. और उसकी हमेशा के लिए देखभाल करें.


Body:आपको बता दें कि पूर्व सरपंच श्याम सुंदर पालीवाल ने बच्ची के जन्म को लेकर 111 पेड़ की शुरू की गई है. मुहिम गांव में रंग लाती हुई.नजर आई श्याम सुंदर की इस मुहिम के प्रयास से आज पूरा गांव हरा भरा हो गया यही कारण है. कि कौन बनेगा करोड़पति जैसे प्लेटफार्म पर श्याम सुंदर पालीवाल ने सदी के महानायक के साथ केबीसी में भाग लिया.

पेड़ों को बांधते हैं राखी, शादी की पढ़ाई के लिए मिलती है. आर्थिक मदद
यही नहीं पालीवाल की पहल से जन्म लेने वाली बच्ची के नाम पर जहां 111 पेड़ लगाए जाते हैं. उस पेड़ का नाम भी बच्ची के नाम से मिलता हुआ रखा जाता है. वहीं इसके अलावा जब किसी घर में लड़की का जन्म होता है.तो पंचायत द्वारा उस लड़की के नाम से ₹21000 की धनराशि जमा की जाती है. तो वहीं लड़की के परिवार वालों से ₹10000 लेकर बच्ची के नाम ₹31000 की एफडी करवाई जाती है. जब वह बच्ची 18साल की होती है. तो उसकी शादी में या फिर उसकी पढ़ाई के लिए यह पैसा काम में लिया जाता है.तो वहीं इस पहल के कारण गांव वालों ने पेड़ों को बचाने के लिए गांव के लोगों ने एक अनोखी मुहिम चलाई. जिसमें रक्षाबंधन के 1 दिन पूर्व महिलाएं पेड़ों को अपना भाई मानकर उन्हें राखी बांधती हैं. और उनकी सुरक्षा का वचन लेती है.

साडे तीन लाख पेड़ लगाए जलस्तर बढ़ा हवा भी हुई स्वच्छ
पिपलांत्री गांव पहाड़ियों बीच मैं बसा है.इसके चारों और बड़े पैमाने पर संगमरमर की खनन का काम होता है. खनन के दौरान निकलने वाले मलबे को गांव में ही डाला जाता था. जिससे यहां न केवल मलबे के पहाड़ बन रहे थे. बल्कि गांव की जमीन और आबोहवा भी खराब हो रही थी. जिसको लेकर पूरे गांव वालों ने पूर्व सरपंच श्याम सुंदर पालीवाल का साथ दिया आज यह गांव मार्बल के मलबे के कारण नहीं जाना जाता बल्कि हरियाली की चादर ओढ़ा हुआ है.जिसके कारण 2006 से लेकर अब तक करीब साढे तीन लाख पेड़ लगाए गए हैं. जिससे एक और जलस्तर भी गांव में ऊपर आया और गांव की आबोहवा में भी परिवर्तन यही कारण है. कि आज इस गांव की चर्चा भारत ही नहीं अपितु पूरे विश्व में पिपलांत्री मॉडल के नाम से हो रही है. जहां एक और रूढ़िवादी परंपरा के कारण भारत में बच्चियों के जन्म लेने पर उन्हें बोज समझते हैं. लेकिन राजस्थान के राजसमंद जिले के पिपलांत्री गांव की रहने वाले लोगों ने इस रूढ़िवादी परंपरा से काफी आगे निकल कर लोगों को एक अलग संदेश दिया.


Conclusion:डेनमार्क के स्कूल सिलेबस में शामिल है.पिपलांत्री मॉडल
आपको बता दें कि यही कारण है.कि डेनमार्क इस सरकार ने इस गांव को अपनी स्कूली सैलेबस में भी शामिल किया. यहां पेड़ लगाना पर्यावरण के लिए महज खानापूर्ति नहीं बल्कि पेड़ों से रिश्ता बनाया गया. यह पर्यावरण को बचाने की मुहिम के लिए प्रेरक मिसाल के रूप में उभर कर आया. जिसके कारण इस गांव के पूर्व सरपंच को इस मॉडल को लेकर कौन बनेगा करोड़पति से प्लेटफार्म पर भी बुलाया गया इस कारण कौन बनेगा करोड़पति की टीम 3 बार इस गांव का दौरा कर चुकी थी.
वही इनके छोटे भाई देवनारायण पालीवाल ने बताया कि उन्हें बड़ी खुशी हो रही है. कि मेरे छोटे भाई ने मेवाड़ ही नहीं अपितु पूरे राजस्थान का नाम गौरवान्वित किया है.हम सबको खुशी है.
आपको बता दें कि श्याम सुंदर पालीवाल पिपलांत्री ग्राम पंचायत के छोटे से गांव में श्यामसुंदर पालीवाल का जन्म हुआ. आठ भाई बहनों में छठवें नंबर के हैं.जिनके पिता किसान थे. उन्होंने दसवीं के पढ़ाई पूर्ण की है.
वही कौन बनेगा करोड़पति में इनका साथ देती अभिनेत्री साक्षी तंवर ने भी इनकी तारीफ की है. उन्होंने कहा कि इनसे हमें बहुत कुछ सीखने को मिला.
बाइट- देवनारायण पालीवाल भाई श्यामसुंदर पालीवाल के
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