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'5 हेक्टेयर से छोटी अप्रधान खनिज खानों पर माइंस एक्ट 1952 नियम 55 को लागू नहीं किया जाए'

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Published : Jun 9, 2020, 10:36 PM IST

केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार से मुलाकात के दौरान सांसद दीया कुमारी ने क्षेत्र की छोटी अप्रधान खनिज खानों की समस्याओं को विस्तार से रखा. इस दौरान दीया कुमारी ने कहा कि 5 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल की खदानों पर जो सुरक्षा के नियम लागू हैं, वही नियम 5 हेक्टेयर से छोटी खदानों पर लागू है. यह नियम सैद्धान्तिक रूप से तो ठीक है, लेकिन व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है.

Rajsamand news, राजसमंद न्यूज, केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार
5 हैक्टर से छोटी खदानों के सुरक्षा नियम व्यवहारिक नहीं- सांसद दीया कुमारी

राजसमंद. सांसद दीया कुमारी ने केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार से मुलाकात करते हुए क्षेत्र की छोटी अप्रधान खनिज खानों की समस्याओं को विस्तार से रखा. मुलाकात के दौरान सांसद दीया कुमारी ने कहा कि 5 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल की खदानों पर जो सुरक्षा के नियम लागू हैं, वही नियम 5 हेक्टेयर से छोटी खदानों पर लागू है. यह नियम सैद्धान्तिक रूप से तो ठीक है, लेकिन व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है.

  • आज माननीय केंद्रीय श्रम मंत्री श्री @santoshgangwar जी से मुलाक़ात कर मार्बल माइंस एसोसिएशन द्वारा दिए गए ज्ञापन को दिया और मंत्री जी से निवेदन किया की पांच हेक्टेयर से छोटी अप्रधान खनिज ख़ानो पर माइंस एक्ट 1952 नियम 55 को लागु नहीं किया जाए।@LabourMinistry#Rajsamand#Rajasthan pic.twitter.com/q8ekMEYQp8

    — Diya Kumari (@KumariDiya) June 9, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

500 हॉर्सपावर के विद्युत संबंध से ऊपर की खदानों पर टेक्निकल इंजीनियर चाहिए और फोरमैन भी चाहिए. जो सिर्फ औपचारिकता है और इससे खदान मालिक पर आर्थिक भार बढ़ता है.

पढ़ेंः कोरोना से बचाव के लिए आगे आई सासंद दीया कुमारी, 1 करोड़ रुपए देने का किया वादा

वहीं छोटी खदान पर 3 मीटर की स्टेप छोड़ना भी संभव नहीं है. क्योंकि छोटी खदानों वाला सम्पूर्ण खनिज क्षेत्र आपस में सटा हुआ है. इस सारी प्रक्रिया में अफसरशाही हावी रहती है और खदान मालिक इस पूरी प्रक्रिया को पूरा करने में उलझ कर रह जाता है. मीडिया संयोजक मधु प्रकाश लड्ढा ने बताया कि मुलाकात के दौरान केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने सांसद को नियमों में शिथिलता देने और व्यवहारिक बनाने के लिए आश्वस्त किया.

राजसमंद. सांसद दीया कुमारी ने केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार से मुलाकात करते हुए क्षेत्र की छोटी अप्रधान खनिज खानों की समस्याओं को विस्तार से रखा. मुलाकात के दौरान सांसद दीया कुमारी ने कहा कि 5 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल की खदानों पर जो सुरक्षा के नियम लागू हैं, वही नियम 5 हेक्टेयर से छोटी खदानों पर लागू है. यह नियम सैद्धान्तिक रूप से तो ठीक है, लेकिन व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है.

  • आज माननीय केंद्रीय श्रम मंत्री श्री @santoshgangwar जी से मुलाक़ात कर मार्बल माइंस एसोसिएशन द्वारा दिए गए ज्ञापन को दिया और मंत्री जी से निवेदन किया की पांच हेक्टेयर से छोटी अप्रधान खनिज ख़ानो पर माइंस एक्ट 1952 नियम 55 को लागु नहीं किया जाए।@LabourMinistry#Rajsamand#Rajasthan pic.twitter.com/q8ekMEYQp8

    — Diya Kumari (@KumariDiya) June 9, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

500 हॉर्सपावर के विद्युत संबंध से ऊपर की खदानों पर टेक्निकल इंजीनियर चाहिए और फोरमैन भी चाहिए. जो सिर्फ औपचारिकता है और इससे खदान मालिक पर आर्थिक भार बढ़ता है.

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वहीं छोटी खदान पर 3 मीटर की स्टेप छोड़ना भी संभव नहीं है. क्योंकि छोटी खदानों वाला सम्पूर्ण खनिज क्षेत्र आपस में सटा हुआ है. इस सारी प्रक्रिया में अफसरशाही हावी रहती है और खदान मालिक इस पूरी प्रक्रिया को पूरा करने में उलझ कर रह जाता है. मीडिया संयोजक मधु प्रकाश लड्ढा ने बताया कि मुलाकात के दौरान केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने सांसद को नियमों में शिथिलता देने और व्यवहारिक बनाने के लिए आश्वस्त किया.

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