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2 अप्रैल को रंगपंचमी और 3 अप्रैल को मनाई जाएगी शीतला सप्तमी

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Published : Apr 1, 2021, 12:20 PM IST

इस बार रंग पंचमी 2 अप्रैल को मनाई जाएगी. जबकि शीतला सप्तमी या बास्ड़ायो का पर्व 3 अप्रैल को मनाया जाएगा. शीतला सप्तमी को माता शीतला की विशेष पूजा की जाएगी.

Rangpanchami 2021, राजस्थान न्यूज
2 अप्रैल को रंगपंचमी मनाई जाएगी

राजसमंद. सविता संस्कृत संस्थान राजसमंद के अनुसार इस बार रंग पंचमी का महोत्सव 2 अप्रैल को मनाया जाएगा. जबकि शीतला सप्तमी या बास्ड़ायो का पर्व 3 अप्रैल को मनाया जाएगा. हिंदू मान्यता के अनुसार चैत्र मास में विभिन्न त्योहारों का पारंपरिक महत्व है.

स्वस्ति शुभविक्रम संवत 2077 राष्ट्रीय शक संवत 1943 चैत्र कृष्ण पक्ष पंचमी शुक्रवार दिनांक 2 अप्रैल 2021 को फागोत्सव का पंचम दिवस होगा. इस दिन रंग पंचमी मान्य रहेगी. शीतला सप्तमी चैत्र कृष्ण पक्ष सप्तमी शनिवार दिनांक 3 अप्रैल 2021 को मनाई जाएगी. स्कंद पुराण के अनुसार शीतला सप्तमी का व्रत चैत्र कृष्ण पक्ष सप्तमी को होता है किंतु स्कंद पुराण में चैत्र आदि 4 महीनों में अर्थात चैत्र वैशाख जेठ आषाढ़ के महीनों में इस व्रत को करने का विधान है लेकिन चैत्र कृष्ण पक्ष सप्तमी को शीतला सप्तमी का व्रत और पूजन किया जाता है.

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इस वर्ष दिनांक 3 अप्रैल 2021 को यह व्रत आएगा. इस दिन गंध युक्त गंध पुष्प आदि से शीतला माता का पूजन कर के मेवे, मिठाई, पुआ, दाल-भात, रोटी, तरकारी और औलिया का भोग लगाया जाता है. यह सभी शीतल पदार्थ ही होते हैं. अर्थात 1 दिन पहले बनाया हुआ भोजन होना चाहिए. उसी से मां शीतला को भोग लगाया जाता है. सप्तमी के पूर्व दिन रात्रि जागरण दीपक आदि करना चाहिए. इस प्रकार करने से व्रत करने वाले के कुल में दाहज्वर, पीत, ज्वर, दुर्गंध युक्त फोड़े, नेत्रों के समस्त रोग शीतला की फुंसियों के चिन्ह और शीतला जनित सर्व दोष दूर होते हैं.

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शीतला सप्तमी का पूजन का मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त बेला ही शुभ माना जाता है. दशा माता व्रतचैत्र कृष्ण पक्ष दशम मंगलवार 6 अप्रैल 2021 को आने वाली तिथि दशा माता के व्रत के रूप में मानी जाएगी. इसमें विशेष पीपल पूजन का महत्व होता है और गौरी व्रत का विधान भी होता है. 6 अप्रैल 2021 को भद्रा रहित और सूर्योदयात तिथि के समय में पूजन करना श्रेष्ठ माना जाएगा.

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दशा माता की पूजा का मुहूर्त चौघड़िया के अनुसार प्रातः ब्रह्म वेला, प्रातः 9:31 से 11:04 तक चल का चौघड़िया रहेगा. सुबह 11:05 से 12:37 तक लाभ का चौघड़िया रहेगा. इसी तरह दोपहर में 12:38 से 2:10 तक अमृत का चौघड़िया रहेगा. इसके बाद दशामाता का मुहूर्त मान्य नहीं होगा.

राजसमंद. सविता संस्कृत संस्थान राजसमंद के अनुसार इस बार रंग पंचमी का महोत्सव 2 अप्रैल को मनाया जाएगा. जबकि शीतला सप्तमी या बास्ड़ायो का पर्व 3 अप्रैल को मनाया जाएगा. हिंदू मान्यता के अनुसार चैत्र मास में विभिन्न त्योहारों का पारंपरिक महत्व है.

स्वस्ति शुभविक्रम संवत 2077 राष्ट्रीय शक संवत 1943 चैत्र कृष्ण पक्ष पंचमी शुक्रवार दिनांक 2 अप्रैल 2021 को फागोत्सव का पंचम दिवस होगा. इस दिन रंग पंचमी मान्य रहेगी. शीतला सप्तमी चैत्र कृष्ण पक्ष सप्तमी शनिवार दिनांक 3 अप्रैल 2021 को मनाई जाएगी. स्कंद पुराण के अनुसार शीतला सप्तमी का व्रत चैत्र कृष्ण पक्ष सप्तमी को होता है किंतु स्कंद पुराण में चैत्र आदि 4 महीनों में अर्थात चैत्र वैशाख जेठ आषाढ़ के महीनों में इस व्रत को करने का विधान है लेकिन चैत्र कृष्ण पक्ष सप्तमी को शीतला सप्तमी का व्रत और पूजन किया जाता है.

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इस वर्ष दिनांक 3 अप्रैल 2021 को यह व्रत आएगा. इस दिन गंध युक्त गंध पुष्प आदि से शीतला माता का पूजन कर के मेवे, मिठाई, पुआ, दाल-भात, रोटी, तरकारी और औलिया का भोग लगाया जाता है. यह सभी शीतल पदार्थ ही होते हैं. अर्थात 1 दिन पहले बनाया हुआ भोजन होना चाहिए. उसी से मां शीतला को भोग लगाया जाता है. सप्तमी के पूर्व दिन रात्रि जागरण दीपक आदि करना चाहिए. इस प्रकार करने से व्रत करने वाले के कुल में दाहज्वर, पीत, ज्वर, दुर्गंध युक्त फोड़े, नेत्रों के समस्त रोग शीतला की फुंसियों के चिन्ह और शीतला जनित सर्व दोष दूर होते हैं.

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शीतला सप्तमी का पूजन का मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त बेला ही शुभ माना जाता है. दशा माता व्रतचैत्र कृष्ण पक्ष दशम मंगलवार 6 अप्रैल 2021 को आने वाली तिथि दशा माता के व्रत के रूप में मानी जाएगी. इसमें विशेष पीपल पूजन का महत्व होता है और गौरी व्रत का विधान भी होता है. 6 अप्रैल 2021 को भद्रा रहित और सूर्योदयात तिथि के समय में पूजन करना श्रेष्ठ माना जाएगा.

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