राजसमंद. राजस्थान उपचुनाव के रण में राजसमंद सीट से स्वर्गीय किरण माहेश्वरी लगातार तीन बार विधायक रहीं. उन्हें कोरोना होने के चलते हुए निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी. जिस पर बीजेपी ने उनकी बेटी दीप्ति माहेश्वरी को मैदान में उतारा था. वहीं, कांग्रेस ने मार्बल व्यवसाई तनसुख बोहरा को. इस कांटे की टक्कर में दीप्ति माहेश्वरी 5000 से अधिक वोटों से जीत हासिल करने में कामयाब रहीं. अपनी जीत के बाद माहेश्वरी ने ट्विटर के जरिये अपनी जीत पर कार्यकर्ताओं का आभार जताया है.
![deepti maheshwari expressed gratitude to supporters](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11671304_deepti.jpg)
राजसमंद से नवनिर्वाचित विधायक बीजेपी नेता दीप्ति माहेश्वरी राजसमंद में कांटे की टक्कर में हुई जीत के बाद काफी खुश हैं. आखिर ऐसा हो हो भी क्यों ना, क्योंकि इस बार राजसमंद विधानसभा के उपचुनाव में प्रदेश सरकार ने जी जान लगा दी. इसके साथ ही बीजेपी में गुटबाजी के चलते यह चुनाव प्रदेशभर के लिए रोचक बन गया था, लेकिन आखिरकार बीजेपी उम्मीदवार दीप्ति माहेश्वरी ने 2 मई को अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस नेता तनसुख बोहरा को 5000 से अधिक वोटों से हराकर जीत हासिल की.
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जीत मिलने के बाद से ही जहां एक तरफ सोशल मीडिया पर कार्यकर्ता माहेश्वरी को बधाइयां दे रहे हैं तो वहीं कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए दीप्ति महेश्वरी हालफिलहाल किसी भी सम्मान समारोह में शामिल नहीं हो रही हैं. इसी के चलते आज उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये समस्त राजसमंद विधानसभा के बीजेपी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस चुनाव में बीजेपी के पदाधिकारियों से लेकर छोटे स्तर पर सभी कार्यकर्ताओं ने जी जान से काम किया. उसी का परिणाम है कि यह जीत मिली है. साथ ही साथ उन्होंने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस चुनाव में प्रदेश सरकार ने दबाव डालने का काम किया, लेकिन जनता ने एक बार फिर से किरण माहेश्वरी जी के कामों को ध्यान में रखते हुए उन्हें चुना है.
उन्होंने प्रदेश स्तर के बीजेपी के पदाधिकारियों का भी धन्यवाद व आभार जताते हुए कहा कि उन पर जो विश्वास पार्टी ने दिखाया है उस पर खरा उतरने की कोशिश करेंगी और अपने क्षेत्र में दिन रात कार्य करती रहेंगी. साथ ही उन्होंने राजसमंद वासियों से कोरोना गाइडलाइन की पालना करने के लिए अपील की.
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आपको बता दें कि राजसमंद की यह सीट इस बार प्रदेश की हॉट सीट रही, क्योंकि यहां पर कुछ ही दिनों पहले नगर परिषद के चुनाव हुए थे, जिसमें बीजेपी की गुटबाजी के चलते यहां पर कांग्रेस ने बाजी मारी थी और इस बार कांग्रेस को लगा की कई वर्षों से यहां कांग्रेस का झंडा नहीं लहराया है. इस बार अवश्य लहराएगा. इसी को लेकर प्रदेश के कई मंत्री राजसमंद में डेरा डाले रहे, लेकिन इसके बावजूद बीजेपी अपने राजसमंद रूपी किले को बचाने में कामयाब रही. इस चुनाव से बीजेपी की गुटबाजी भी खत्म होती हुई दिख रही है.