राजसमंद. इन दिनों प्याज देश का बड़ा चर्चा का विषय बन चुका है. इसकी बढ़ी कीमत ने देशभर में हाहाकार मचाया हुआ है. अब लोग प्याज की जगह सब्जी में जीरा डालकर काम चला रहे हैं. यह जानने के लिए ईटीवी भारत राजसमंद जिला मुख्यालय की कृषि मंडी पहुंचा.
यहां पर प्याज के विक्रेताओं से बढ़ी हुई कीमतों को लेकर और प्याज की मांग और आपूर्ति को लेकर बातचीत की तो मीरा हुसैन ने बताया कि राजसमंद कृषि मंडी में करीब 3 से 4 महीने पहले हर रोज 300 कट्टे बिकते थे. प्याज के लेकिन वर्तमान में 100 से भी कम कट्टे प्याज के बिग पाते हैं.
बेमौसम बारिश ने बिगाड़ा हिसाब-किताब
उन्होंने बताया कि इस बार हुई मौसम की बेमौसम बारिश से जहां प्याज की सारी फसल खराब हो चुकी है. इस कारण प्याज बाजार में कम मात्रा में आ रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग इसका स्ट्रोक करके भी बैठे हुए हैं. जिसके कारण प्याज के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. वही विक्रेताओं का कहना है कि जो प्याज आ रहा है, उसमें भी हम लोगों को खराब और सही निकालना पड़ रहा है.
आम तो क्या बड़ें आदमी भी कह रहे ना :
वही ईटीवी भारत की टीम ने कांकरोली स्थित श्री द्वारकेश सब्जी मंडी पहुंची जहां सब्जी खरीद रहे लोगों से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि प्याज तो अब थाली से दूरी हो गया. बताइए जो प्याज पहले 30 से 35 रुपए में मिल जाया करता था, वह अब 80 से 85 किलो बिक रहा है. जिसके कारण प्याज खरीदने से रसोई का बजट भी बिगड़ रहा है.
अब देखना होगा कि आम आदमी के थाली से प्याज जो दूर हो गया, वह कब रेट कम होने से फिर थाली की ओर लौटता है, लेकिन दूसरी तरफ सड़क से लेकर संसद के भीतर तक प्याज की गूंज चारों ओर सुनाई दे रही है. ऐसे में आम आदमी प्याज की बढ़ी हुई कीमत के चलते इसे खाने के बजाय फलों को खाना पसंद कर रहे हैं.