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राजसमंदः माऊ-मदारा मार्ग पर 4 साल से फैला है कीचड़...प्रशासन ने नहीं ली सुध

राजसमंद के माऊ-मदारा मार्ग में कीचड़ होने के कारण लोग परेशान हैं. इस रास्ते का हाल पिछले चार सालों से इसी तरह बना हुआ है. नेता आते तो हैं पर चुनाव में वोट लेने.

माऊ-मदारा मार्ग,mau madara road
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Published : Sep 11, 2019, 8:04 PM IST

राजसमंद. जिले के ग्राम पंचायत गोगाथला के माऊ - मदारा मार्ग पर 12 महीने से कीचड़ होने से ग्रामीण लोग परेशान नजर आ रहें हैं. गांव में पक्की सड़क न होने से घरों का गंदा पानी रास्तों में भर रहा है. जिसके कारण गांव के बच्चे इसी रोड से होते हुए स्कूल जाने को मजबूर हैं.

राजसमंद के माऊ-मदारा मार्ग कीचड़ से भरा

कई बार देखा गया है कि रास्ता, गंदे पानी के कारण इतना भर जाता है कि बच्चे स्कूल भी नहीं जा पाते हैं. प्रशासन गांव की इन समस्याओं से अंजान बने हुए हैं. गंदे पानी के कारण राहगीरों और बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

पढ़ें. डूंगरपुर: नीलापानी मंदिर के पास नदी में तैरती मिला शव...मृतक की हुई पहचान

इस बारे में स्थानीय निवासी भेरु लाल कुमावत ने बताया कि गांव का यह कीचड़ पिछले चार साल से लोगों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है. रास्ते को लेकर कई बार पंचायत प्रशासन और उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है लेकिन इस ओर प्रशासन ध्यान ने ध्यान नहीं दिया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि हमारा उपयोग केवल राजनीति करने एवं वोट बैंक के लिए नेता यहां आते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सभी नेता चुनाव के समय आश्वासन देकर जाते हैं एवं चुनाव जीतने के बाद कोई हमारी खबर नहीं लेता है.

पढ़ें. डूंगरपुरः राजसी ठाठ-बाठ से निकली रामजी की सवारी...गूंजे जय श्रीराम के जयकारे

ग्रामीणों ने इस दौरान कहा कि इस बार हम नेताओं को इस बार गांव में वोट मांगने के लिए घुसने नहीं देंगे. ग्रामीणों ने अपनी व्यथा सुनाते हुए बताया कि पंचायत मुख्यालय गांव से करीब 10 किलोमीटर है. इस कारण सरपंच से किसी कार्य हेतु उन्हें 10 किलोमीटर पैदल चलकर जाना पड़ता है. इस रास्ते रोजाना सैकड़ों लोगों की आवाजाही बनी रहती है एवं राहगीर आए दिन इस रास्ते में फिसल कर चोटिल हो जाते हैं. इस कच्चे रास्ते के लिए 1 वर्ष पूर्व से ही कई बार ग्रामीणों ने 181 पर भी शिकायत दर्ज करवाई है लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.

राजसमंद. जिले के ग्राम पंचायत गोगाथला के माऊ - मदारा मार्ग पर 12 महीने से कीचड़ होने से ग्रामीण लोग परेशान नजर आ रहें हैं. गांव में पक्की सड़क न होने से घरों का गंदा पानी रास्तों में भर रहा है. जिसके कारण गांव के बच्चे इसी रोड से होते हुए स्कूल जाने को मजबूर हैं.

राजसमंद के माऊ-मदारा मार्ग कीचड़ से भरा

कई बार देखा गया है कि रास्ता, गंदे पानी के कारण इतना भर जाता है कि बच्चे स्कूल भी नहीं जा पाते हैं. प्रशासन गांव की इन समस्याओं से अंजान बने हुए हैं. गंदे पानी के कारण राहगीरों और बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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इस बारे में स्थानीय निवासी भेरु लाल कुमावत ने बताया कि गांव का यह कीचड़ पिछले चार साल से लोगों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है. रास्ते को लेकर कई बार पंचायत प्रशासन और उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है लेकिन इस ओर प्रशासन ध्यान ने ध्यान नहीं दिया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि हमारा उपयोग केवल राजनीति करने एवं वोट बैंक के लिए नेता यहां आते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सभी नेता चुनाव के समय आश्वासन देकर जाते हैं एवं चुनाव जीतने के बाद कोई हमारी खबर नहीं लेता है.

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ग्रामीणों ने इस दौरान कहा कि इस बार हम नेताओं को इस बार गांव में वोट मांगने के लिए घुसने नहीं देंगे. ग्रामीणों ने अपनी व्यथा सुनाते हुए बताया कि पंचायत मुख्यालय गांव से करीब 10 किलोमीटर है. इस कारण सरपंच से किसी कार्य हेतु उन्हें 10 किलोमीटर पैदल चलकर जाना पड़ता है. इस रास्ते रोजाना सैकड़ों लोगों की आवाजाही बनी रहती है एवं राहगीर आए दिन इस रास्ते में फिसल कर चोटिल हो जाते हैं. इस कच्चे रास्ते के लिए 1 वर्ष पूर्व से ही कई बार ग्रामीणों ने 181 पर भी शिकायत दर्ज करवाई है लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.

Intro:
राजसमंद- जिले के ग्राम पंचायत गोगाथला के माऊ गाँव में माऊ - मदारा मार्ग पर 12 महीने फैला रहता है किचड़, पक्की सड़क के अभाव में घरों का सारा गंदा पानी एवं बरसाती पानी मुख्य रास्ते पर जमा हो जाता है। जिससे विद्यालय जाने वाले छोटे-छोटे बच्चों को इसी रास्ते से कीचड़ में होकर गुजरना पड़ता है एवं इसके बाद जब कीचड़ से भर जाते हैं तो विद्यालय में जाकर अपने कपड़ों को वापस साफ करते हैं कई बार तो ऐसा देखने में आया है कि बच्चे पूरी तरह से कीचड़ में भर जाते हैं इस कारण से विद्यालय भी नहीं जा पाते हैं एवं उन नन्हे मुन्हो को वापस घर लौट जाना पड़ता है। इस गंदे पानी एवं कीचड़ से ग्रामीण एवं राहगीरों खासी दिक्कतों का सामना करना पढ़ रहा है स्थानीय ग्रामीण भेरू लाल कुमावत ने बताया कि पिछले 4 साल से यह कीचड़ ग्रामीणों के लिए सिरदर्द बना हुआ है इस रास्ते को लेकर कई बार पंचायत प्रशासन व उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया लेकिन इस ओर प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि हमारा उपयोग केवल राजनीति करने एवं वोट बैंक मात्र है सभी नेता चुनाव के समय आश्वासन देकर जाते हैं एवं चुनाव जीतने के बाद कोई हमारी सुध नहीं लेता और ग्रामीणों ने यह तक कहा कि इस बार अगर कोई नेता वोट मांगने आता है तो उसे गांव में नहीं आने दिया जाएगा ग्रामीणों ने अपनी व्यथा सुनाते हुए बताया कि पंचायत मुख्यालय गांव से करीब 10 किलोमीटर है इस कारण सरपंच से किसी कार्य हेतु उन्हें 10 किलोमीटर पैदल चलकर जाना पड़ता है इस रास्ते रोजाना सैकड़ों लोगों की आवाजाही बनी रहती है एवं राहगीर आए दिन इस रास्ते में फिसल कर चोटिल हो जाते हैं इस कच्चे आम रास्ते के लिए 1 वर्ष पूर्व से ही कितनी बार ग्रामीणों ने 181 पर भी शिकायत दर्ज करवाई हैं लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो रही है.Body:बाइट ग्रामीण भेरु लाल कुमावतConclusion:
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