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राजसमंद: प्रभु द्वारिकाधीश मंदिर में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई जन्माष्टमी - Rajasthan news

देश भर में बुधवार को कृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया. कांकरोली स्थित पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय की तृतीय पीठ श्री द्वारिकाधीश मंदिर में योग योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. इस बार मंदिर में भक्तों का प्रवेश निषेध था.

krishna janmashtami,  prabhu dwarkadhish temple
प्रभु द्वारिकाधीश मंदिर में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई जन्माष्टमी
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Published : Aug 13, 2020, 4:25 AM IST

राजसमंद. देश भर में बुधवार को कृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया. कांकरोली स्थित पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय की तृतीय पीठ श्री द्वारिकाधीश मंदिर में योग योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर मंगला के दर्शन के पश्चात प्रातः प्रभु श्री द्वारिकाधीश को तृतीय पीठ युवराज डॉ. वागीश कुमार गोस्वामी तृतीय पीठ राजकुमार वेदांत कुमार गोस्वामी और सिद्धार्थ कुमार गोस्वामी ने प्रभु श्री को पंचामृत स्नान करवाया.

पंचामृत से प्रभु को कराया गया स्नान

जिसमें प्रभु द्वारिकाधीश को दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और जल से पंचामृत किया गया. तत्पश्चात श्रंगार में प्रभु द्वारिकाधीश को विशेष शृंगार धराया गया. वहीं राजभोग दर्शन के पूर्व द्वारकेश गार्ड द्वारकेश बैंड की सुर मधुर धुन पर गोवर्धन चौक में प्रभु को सलामी देने के लिए उपस्थित रहे. इस दौरान राजकुमार वेदांत कुमार और सिद्धार्थ कुमार द्वारा सलामी ली गई. दिन भर के नित्य दर्शनों के बाद रात्रि 9:30 बजे द्वारकाधीश के जागरण सेवा का क्रम शुरू हुआ जो कि 11:30 बजे तक चला. उसके बाद मंदिर के कपाट बंद हुए और कुछ देर बाद प्रभु के जन्म की घोषणा हुई.

पढ़ें: अलवर: कृष्ण जन्माष्टमी पर कोरोना के चलते मंदिर रहे खाली

जन्म की घोषणा के साथ ही पूरा मंदिर परिसर शंख घटा की ध्वनि से गुंजायमान होने लगा. द्वारकेश सुरक्षा ट्रॉली द्वारा प्रभु को बंदूकों की सलामी दी गई. प्रभु के छोटे स्वरूप शालिग्राम जी का पंचामृत स्नान हुआ. जन्माष्टमी के अवसर पर इस बार कोरोना महामारी के कारण वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार आम श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश निषेध था. परंतु मंदिर में प्रभु की सेवा में किसी भी ठाट-बाट में कोई कमी नहीं रही.

krishna janmashtami,  prabhu dwarkadhish temple
कुछ जगहों पर दही हांडी का भी हुआ आयोजन

बाड़मेर में कुछ जगह दही हांडी के कार्यक्रम हुए आयोजित

कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर इस बार बाड़मेर शहर में कोविड-19 की वजह से कोई बड़े आयोजन नहीं हुए. लेकिन श्रद्धालुओं में कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर बड़ा उत्साह नजर आया. शहर में इस बार कुछ ही स्थानों पर दही हांडी लगाई गई. जहां बच्चों में काफी उत्साह देखने को मिला. इस बार कोविड-19 की वजह से गिने चुने लोग ही मंदिर में दिखे. मंदिर प्रशासन की ओर से कोविड-19 की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाएं की गई.

krishna janmashtami,  prabhu dwarkadhish temple
बच्चों में दिखा उत्साह

पढ़ें: जयपुर: 31 तोपों की सलामी के साथ मनायी गई कृष्ण जन्माष्टमी

श्रीगंगानगर में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए मनाया गया पर्व

प्रदेश समेत पूरे देश में कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है. लेकिन कोरोना के कारण इस बार लोग मंदिर में दर्शन नहीं कर पाएंगे. इस बार लोग घरों में रहकर ही ठाकुर जी के जन्म उत्सव को मना रहे हैं. हर साल की तरह इस साल भी मंदिर में सजावट तो की गई है लेकिन मंदिर प्रांगण में भक्त नहीं हैं. कोरोना के चलते मंदिर में लोगों का प्रवेश निषेध है.

राजसमंद. देश भर में बुधवार को कृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया. कांकरोली स्थित पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय की तृतीय पीठ श्री द्वारिकाधीश मंदिर में योग योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर मंगला के दर्शन के पश्चात प्रातः प्रभु श्री द्वारिकाधीश को तृतीय पीठ युवराज डॉ. वागीश कुमार गोस्वामी तृतीय पीठ राजकुमार वेदांत कुमार गोस्वामी और सिद्धार्थ कुमार गोस्वामी ने प्रभु श्री को पंचामृत स्नान करवाया.

पंचामृत से प्रभु को कराया गया स्नान

जिसमें प्रभु द्वारिकाधीश को दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और जल से पंचामृत किया गया. तत्पश्चात श्रंगार में प्रभु द्वारिकाधीश को विशेष शृंगार धराया गया. वहीं राजभोग दर्शन के पूर्व द्वारकेश गार्ड द्वारकेश बैंड की सुर मधुर धुन पर गोवर्धन चौक में प्रभु को सलामी देने के लिए उपस्थित रहे. इस दौरान राजकुमार वेदांत कुमार और सिद्धार्थ कुमार द्वारा सलामी ली गई. दिन भर के नित्य दर्शनों के बाद रात्रि 9:30 बजे द्वारकाधीश के जागरण सेवा का क्रम शुरू हुआ जो कि 11:30 बजे तक चला. उसके बाद मंदिर के कपाट बंद हुए और कुछ देर बाद प्रभु के जन्म की घोषणा हुई.

पढ़ें: अलवर: कृष्ण जन्माष्टमी पर कोरोना के चलते मंदिर रहे खाली

जन्म की घोषणा के साथ ही पूरा मंदिर परिसर शंख घटा की ध्वनि से गुंजायमान होने लगा. द्वारकेश सुरक्षा ट्रॉली द्वारा प्रभु को बंदूकों की सलामी दी गई. प्रभु के छोटे स्वरूप शालिग्राम जी का पंचामृत स्नान हुआ. जन्माष्टमी के अवसर पर इस बार कोरोना महामारी के कारण वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार आम श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश निषेध था. परंतु मंदिर में प्रभु की सेवा में किसी भी ठाट-बाट में कोई कमी नहीं रही.

krishna janmashtami,  prabhu dwarkadhish temple
कुछ जगहों पर दही हांडी का भी हुआ आयोजन

बाड़मेर में कुछ जगह दही हांडी के कार्यक्रम हुए आयोजित

कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर इस बार बाड़मेर शहर में कोविड-19 की वजह से कोई बड़े आयोजन नहीं हुए. लेकिन श्रद्धालुओं में कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर बड़ा उत्साह नजर आया. शहर में इस बार कुछ ही स्थानों पर दही हांडी लगाई गई. जहां बच्चों में काफी उत्साह देखने को मिला. इस बार कोविड-19 की वजह से गिने चुने लोग ही मंदिर में दिखे. मंदिर प्रशासन की ओर से कोविड-19 की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाएं की गई.

krishna janmashtami,  prabhu dwarkadhish temple
बच्चों में दिखा उत्साह

पढ़ें: जयपुर: 31 तोपों की सलामी के साथ मनायी गई कृष्ण जन्माष्टमी

श्रीगंगानगर में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए मनाया गया पर्व

प्रदेश समेत पूरे देश में कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है. लेकिन कोरोना के कारण इस बार लोग मंदिर में दर्शन नहीं कर पाएंगे. इस बार लोग घरों में रहकर ही ठाकुर जी के जन्म उत्सव को मना रहे हैं. हर साल की तरह इस साल भी मंदिर में सजावट तो की गई है लेकिन मंदिर प्रांगण में भक्त नहीं हैं. कोरोना के चलते मंदिर में लोगों का प्रवेश निषेध है.

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