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'विधायक विकास निधि पर प्रतिबंध गलत, ऐसा कर कांग्रेस सरकार ने गरीब विरोधी चेहरे को दर्शाया है'

प्रदेश में चल रही राजनीतिक हलचल में राजसमंद विधायक किरण महेश्वरी ने मुख्मंत्री पर निशाना साधा है. महेश्वरी ने कहा कि कांग्रेस सरकार कोरोना संकट का बहाना करके विधायकों के विवेक पर अंकुश लगा रही है.

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Published : Jun 11, 2020, 7:39 PM IST

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किरण महेश्वरी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा

राजसमंद. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का दौर लगातार जारी है. इस दौरान राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी लगातार बना हुआ है. इसी बीच राजसमंद से विधायक और पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने विकास निधि का वर्तमान और आगामी वर्ष की राशि को केवल स्वास्थ्य संरचना में उपयोग करने के सरकारी आदेश को अवांछित और अव्यावहारिक बताया है.

महेश्वरी ने कहा कि विधायक विकास निधि का उपयोग विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए होता है. जिससे विधायकों को अपने क्षेत्र की समस्या और प्राथमिकताओं के बारे में धरातल स्तर का ज्ञान होता है. उसे क्षेत्रीय जनता की आशा और अपेक्षाओं के बारे में विस्तृत जानकारी होती है. माहेश्वरी ने बताया कि विधायक विकास निधि का उपयोग विधायक के विवेक पर क्षेत्रीय विकास की प्राथमिकताओं एवं मूलभूत सुविधाओं की सर्जन के लिए किया जाता है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार कोरोना संकट का बहाना करके विधायकों के विवेक पर अंकुश लगा रही है. विधायक विद्यमान परिस्थितियों का आकलन करके विकास कार्यों की अनुशंसा करता है. विधायक विकास निधि की आवश्यकता ही इसलिए हुई थी, क्योंकि सरकार केंद्रित आयोजन के कारण गांव की छोटी-छोटी समस्याओं को दूर करने में विफल रही है.

पढ़ें- कांग्रेस विधायकों की शिव विलास रिसोर्ट में बैठक, राज्यसभा चुनाव की रणनीति को लेकर हुई चर्चा

महेश्वरी ने कहा कि अभी भी गांव में विद्यमान स्वास्थ्य सूचना का चिकित्सकों और अर्ध चिकित्सकीय कर्मचारियों के अभाव में पूरा उपयोग नहीं हो पा रहा है. जिला चिकित्सालय में प्रशिक्षण कर्मचारियों के अभाव में करोड़ों रुपये के उपकरण धूल खा रहे हैं. महेश्वरी ने कहा कि विकास निधि के उपयोग पर रोक लगाकर कांग्रेस सरकार ने गांव में गरीब विरोधी चेहरे को दर्शाया है. उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर विकास निधि के उपयोग पर रोक लगाने की अधिसूचना वापस लेने की मांग की है.

राजसमंद. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का दौर लगातार जारी है. इस दौरान राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी लगातार बना हुआ है. इसी बीच राजसमंद से विधायक और पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने विकास निधि का वर्तमान और आगामी वर्ष की राशि को केवल स्वास्थ्य संरचना में उपयोग करने के सरकारी आदेश को अवांछित और अव्यावहारिक बताया है.

महेश्वरी ने कहा कि विधायक विकास निधि का उपयोग विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए होता है. जिससे विधायकों को अपने क्षेत्र की समस्या और प्राथमिकताओं के बारे में धरातल स्तर का ज्ञान होता है. उसे क्षेत्रीय जनता की आशा और अपेक्षाओं के बारे में विस्तृत जानकारी होती है. माहेश्वरी ने बताया कि विधायक विकास निधि का उपयोग विधायक के विवेक पर क्षेत्रीय विकास की प्राथमिकताओं एवं मूलभूत सुविधाओं की सर्जन के लिए किया जाता है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार कोरोना संकट का बहाना करके विधायकों के विवेक पर अंकुश लगा रही है. विधायक विद्यमान परिस्थितियों का आकलन करके विकास कार्यों की अनुशंसा करता है. विधायक विकास निधि की आवश्यकता ही इसलिए हुई थी, क्योंकि सरकार केंद्रित आयोजन के कारण गांव की छोटी-छोटी समस्याओं को दूर करने में विफल रही है.

पढ़ें- कांग्रेस विधायकों की शिव विलास रिसोर्ट में बैठक, राज्यसभा चुनाव की रणनीति को लेकर हुई चर्चा

महेश्वरी ने कहा कि अभी भी गांव में विद्यमान स्वास्थ्य सूचना का चिकित्सकों और अर्ध चिकित्सकीय कर्मचारियों के अभाव में पूरा उपयोग नहीं हो पा रहा है. जिला चिकित्सालय में प्रशिक्षण कर्मचारियों के अभाव में करोड़ों रुपये के उपकरण धूल खा रहे हैं. महेश्वरी ने कहा कि विकास निधि के उपयोग पर रोक लगाकर कांग्रेस सरकार ने गांव में गरीब विरोधी चेहरे को दर्शाया है. उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर विकास निधि के उपयोग पर रोक लगाने की अधिसूचना वापस लेने की मांग की है.

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