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भगवान चारभुजा नाथ मंदिर में भी मनाया जा रहा जन्माष्टमी का पावन पर्व

कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व शनिवार को जिले भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. आधी रात को जिले के प्रमुख कृष्ण मंदिर, श्रीनाथ जी, द्वारकाधीश जी, को चारभुजा मंदिर में भी प्रभु के जन्मोत्सव की बधाई से गूंज उठेंगे.

The temple of Lord Charbhuja Nath also celebrated Janmashtami festival
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Published : Aug 24, 2019, 2:29 PM IST

राजसमंद. कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व शनिवार को जिले भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. आधी रात को जिले के प्रमुख कृष्ण मंदिर श्रीनाथ जी, द्वारकाधीश जी, को चारभुजा मंदिर में भी प्रभु के जन्मोत्सव की बधाई से गूंज उठेंगे.

भगवान चारभुजा नाथ के मंदिर ने भी मनाया जन्माष्टमी पर्व

वहीं कई मंदिरों में तो बंदूकों से सलामी देकर भगवान कृष्ण के आगमन की खुशी मनाई जाएगी. चारभुजा मंदिर में जन्माष्टमी के दिन मंगला दर्शन सुबह 5:30 से 6:30 बजे होंगे.

जानिए दर्शन के समय...

  • गवाल के दर्शन 8.15 से 11:00 बजे तक होंगे
  • इनके अलावा 11:00 बजे से 3:45 बजे तक होंगे
  • स्थापन के 4:00 बजे तक होंगे
  • संध्या आरती के दर्शन 7:30 बजे तक होंगे
  • इसके बाद पट बंद हो जाएंगे. 8:45 बजे दर्शन खुलेंगे
  • 10:00 बजे फिर पट बंद हो जाएंगे
  • इसके बाद प्रभु के जन्म पर उन्हें सलामी दी जाएगी
  • 12:00 बजे श्री कृष्ण के जन्म दर्शन खुलेंगे

यह भी पढ़ें- केमिकल से भरा टैंकर बेकाबू होकर कार पर पलटा...2 बच्चे, 3 महिला समेत 9 लोगों की दबने से दर्दनाक मौत

श्री कृष्ण जन्म के दर्शन करीब आधे घंटे तक होंगे. आपको बता दें इन्हें मेवाड़ के आराध्य देवों में से एक माना जाता है. प्रभु चारभुजानाथ को यहां श्रद्धालु देश के कोने-कोने से देखने वा भगवान चारभुजा नाथ के दर्शन करने के लिए पहुंचते है. आराध्य चारभुजा नाथ मंदिर की परंपराएं और सेवाएं भी पूजा मानी जाती है. यहां की मर्यादा भी अनूठी है. करीब 5285 साल पहले पांडव के हाथों से स्थापित इस मंदिर में कृष्ण का चतुर्भुज स्वरूप विराजित है. यहां के पुजारी गुर्जर समाज के 1 हजार परिवार के हैं. इसमें सेवा पूजा ओसरे के अनुसार बटी हुई है. सबसे दिलचस्प बात यहां है कि भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर भगवान के पोतड़े धोने की परंपरा निभाई जाती है.

राजसमंद. कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व शनिवार को जिले भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. आधी रात को जिले के प्रमुख कृष्ण मंदिर श्रीनाथ जी, द्वारकाधीश जी, को चारभुजा मंदिर में भी प्रभु के जन्मोत्सव की बधाई से गूंज उठेंगे.

भगवान चारभुजा नाथ के मंदिर ने भी मनाया जन्माष्टमी पर्व

वहीं कई मंदिरों में तो बंदूकों से सलामी देकर भगवान कृष्ण के आगमन की खुशी मनाई जाएगी. चारभुजा मंदिर में जन्माष्टमी के दिन मंगला दर्शन सुबह 5:30 से 6:30 बजे होंगे.

जानिए दर्शन के समय...

  • गवाल के दर्शन 8.15 से 11:00 बजे तक होंगे
  • इनके अलावा 11:00 बजे से 3:45 बजे तक होंगे
  • स्थापन के 4:00 बजे तक होंगे
  • संध्या आरती के दर्शन 7:30 बजे तक होंगे
  • इसके बाद पट बंद हो जाएंगे. 8:45 बजे दर्शन खुलेंगे
  • 10:00 बजे फिर पट बंद हो जाएंगे
  • इसके बाद प्रभु के जन्म पर उन्हें सलामी दी जाएगी
  • 12:00 बजे श्री कृष्ण के जन्म दर्शन खुलेंगे

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श्री कृष्ण जन्म के दर्शन करीब आधे घंटे तक होंगे. आपको बता दें इन्हें मेवाड़ के आराध्य देवों में से एक माना जाता है. प्रभु चारभुजानाथ को यहां श्रद्धालु देश के कोने-कोने से देखने वा भगवान चारभुजा नाथ के दर्शन करने के लिए पहुंचते है. आराध्य चारभुजा नाथ मंदिर की परंपराएं और सेवाएं भी पूजा मानी जाती है. यहां की मर्यादा भी अनूठी है. करीब 5285 साल पहले पांडव के हाथों से स्थापित इस मंदिर में कृष्ण का चतुर्भुज स्वरूप विराजित है. यहां के पुजारी गुर्जर समाज के 1 हजार परिवार के हैं. इसमें सेवा पूजा ओसरे के अनुसार बटी हुई है. सबसे दिलचस्प बात यहां है कि भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर भगवान के पोतड़े धोने की परंपरा निभाई जाती है.

Intro:राजसमंद- कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व शनिवार को जिले भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. आधी रात को जिले के प्रमुख कृष्ण मंदिर श्रीनाथ जी द्वारकाधीश जी को चारभुजा मंदिर मैं भी प्रभु के जन्मोत्सव की बधाई की गूंज उठेंगे. वही कई मंदिरों में तो बंदूकों से सलामी देकर भगवान कृष्ण के आगमन की खुशी मनाई जाएगी. तो वही चारभुजा मंदिर में जन्माष्टमी के दिन आज मंगला दर्शन सुबह 5:30 से 6:30 बजे होंगे गवाल के दर्शन 8.15 से 11:00 बजे तक होंगे.


Body:इनके अलावा 11:00 बजे से 3:45 बजे तक होंगे. स्थापन के 4:00 बजे तक होंगे. संध्या आरती के दर्शन 7:30 बजे तक होंगे. इसके बाद पट बंद हो जाएंगे. 8:45 बजे दर्शन खुलेंगे 10:00 बजे फिर पट बंद हो जाएंगे.इसके बाद प्रभु के जन्म पर उन्हें सलामी दी जाएगी. 12:00 बजे श्री कृष्ण के जन्म दर्शन खुलेंगे श्री कृष्ण जन्म के दर्शन करीब आधे घंटे तक होंगे. आपको बता देंगे मेवाड़ के आराध्य देवों में से एक माना जाता है. प्रभु चारभुजा नाथ को यहां श्रद्धालु देश के कोने कोने से भगवान चारभुजा नाथ के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं.
आपको बता दें कि आराध्य चारभुजा नाथ मंदिर की परंपराएं और सेवाएं भी पूजा है. की मर्यादा भी अनूठी हैं. करीब 5285 साल पहले पांडव के हाथों से स्थापित. इस मंदिर में कृष्ण का चतुर्भुज स्वरूप विराजित है. यहां के पुजारी गुर्जर समाज के 1000 परिवार हैं.इसमें सेवा पूजा ओसरे के अनुसार बटी हुई है.


Conclusion:सबसे दिलचस्प बात है.कि भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर भगवान के पोतड़े धोने की परंपरा निभाई जाती है.यह मंदिर महाभारत काल में पांडवों ने की थी इस मंदिर की स्थापना.
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