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राजसमंद के द्वारिकाधीश मंदिर में हर्ष और उल्लास के साथ मनाई गई जन्माष्टमी

राजसमंद के श्री द्वारकाधीश मंदिर में हर्ष और उल्लास के साथ जन्माष्टमी मनाई गई. यहां हजारों की संख्या में वैष्णव जन भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव में शामिल देश के कोने- कोने से पधारते हैं.

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Published : Aug 25, 2019, 7:36 AM IST

Updated : Aug 25, 2019, 11:17 AM IST

राजसमंद. जिले में श्री द्वारकाधीश मंदिर में जन्माष्टमी का पावन पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. जब भगवान श्रीकृष्ण के जन्म में कुछ ही समय शेष था, तब मंदिर में हजारों की संख्या में वैष्णव जनों ने भगवान श्री द्वारिकाधीश के मंदिर पहुंचकर सुबह से ही दर्शनों का आनंद लिया. सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गोवर्धन चौक में भजन-संध्या आनंद लिया.

पढ़ें- अलवर में राजीव गांधी की जयंती पर क्विज प्रतियोगिता का आयोजन

आपको बता दें कि पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय तृतीय पीठ श्री द्वारिकाधीश मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर मंदिर के पुरोहित द्वारा ग्रहों की स्थिति देखकर भगवान श्री कृष्ण के जन्म उत्सव की घोषणा करते हैं. हजारों की संख्या में वैष्णव जन भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव में शामिल देश के कोने- कोने से पधारते हैं. वैष्णव जन भगवान की एक छवि देखने के लिए लालायित रहते हैं, वैष्णव जन भगवान के जन्मोत्सव की घोषणा होते ही द्वारकेश गार्ड द्वारा 21 बंदूकों की सलामी दी जाती है.

राजसमंद. जिले में श्री द्वारकाधीश मंदिर में जन्माष्टमी का पावन पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. जब भगवान श्रीकृष्ण के जन्म में कुछ ही समय शेष था, तब मंदिर में हजारों की संख्या में वैष्णव जनों ने भगवान श्री द्वारिकाधीश के मंदिर पहुंचकर सुबह से ही दर्शनों का आनंद लिया. सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गोवर्धन चौक में भजन-संध्या आनंद लिया.

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आपको बता दें कि पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय तृतीय पीठ श्री द्वारिकाधीश मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर मंदिर के पुरोहित द्वारा ग्रहों की स्थिति देखकर भगवान श्री कृष्ण के जन्म उत्सव की घोषणा करते हैं. हजारों की संख्या में वैष्णव जन भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव में शामिल देश के कोने- कोने से पधारते हैं. वैष्णव जन भगवान की एक छवि देखने के लिए लालायित रहते हैं, वैष्णव जन भगवान के जन्मोत्सव की घोषणा होते ही द्वारकेश गार्ड द्वारा 21 बंदूकों की सलामी दी जाती है.

Intro:राजसमंद- हर्ष और उल्लास के साथ मनाई गई जन्माष्टमी श्री पुष्टिमार्गीय तृतीय पीठ के श्री द्वारकाधीश मंदिर में शनिवार को योग योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया.इस मौके पर शनिवार को मंगला दर्शन के पश्चात 5:30 बजे पंचामृत स्नान के दर्शन हुए.जिसमें प्रभु द्वारिकाधीश को दूध दही घी शक्कर और जल से पंचामृत किया गया. तत्पश्चात सिंगार में प्रभु द्वारिकाधीश को श्री मस्तक पर बड़े साज की केसरी कुले , बंदे बंद का केसरी दूरियां का चाकदार वागा, लाल अथलस की सुतन , लाल कटी का मटका, दो रंगी ठाड़े वस्त्र और हीरा पन्ना माणक के


Body:आबरण कराए गये. दिन भर के नित्य दर्शनों के बाद रात्रि 9:30 बजे द्वारिकाधीश के जागरण के दर्शन खोलें जो 11:30 बजे तक होते रहे. उसके बाद मंदिर के कपाट बंद हुए और 12.39 पर प्रभु के जन्म की घोषणा हुई. पूरा मंदिर परिसर शंख घटा की ध्वनि से गुंजायमान होने लगे द्वारकेश सुरक्षा टोली द्वारा प्रभु को बंदूकों की सलामी दी गई हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रभु द्वारिकाधीश के दर्शन के यहां पर्व के छोटे स्वरुप शालिग्राम जी को पंचामृत स्नान हुआ.जन्माष्टमी के मौके पर नगर जनों द्वारा गोवर्धन चौक में भजन संध्या का आयोजन भी किया गया. जिसमें हजारों की संख्या में वैष्णव जनों ने भगवान भक्ति में माहौल में भजनों मैं प्रभु के आराधना की तो वही भक्त भी भगवान के भक्ति में भजनों के साथ झूमते नाचते गाते हुए दिखाई दिए.


Conclusion:
Last Updated : Aug 25, 2019, 11:17 AM IST
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