राजसमंद. कोरोना महामारी जहां एक तरफ विकराल रूप धारण किए हुए हैं वहीं दूसरी तरफ इस महामारी को हराने के लिए अब सरकार के साथ आम व्यक्ति भी कंधे से कंधा मिलाकर साथ निभा रहा है, जिससे कि इस कोरोना काल को समाप्त किया जा सके. एडवोकेट पूजा उपाध्याय इन्हीं कोरोना वारियर्स में से एक हैं. जो रोजाना अपने सहयोगियों के साथ करीब 500 से 600 मास्क बनाकर जरूरतमंद लोगों को वितरित कर रही हैं.
पूजा बताती है कि लॉकडाउन लागू होने के बाद वो अपने परिवार के लिए मास्क लाने बाजार गईं थीं. बाजार में मास्क 20 से 25 रुपए का एक बेचा जा रहा था. जब वो दूसरे दिन मास्क खरीदने बाजार गईं तो उसी मास्क की कीमत 30 से 35 रुपए हो गई. तभी पूजा के मन में विचार आया कि जब बाजार में मास्क को खरीदने में उन्हें इतना पैसा देना पड़ रहा है. तो गरीब और दिहाड़ी मजदूर आखिर कैसे खरीदेंगे.
एक विचार ने बदल दिया मन...
इस महामारी से बचाव के लिए उनके मन में विचार आया. क्यों न वो खुद ही अपने परिवार के सदस्यों के साथ मास्क बनाना शुरू करें. जब उन्होंने इसका विचार अपने परिवारजनों के साथ साझा किया तो परिवार जनों ने भी उनके इस सकारात्मक पहल का साथ दिया. पूजा के साथ उनकी अन्य सहयोगी कुमकुम, पूनम, अंतिमा, संजना, सुमन और निर्मला भी शामिल हैं. जो अपने घर का काम करके पूजा उपाध्याय के घर आकर करीब 8 से 10 घंटे एक साथ बैठकर मास्क बनाती हैं और उन लोगों की मदद के लिए मास्क उपलब्ध करवा रही हैं. जिन्हें मास्क की आवश्यकता है.
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पूजा बताती हैं कि उन्होंने अब तक करीब 15 हजार से भी अधिक मास्क बनाकर वितरित कर चुकी हैं. इस काम के लिए उनके साथियों ने नि:शुल्क सेवा दे रही हैं. वैसे ही शहर के लोगों को पूजा द्वारा बनाए जा रहे मास्क की सूचना मिलने पर उनसे टेलीफोन पर सूचना कर मास्क उपलब्ध कराने के लिए फोन आ रहे हैं और पूजा मास्क बनाकर इन्हें उपलब्ध करवा रही हैं. ईटीवी भारत भी पूजा के जज्बे को सलाम करता है कि कोरोना जैसी महामारी में उन्होंने जो बीड़ा उठाया है वो काबिले तारीफ है.