जयपुर: नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार के मंत्री सदन में बिना तैयारी आते हैं और ठीक से जवाब तक नहीं दे पाते हैं. हमारे युवा विधायकों ने पूरी तैयारी के साथ सवाल लगाए, जिनका जवाब तक मंत्री नहीं दे पाए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मंत्री हर बात पर पर्ची का इंतजार करते हैं. कांग्रेस के नए विधायकों की सराहना करते हुए जूली ने कहा, जो विधायक पहली बार सदन में पहुंचे हैं, उन विधायकों ने भी मजबूती के साथ अपना पक्ष रखा है. विधानसभा में सोमवार को भी सबने देखा कि किस तरह नए विधायकों ने सवाल लगाए और राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान नए विधायकों ने भाषण दिया. सभी ने आंकड़ों के साथ अपना पक्ष रखा.
सत्ता में हैं तो कुछ भी बोलेंगे, यह नहीं चलेगा: जूली ने कहा कि सत्ता पक्ष केवल बड़े-बड़े दावे और वादों की बात करता रहा. जाति और धर्म की बात करके गुमराह करने का प्रयास किया गया. वे इस तरह की राजनीति कर रहे हैं कि वे सत्ता में हैं तो जो मर्जी बोलेंगे. इनके मंत्री जवाब तक नहीं दे पा रहे हैं. विधानसभा में कोई भी मंत्री संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं दे पाया.
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मंत्रियों को पता नहीं बोलना क्या है: उन्होंने कहा कि जब विधानसभा चलती है तो हर सदस्य अपने क्षेत्र के अटके हुए कामों को विधानसभा में लाता है, ताकि अटके हुए काम पूरे हों. विधानसभा में सवाल लगने के बाद भी मंत्री अनर्गल जवाब दें और बिना तैयारी के जवाब दें. मंत्रियों को पता ही नहीं है कि उन्हें बोलना क्या है. वे हर बात पर पर्ची का इंतजार कर रहे हैं. इससे साफ पता चलता है कि यह सरकार भगवान भरोसे चल रही है. धरातल पर कोई लेना-देना नहीं है.
स्वीकृति तो क्या, आश्वासन तक नहीं दे पाते मंत्री: मंत्री स्वीकृति तो क्या आश्वासन तक नहीं दे पा रहे हैं. अब तक जो निर्देश दिए गए हैं. वे भी सब अटके पड़े हैं. धर्मांतरण को लेकर नए बिल को लेकर जूली ने कहा, आज भी देश में और राज्य में धर्मांतरण को लेकर कानून लागू है. जबरदस्ती कोई भी किसी का धर्म परिवर्तन नहीं करवा सकता है. यह महज सुर्खियों में रहने, झूठी वाहवाही लूटने और लोगों को भ्रमित करने के लिए यह बिल अनावश्यक रूप से लाया गया है.
जूली ने की जनसुनवाई: टीकाराम जूली ने आज मंगलवार को सिविल लाइंस स्थित अपने राजकीय आवास पर प्रदेशभर से आए लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं. अलग-अलग जगहों से आए लोगों ने उन्हें अपनी समस्याएं बताई और विधानसभा में उनकी आवाज उठाने की मांग की. संविदा कर्मचारियों और नौजवानों ने भी जूली से उनसे जुड़ी समस्याओं को विधानसभा में उठाने की मांग की है.