राजसमंद. जम्मू कश्मीर में एलओसी पर पाकिस्तान की ओर से की गई फायरिंग में जवान परवेज काठात शहीद हो गए. पार्थिव शरीर देवगढ़ स्थित पैतृक गांव शेखावास पहुंचने के बाद शनिवार पूरे सैनिक सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने उन्हें अश्रुपूरित विदाई दी.
शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों लोग जुटे. लोगों ने ब्यावर शहर में जगह-जगह शहीद को श्रद्धांजलि दी. लगभग 24 किलोमीटर का सफर तय करशहीद की पार्थिव देह शेखावास पहुंची. जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ शनिवार को अंतिम जियारत के बाद सुपुर्दे खाक किया गया.
दरअसल शहीद परवेज काठात 5 ग्रेनेडियर में स्नाइपर फायरर के रूप में एलओसी पर तैनात थे. गुरुवार तड़के पेट्रोलिंग के दौरान पाकिस्तान की ओर से अचानक फायरिंग की गई. परवेज काठात को गोली लग गई. गंभीर रूप से घायल होने के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया. शहीद के चाचा प्रवीण काठात सेना के मेडिकल कोर में तैनात थे. उनकी शहीद होने की खबर सबसे पहले उनके चाचा लतीफ खां मिली. जिसके बाद उन्होंने इसकी सूचना परवेज के पिता मांगू खां को दी. यह सुनना था कि मां शांता, पिता मांगू, शहीद की पत्नी शहनाज सहित अन्य परिजन बिलख पड़े. पूरे गांव में गमगीन माहौल हो गया. इस मौके पर भीम विधायक सुदर्शन सिंह, एसडीओ सुमन, डीएसपी राजेंद्र सिंह, तहसीलदार उगम सिंह, बीडीओ रमेश मीणा शहीद के गांव पहुंचे और परिजनों को ढांढस बंधाया.
परवेज के पूरे परिवार का देश सेवा मेंयोगदान
परवेज भारतीय सेना में जम्मू के उरी सेक्टर में तैनात थे. उनके पिता मांगू खां काठात भी भारतीय सेना में हवलदार के पद से सेवानिवृत हैं. मौके पर शहीद का भाई इकबाल भारतीय सेना की 16 ग्रेनेडियर में जम्मू कश्मीर में तैनात है. इसके अलावा शहीद के परिवार में दामाद इमरान भी 5 ग्रेनेडियर में और काका लतीफ खां भारतीय सेना की मेडिकल कोर में कश्मीर में तैनात हैं.