राजसमंद. जिले के भीम तहसील के ठीकरवास पंचायत में बनाई जा रही ग्रेवल सड़क निर्माण को निरस्त कराने की मांग ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर और जिला परिषद सीईओ से की है. जानकारी के मुताबिक राजसमंद जिले के भीम तहसील की ग्राम पंचायत ठीककर वास में मनरेगा कार्य के तहत ग्रेवल सड़का का निर्माण किया जा रहा है. आरोप है कि निजी खातेदारी की जमीन से गांव के ही एक व्यक्ति को अवैध रूप से लाभ पहुंचाने सड़क का निर्माण कराया जा रहा है. इसके लिए जमीन के खातेदारों से सहमति भी नहीं ली गई है.
इस ग्रेवल सड़क निर्माण के लिए प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति आदेश भी जारी हो चुके हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि ग्रेवल सड़क निर्माण की फिलहाल कोई आवश्यकता नहीं है. क्योंकि यह आबादी क्षेत्र में भी नहीं है और इसमें सभी खातेदारों के आने जाने के लिए अलग रास्ते बने हुए हैं. ग्रामीणों ने जिला परिषद सीईओ से मनरेगा कार्य के तहत ग्रेवल सड़क का निर्माण निरस्त करने की मांग की है. वहीं, दूसरी तरफ इसी मामले में एक ज्ञापन और सौंपा गया है. इसमें बताया है कि कुछ लोग नरेगा योजना के अंतर्गत स्वीकृत ग्रेवल सड़क निर्माण कार्य रुकवाना चाहते हैं. इसके रुकने से नरेगा श्रमिकों को रोजगार भुगतान नहीं मिल पाएगा. ग्रामीणों ने मामले में उचित कार्रवाई की मांग की है.
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ऊर्जा स्वराज यात्रा पहुंची राजसमंद
ऊर्जा स्वराज आंदोलन के तहत निकाली जा रही ऊर्जा स्वराज यात्रा आज राजसमंद जिला मुख्यालय पर पहुंची. इस यात्रा का संचालन आईआईटी मुंबई के प्रोफेसर डॉक्टर चेतन सिंह सोलंकी की ओर से किया जा रहा है. इस एनर्जी स्वराज यात्रा का उद्देश्य लोगों को ऊर्जा संरक्षण और सौर ऊर्जा के प्रति जागरूक करना है. प्रोफेसर सोलंकी ने बताया कि इस यात्रा का शुभारंभ 26 नवंबर 2020 को भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने किया था. यह यात्रा 2 लाख किलोमीटर की दूरी तय करते हुए 11 साल तक लोगों को जागरूक करेगी. जिसका उद्देश्य लोगों को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें जागरूक करना है . सोलंकी ने बताया कि उनके इस मिशन का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण में बदलाव के लिए आमजन को महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य की तर्ज पर ऊर्जा स्वराज के प्रति प्रेरित करना है. जिससे आदमी बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा. यात्रा 2030 तक चलेगी.