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SPECIAL : किरण माहेश्वरी की मौत के बाद राजसमंद सीट पर CM पुत्र की नजर, ये दिग्गज भी जता रहे दावेदारी...

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Published : Dec 21, 2020, 5:59 PM IST

राजसमंद विधानसभा सीट पर उपचुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. कभी कांग्रेस का गढ़ रही राजसमंद विधानसभा सीट पिछले तीन चुनावों से भाजपा की झोली में है. लेकिन किरण माहेश्वरी की मौत के बाद से खाली हुई इस सीट पर एक बार फिर से कांग्रेस अपने को स्थापित करने में जुट गई है. राजसमंद विधानसभा सीट, कांग्रेस और बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन चुकी है. कांग्रेस अपने 15 साल के वनवास को खत्म करना चाहती है, तो वहीं बीजेपी इस सीट पर कब्जा बरकार रखना चाहती है.

Rajsamand assembly seat, Rajsamand news
राजसमंद उपचुनाव में कौन मारेगा बाजी

उदयपुर. राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी के निधन के बाद अब उपचुनाव की सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है. हालांकि अभी तक निर्वाचन विभाग ने किसी तरह के चुनाव की तारीखों का ऐलान तो नहीं किया है, लेकिन चुनाव में उम्मीदवारी करने वाले दावेदारों की समर्थकों द्वारा सोशल मीडिया पर दावेदारी शुरू कर दी गई है. ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में उम्मीदवारों की कतार लग गई है.

राजसमंद उपचुनाव में कौन मारेगा बाजी

राजसमंद विधानसभा से पिछले 3 चुनाव में किरण माहेश्वरी ही लगातार जीत हासिल कर रही थीं. पिछले दिनों कोरोना महामारी की वजह से उनका निधन हो गया था. ऐसे में इस सीट से कई नेताओं ने अपनी दावेदारी जताना शुरू कर दिया है. इस बार भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई है. भाजपा यहां लंबे समय से जीतती आ रही है. ऐसे में इसे फिर से बरकरार रखना उसके लिए चुनौती होगा, दूसरी ओर कांग्रेस के सामने भी पिछले 15 साल का वनवास को तोड़ पाने की चुनौती होगी. इस बीच कई दिग्गज नेताओं के पुत्र, पुत्रियों का नाम भी सुर्खियां बटोर रहा है.

राजसमंद सीट से वैभव और दीप्ति का नाम आगे

कांग्रेस की ओर से सोशल मीडिया पर राजसमंद विधानसभा के उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों के नाम पर चर्चा का दौर शुरू हो चुका है, जहां कांग्रेस की ओर से सीएम के पुत्र वैभव गहलोत का नाम भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. ये इसलिए भी क्योंकि वैभव गहलोत राजसमंद क्रिकेट एसोसिएशन के कोषाधिकारी रह चुके हैं.

यह भी पढ़ेंः Special: निकाय चुनाव में इन 5 मंत्रियों का चला जादू...प्रतिष्ठा बचाने के साथ 50 में से 36 सीटों पर कांग्रेस को दिलाई जीत

वहीं, भाजपा में किरण माहेश्वरी की पुत्री दीप्ति का नाम भी चर्चाओं में चल रहा है. देखा जाए तो भाजपा और कांग्रेस दोनों में ही दर्जनभर उम्मीदवार मैदान में दिखाई पड़ रहे हैं. ऐसे में अब भाजपा और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के साथ ही स्थानीय दिग्गज नेताओं ने भी अपने चहेते उम्मीदवारों को टिकट दिए जाने की आस बांधना शुरू कर दिया है. वे चहेते उम्मीदवारों का सहयोग करते भी दिखाई दे रहे हैं. वहीं, जानकार बता रहे हैं कि भाजपा की ओर से जहां पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपने किसी चहेते को स्थापित करने की कोशिश करेंगी, तो वहीं नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी किसी चहेते को टिकट दिलाने के लिए टकटकी लगाए हैं.

भाजपा के संभावित उम्मीदवार

बताया जा रहा है कि भाजपा की ओर से दावेदारों में पूर्व सांसद स्वर्गीय हरि ओम सिंह राठौड़ के पुत्र करणवीर सिंह राठौड़, राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ति माहेश्वरी, जिला कोषाध्यक्ष मानसिंह, जिला उपाध्यक्ष महेंद्र कोठारी, जिला मंत्री महेंद्र सिंह चौहान, युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष जगदीश पालीवाल, मंडल अध्यक्ष गणेश पालीवाल, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अशोक रांका के नाम शामिल है.

यह भी पढ़ेंः गणेशा रामः 11 बार असफल होने के बाद प्रथम श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में हासिल किया जिले में पहला स्थान

कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार

वहीं, कांग्रेस की ओर से संभावित उम्मीदवारों में प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत, पूर्व जिला प्रमुख नारायण सिंह भाटी, पीसीसी सदस्य हरि सिंह राठौड़, पूर्व सभापति आशा पालीवाल, सुंदर कुमावत के नाम चर्चा का विषय बने हुए हैं. फिलहाल, दोनों ही पार्टियों के संभावित उम्मीदवारों के समर्थकों द्वारा सोशल मीडिया पर दावेदारी जता रहे हैं.

क्या है राजनीतिक विश्लेषकों की राय?

राजनीतिक विश्लेषक डॉ. कुंजन आचार्य का कहना है कि राजसमंद विधानसभा सीट हमेशा से एक महत्वपूर्ण सीट रही है. उन्होंने कहा कि 2008 में भाजपा में कई अंदरूनी कलह के बावजूद किरण माहेश्वरी को राजसमंद से मैदान में उतारा गया और उन्होंने भाजपा को स्थापित करने का काम किया. उन्होंने कहा कि अब राजसमंद की सीट, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है.

उदयपुर. राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी के निधन के बाद अब उपचुनाव की सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है. हालांकि अभी तक निर्वाचन विभाग ने किसी तरह के चुनाव की तारीखों का ऐलान तो नहीं किया है, लेकिन चुनाव में उम्मीदवारी करने वाले दावेदारों की समर्थकों द्वारा सोशल मीडिया पर दावेदारी शुरू कर दी गई है. ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में उम्मीदवारों की कतार लग गई है.

राजसमंद उपचुनाव में कौन मारेगा बाजी

राजसमंद विधानसभा से पिछले 3 चुनाव में किरण माहेश्वरी ही लगातार जीत हासिल कर रही थीं. पिछले दिनों कोरोना महामारी की वजह से उनका निधन हो गया था. ऐसे में इस सीट से कई नेताओं ने अपनी दावेदारी जताना शुरू कर दिया है. इस बार भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई है. भाजपा यहां लंबे समय से जीतती आ रही है. ऐसे में इसे फिर से बरकरार रखना उसके लिए चुनौती होगा, दूसरी ओर कांग्रेस के सामने भी पिछले 15 साल का वनवास को तोड़ पाने की चुनौती होगी. इस बीच कई दिग्गज नेताओं के पुत्र, पुत्रियों का नाम भी सुर्खियां बटोर रहा है.

राजसमंद सीट से वैभव और दीप्ति का नाम आगे

कांग्रेस की ओर से सोशल मीडिया पर राजसमंद विधानसभा के उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों के नाम पर चर्चा का दौर शुरू हो चुका है, जहां कांग्रेस की ओर से सीएम के पुत्र वैभव गहलोत का नाम भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. ये इसलिए भी क्योंकि वैभव गहलोत राजसमंद क्रिकेट एसोसिएशन के कोषाधिकारी रह चुके हैं.

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वहीं, भाजपा में किरण माहेश्वरी की पुत्री दीप्ति का नाम भी चर्चाओं में चल रहा है. देखा जाए तो भाजपा और कांग्रेस दोनों में ही दर्जनभर उम्मीदवार मैदान में दिखाई पड़ रहे हैं. ऐसे में अब भाजपा और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के साथ ही स्थानीय दिग्गज नेताओं ने भी अपने चहेते उम्मीदवारों को टिकट दिए जाने की आस बांधना शुरू कर दिया है. वे चहेते उम्मीदवारों का सहयोग करते भी दिखाई दे रहे हैं. वहीं, जानकार बता रहे हैं कि भाजपा की ओर से जहां पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपने किसी चहेते को स्थापित करने की कोशिश करेंगी, तो वहीं नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी किसी चहेते को टिकट दिलाने के लिए टकटकी लगाए हैं.

भाजपा के संभावित उम्मीदवार

बताया जा रहा है कि भाजपा की ओर से दावेदारों में पूर्व सांसद स्वर्गीय हरि ओम सिंह राठौड़ के पुत्र करणवीर सिंह राठौड़, राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ति माहेश्वरी, जिला कोषाध्यक्ष मानसिंह, जिला उपाध्यक्ष महेंद्र कोठारी, जिला मंत्री महेंद्र सिंह चौहान, युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष जगदीश पालीवाल, मंडल अध्यक्ष गणेश पालीवाल, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अशोक रांका के नाम शामिल है.

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कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार

वहीं, कांग्रेस की ओर से संभावित उम्मीदवारों में प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत, पूर्व जिला प्रमुख नारायण सिंह भाटी, पीसीसी सदस्य हरि सिंह राठौड़, पूर्व सभापति आशा पालीवाल, सुंदर कुमावत के नाम चर्चा का विषय बने हुए हैं. फिलहाल, दोनों ही पार्टियों के संभावित उम्मीदवारों के समर्थकों द्वारा सोशल मीडिया पर दावेदारी जता रहे हैं.

क्या है राजनीतिक विश्लेषकों की राय?

राजनीतिक विश्लेषक डॉ. कुंजन आचार्य का कहना है कि राजसमंद विधानसभा सीट हमेशा से एक महत्वपूर्ण सीट रही है. उन्होंने कहा कि 2008 में भाजपा में कई अंदरूनी कलह के बावजूद किरण माहेश्वरी को राजसमंद से मैदान में उतारा गया और उन्होंने भाजपा को स्थापित करने का काम किया. उन्होंने कहा कि अब राजसमंद की सीट, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है.

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