देवगढ़ (राजसमंद). पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण और कई प्रतियोगिताओं का आयोजन तो होता ही है. लेकिन देवगढ़ में इन महिलाओं ने पर्यावरण संरक्षण के लिए कुछ अनूठा और कुछ अलग करने का ठाना सुबह 6 बजे ये महिलाएं देवगढ़ से मदारिया क्षेत्र के लिए गाड़ी के माध्यम से लिए रवाना हुई, और मदारिया गांव से इस दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में पैदल हाथों में गुलेल ओर सीड्स बॉल लेकर पहाड़ी के सबसे ऊंचे शिखर पर पहुंची, और वहां से इन महिलाओं ने पहाड़ी के चारों दिशाओं में गुलेल के माध्यम से विभिन्न प्रकार के बीजों का छिड़काव किया.
गोबर मिट्टी और बीज से बनाई 2 हजार सीड्स बॉल
कैरियर महिला मंडल की इन महिलाओं की ओर से पिछले कुछ दिनों में गोबर मिट्टी और बीज से मिक्स सीड्स बाल बनाई गई. एक बॉल में कई बीज पौधों के होते हैं, जो प्राकृतिक तरीके से उगते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार इसकी सफलता काफी अधिक होती है. पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों में पौधारोपण कठिन है, ऐसे में यह तकनीक अपनाई गई है.
इन महिलाओं का 2000 से अधिक बॉल क्षेत्र में फेंकने का लक्ष्य है. जिनमें मुख्य तौर पर पीपल, बड़, नीम, शीशम और जामुन के बीज थे. छिडकाव से पहले इन बीजों को भिगोकर रखा गया. ताकि थोड़ी सी भी मिट्टी मिलते ही यह बीज जड़ पकड़ लें.
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दुर्गम क्षेत्रों में करेगी बीजों का छिड़काव
मंडल संरक्षक वीएलई भावना पालीवाल ने बताया की सेंड माता शिखर के बाद माद में पन्ना धाय स्थल कमेरी, मेराथन ऑफ मेवाड़ दिवेर और सातपालिया के जंगलों में पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करेगी. मंडल पिछले कई वर्षों से पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयास रत है. पर्यावरण संरक्षण की मुहिम से हरियाली तो बढ़ेगी ही, इलाके का सौंदर्य भी निखरेगा मंडल का उद्देश्य है की, दुर्गम क्षेत्रों में बीजारोपण की इस अनूठी मुहिम को और अधिक चलाया जाए. ताकि भावी पीढ़ियों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिल सके.