राजसमंद. मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर करने वाले तीन लाल राजसमंद के भी है. ऐसे ही शूरवीरों की कहानियां ईटीवी भारत आपको बता रहा है. जिन्होंने साल 2019 में देश के लिए अपनी कुर्बानी दी. राजसमंद जिले के उन शूरवीरों की कहानियों के बारे में आपको बता रहे हैं. जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा करते हुए इस वर्ष वीरगति को प्राप्त हुए.
पुलवामा हमले में नारायण लाल गुर्जर शहीद
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर की राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारतीय सुरक्षाकर्मियों को ले जाने वाली सीआरपीएफ के वाहनों के काफिले पर आतंकवादी हमला हुआ. जिसमें करीब 45 भारतीय सुरक्षा कर्मियों की जान गई. जैसे ही आतंकवादी हमले की सूचना मिली पूरा देश दहल उठा. इसके बाद जैसे ही सूचना आई कि इस हमले में 45 भारतीय जवान शहीद हुए. इन्हीं जवानों में से एक मेवाड़ की मिट्टी का लाल नारायण लाल गुर्जर भी वीरगति को प्राप्त हुआ था. सीआरपीएफ की 118 बटालियन के जवान नारायण लाल गुर्जर भी पुलवामा हमले से ठीक पहले अपने परिवार के साथ छुट्टियां बिताकर लौटे ही थे और दोबारा जल्द आने का वादा करके गए थे, लेकिन छुट्टियों से वापस लौटने के बाद सेना की ओर से फोन आया कि पुलवामा हमले में नारायण लाल गुर्जर भी शहीद हो गए. जैसे ही सूचना परिवार वालों को मिली परिवार में मातम पसर गया.
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पाकिस्तान की फायरिंग में परवेज काठात शहीद
मार्च 2019 में राजसमंद के एक और वीर सैनिक ने देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए. बारामुला में हुए आतंकी हमले में राजसमंद जिले के भीम के शेखावास गांव के रहने वाले परवेज काठात भी जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर पेट्रोलिंग करने के दौरान पाकिस्तान की ओर से की गई फायरिंग में शहीद हो गए थे. 5 ग्रेनेडियर में स्नाइपर फायरर के रूप में तैनात शेखावास गांव के परवेज काठात की शहादत की खबर मिलते ही पूरे परिवार में मातम पसर गया था. परवेज की शहादत ने परिवार ही नहीं, गांव के लोगों को भी झकझोर दिया.
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अभ्यास के दौरान गोला बारूद फटने से शिवपाल सिंह शहीद
राजसमंद जिले के भीम उपखंड के जस्सा खेड़ा ग्राम पंचायत के अंतरिया गांव का जवान शिवपाल सिंह भी जैसलमेर में अभ्यास के दौरान गोला बारूद फटने से गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे उपचार के लिए चंडीगढ़ स्थित सेना के अस्पताल ले जाया गया. जहां उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. इसके बाद शहीद के पार्थिक दे को चंडीगढ़ से सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव लाया गया. जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया. सेना की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर देकर शिवपाल सिंह 10 जून 2017 को आर्मी रेडियो ऑपरेटर सिपाही के पद पर पंजाब में नियुक्त हुआ था. इनके पिता भी सेना में सूबेदार के पद से करीब 10 साल पहले ही सेवा निर्मित हुए.