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अलविदा 2019: ये हैं राजसमंद के वो 3 लाल..जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए दिए अपने प्राण

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Published : Dec 28, 2019, 6:48 PM IST

Updated : Dec 28, 2019, 7:25 PM IST

साल 2019 अलविदा होने को है, लेकिन इस साल में कुछ घटनाएं कभी ना भुलने वाली भी है. उनमें से एक है राजसमंद के वो तीन बेटे जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. राजसमंद के कुंवारिया के रहने वाले नारायण लाल गुर्जर, भीम तहसील के गांव शेखावास के परवेज काठात, जस्साखेड़ा पंचायत के शिवपाल सिंह ने साल 2019 में देश के लिए अपनी जान गंवाई थी.

Rajsamand news, Three soldiers martyred
राजसमंद के तीन बेटों ने दी शहादत

राजसमंद. मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर करने वाले तीन लाल राजसमंद के भी है. ऐसे ही शूरवीरों की कहानियां ईटीवी भारत आपको बता रहा है. जिन्होंने साल 2019 में देश के लिए अपनी कुर्बानी दी. राजसमंद जिले के उन शूरवीरों की कहानियों के बारे में आपको बता रहे हैं. जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा करते हुए इस वर्ष वीरगति को प्राप्त हुए.

अलविदा 2019: राजसमंद के तीन बेटों ने दी शहादत
Rajsamand news, Three soldiers martyred
कुंवारिया के रहने वाले शहीद नारायण लाल गुर्जर

पुलवामा हमले में नारायण लाल गुर्जर शहीद
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर की राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारतीय सुरक्षाकर्मियों को ले जाने वाली सीआरपीएफ के वाहनों के काफिले पर आतंकवादी हमला हुआ. जिसमें करीब 45 भारतीय सुरक्षा कर्मियों की जान गई. जैसे ही आतंकवादी हमले की सूचना मिली पूरा देश दहल उठा. इसके बाद जैसे ही सूचना आई कि इस हमले में 45 भारतीय जवान शहीद हुए. इन्हीं जवानों में से एक मेवाड़ की मिट्टी का लाल नारायण लाल गुर्जर भी वीरगति को प्राप्त हुआ था. सीआरपीएफ की 118 बटालियन के जवान नारायण लाल गुर्जर भी पुलवामा हमले से ठीक पहले अपने परिवार के साथ छुट्टियां बिताकर लौटे ही थे और दोबारा जल्द आने का वादा करके गए थे, लेकिन छुट्टियों से वापस लौटने के बाद सेना की ओर से फोन आया कि पुलवामा हमले में नारायण लाल गुर्जर भी शहीद हो गए. जैसे ही सूचना परिवार वालों को मिली परिवार में मातम पसर गया.

पढ़ें- 2019 की सुर्खियां : अंतरराष्ट्रीय मंच पर बढ़ा भारत का गौरव

पाकिस्तान की फायरिंग में परवेज काठात शहीद
मार्च 2019 में राजसमंद के एक और वीर सैनिक ने देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए. बारामुला में हुए आतंकी हमले में राजसमंद जिले के भीम के शेखावास गांव के रहने वाले परवेज काठात भी जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर पेट्रोलिंग करने के दौरान पाकिस्तान की ओर से की गई फायरिंग में शहीद हो गए थे. 5 ग्रेनेडियर में स्नाइपर फायरर के रूप में तैनात शेखावास गांव के परवेज काठात की शहादत की खबर मिलते ही पूरे परिवार में मातम पसर गया था. परवेज की शहादत ने परिवार ही नहीं, गांव के लोगों को भी झकझोर दिया.

पढ़ें- 2019 की सुर्खियां : राजनीतिक घटनाओं से लेकर न्यायपालिका के अहम फैसलों तक...

अभ्यास के दौरान गोला बारूद फटने से शिवपाल सिंह शहीद
राजसमंद जिले के भीम उपखंड के जस्सा खेड़ा ग्राम पंचायत के अंतरिया गांव का जवान शिवपाल सिंह भी जैसलमेर में अभ्यास के दौरान गोला बारूद फटने से गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे उपचार के लिए चंडीगढ़ स्थित सेना के अस्पताल ले जाया गया. जहां उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. इसके बाद शहीद के पार्थिक दे को चंडीगढ़ से सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव लाया गया. जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया. सेना की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर देकर शिवपाल सिंह 10 जून 2017 को आर्मी रेडियो ऑपरेटर सिपाही के पद पर पंजाब में नियुक्त हुआ था. इनके पिता भी सेना में सूबेदार के पद से करीब 10 साल पहले ही सेवा निर्मित हुए.

राजसमंद. मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर करने वाले तीन लाल राजसमंद के भी है. ऐसे ही शूरवीरों की कहानियां ईटीवी भारत आपको बता रहा है. जिन्होंने साल 2019 में देश के लिए अपनी कुर्बानी दी. राजसमंद जिले के उन शूरवीरों की कहानियों के बारे में आपको बता रहे हैं. जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा करते हुए इस वर्ष वीरगति को प्राप्त हुए.

अलविदा 2019: राजसमंद के तीन बेटों ने दी शहादत
Rajsamand news, Three soldiers martyred
कुंवारिया के रहने वाले शहीद नारायण लाल गुर्जर

पुलवामा हमले में नारायण लाल गुर्जर शहीद
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर की राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारतीय सुरक्षाकर्मियों को ले जाने वाली सीआरपीएफ के वाहनों के काफिले पर आतंकवादी हमला हुआ. जिसमें करीब 45 भारतीय सुरक्षा कर्मियों की जान गई. जैसे ही आतंकवादी हमले की सूचना मिली पूरा देश दहल उठा. इसके बाद जैसे ही सूचना आई कि इस हमले में 45 भारतीय जवान शहीद हुए. इन्हीं जवानों में से एक मेवाड़ की मिट्टी का लाल नारायण लाल गुर्जर भी वीरगति को प्राप्त हुआ था. सीआरपीएफ की 118 बटालियन के जवान नारायण लाल गुर्जर भी पुलवामा हमले से ठीक पहले अपने परिवार के साथ छुट्टियां बिताकर लौटे ही थे और दोबारा जल्द आने का वादा करके गए थे, लेकिन छुट्टियों से वापस लौटने के बाद सेना की ओर से फोन आया कि पुलवामा हमले में नारायण लाल गुर्जर भी शहीद हो गए. जैसे ही सूचना परिवार वालों को मिली परिवार में मातम पसर गया.

पढ़ें- 2019 की सुर्खियां : अंतरराष्ट्रीय मंच पर बढ़ा भारत का गौरव

पाकिस्तान की फायरिंग में परवेज काठात शहीद
मार्च 2019 में राजसमंद के एक और वीर सैनिक ने देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए. बारामुला में हुए आतंकी हमले में राजसमंद जिले के भीम के शेखावास गांव के रहने वाले परवेज काठात भी जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर पेट्रोलिंग करने के दौरान पाकिस्तान की ओर से की गई फायरिंग में शहीद हो गए थे. 5 ग्रेनेडियर में स्नाइपर फायरर के रूप में तैनात शेखावास गांव के परवेज काठात की शहादत की खबर मिलते ही पूरे परिवार में मातम पसर गया था. परवेज की शहादत ने परिवार ही नहीं, गांव के लोगों को भी झकझोर दिया.

पढ़ें- 2019 की सुर्खियां : राजनीतिक घटनाओं से लेकर न्यायपालिका के अहम फैसलों तक...

अभ्यास के दौरान गोला बारूद फटने से शिवपाल सिंह शहीद
राजसमंद जिले के भीम उपखंड के जस्सा खेड़ा ग्राम पंचायत के अंतरिया गांव का जवान शिवपाल सिंह भी जैसलमेर में अभ्यास के दौरान गोला बारूद फटने से गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे उपचार के लिए चंडीगढ़ स्थित सेना के अस्पताल ले जाया गया. जहां उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. इसके बाद शहीद के पार्थिक दे को चंडीगढ़ से सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव लाया गया. जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया. सेना की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर देकर शिवपाल सिंह 10 जून 2017 को आर्मी रेडियो ऑपरेटर सिपाही के पद पर पंजाब में नियुक्त हुआ था. इनके पिता भी सेना में सूबेदार के पद से करीब 10 साल पहले ही सेवा निर्मित हुए.

Intro:राजसमंद- तेरा वैभव अमर रहे मां, हम दिन चार रहे ना रहे इस कहावत को जब सुनते हैं. और समझते हैं. तो उन सूर्यवीरों की यादें आती हैं. जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए. ऐसे ही सुरवीरों की कहानियां ईटीवी भारत आपको बता रहा है.जिन्होंने साल 2019 में देश के लिए अपनी कुर्बानी दी. राजस्थान के राजसमंद जिले के उन सुर वीरों की कहानियों के बारे में आपको बता रहे हैं.जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा करते हुए इस वर्ष वीरगति को प्राप्त हुए.
ऐसे तीन सुरवीरों की कहानियां आपको सुनाते हैं.
तारीख 14 फरवरी 2019 वह दिन जम्मू कश्मीर की राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारतीय सुरक्षाकर्मियों को ले जाने वाली सीआरपीएफ के वाहनों के काफिले पर आतंकवादी हमला हुआ. जिसमें करीब 45 भारतीय सुरक्षा कर्मियों की जान गई. जैसे ही आतंकवादी हमले की सूचना मिली पूरा देश दहल उठा. इसके बाद जैसे ही सूचना आई कि इस हमले में 45 भारतीय जवान शहीद हुए. इनी जवानों में से एक मेवाड़ की मिट्टी का लाल नारायण लाल गुर्जर भी वीरगति को प्राप्त हुआ था. सीआरपीएफ की 118 बटालियन के जवान नारायण लाल गुर्जर भी पुलवामा हमले से ठीक पहले अपने परिवार के साथ छुट्टियां बिताकर लौटे ही थे. और दोबारा जल्द आने का वादा करके गए थे. लेकिन छुट्टियों से वापस लौटने के बाद सेना की ओर से फोन आया कि पुलवामा हमले में नारायण लाल गुर्जर भी शहीद हो गए. जैसे ही सूचना परिवार वालों को मिली परिवार में मातम पसर गया.फिर सेना के हेलीकॉप्टर से शूरवीर नारायण लाल गुर्जर का पार्थिक शरीर राजसमंद पहुंचा. जहां हजारों लोगों के जन सैलाब सड़कों पर उतरा और उनका पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा. जहां सेना के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देकर उनके पुत्र मुकेश ने उन्हें मुखाग्नि दी.गौरतलब है कि शहीद नारायण लाल गुर्जर के पिता की मौत नारायण लाल गुर्जर के बचपन के समय ही हो गई थी. शहीद के परिवार में उनके पत्नी और बेटी और बेटा है. हमले से पहले 15 दिन तक परिवार के साथ छुट्टियां बिताकर लौटे थे. लेकिन अब उनकी यादें ही परिवार के साथ रह गई है.


Body:साल 2019 में राजसमंद की एक और वीर सैनिक ने देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए. बारामुला में हुए आतंकी हमले में राजसमंद जिले के भीम के शेखावास गांव के रहने वाले परवेज काठात भी आतंकी हमले में शहीद हुए. जैसे ही सूचना मिली परवेज काठात के शहीद होने की परिवार में मातम पसर गया. इसके बाद उनके पार्थिक देह उनके पैतृक गांव लाया गया जो हजारों लोगों के जन सैलाब के बीच उन्हें दफनाया गया. उनके परिवार में उनकी यादों के अलावा कुछ नहीं बचा.


Conclusion:इन दोनों के अलावा राजसमंद जिले के भीम उपखंड के जस्सा खेड़ा ग्राम पंचायत के अंतरिया गांव का जवान शिवपाल सिंह भी जैसलमेर में अभ्यास के दौरान गोला बारूद फटने से गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे उपचार के लिए चंडीगढ़ स्थित सेना के अस्पताल ले जाया गया. जहां उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. इसके बाद शहीद के पार्थिक दे को चंडीगढ़ से सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव लाया गया. जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया.सेना की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर देकर शिवपाल सिंह 10 जून 2017 को आर्मी रेडियो ऑपरेटर सिपाही के पद पर पंजाब में नियुक्त हुआ था.इनके पिता भी सेना में सूबेदार के पद से करीब 10 साल पहले ही सेवा निर्मित हुए.
इन 3 जवान शहीद शहादत के बाद भी जिले के युवाओं में देशप्रेम का जज्बा कायम है.और युवा सेना में जाने को लेकर आतुर दिखाई देते है.
Last Updated : Dec 28, 2019, 7:25 PM IST
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