प्रतापगढ़. वन विभाग की ओर से 2 वर्ष बाद हो रही वन्यजीव गणना सोमवार सुबह 8 बजे से शुरू होगी. इसके लिए प्रतापगढ़ 70 और सीतामाता वन्यजीव अभयारण्य में 66 वाटर होल के पास पेड़ों पर मचान बनाए गए (scaffold near water hole in Pratapgarh and Sita Mata Sanctuary) हैं. यहां से वन्यजीवों पर निरागनी रखी जाएगी. आवश्यकता होने पर इनके फोटो भी लिए जाएंगे.
वन विभाग की ओर से दो वर्ष बाद वन्यजीव गणना इस बार वैशाखी पूर्णिमा पर सोमवार से की जाएगी. गणना मंगलवार सुबह 8 बजे तक होगी. इस बार वाटर होल का जीपीएस लिया गया है. इसके साथ ही जिन वाटर होल पर अधिक संख्या में वन्यजीव पहुंचते हैं, वहां कैमरा ट्रैप भी लगाए जा रहे हैं. वन्यजीव 24 घंटे में एक बार पानी पीने के लिए जरूर आते हैं. इसलिए वॉटर प्वाइंट पर गणना टीम को तैनात किया गया है. जिले में करीब 150 कर्मचारियों व अधिकारियों को गणना कार्य में लगाया है. जिले में इस वर्ष 70 वाटर होल पर गणना का कार्य किया जा रहा है. इस बार वन विभाग ने गणना के तरीके में बदलाव करते हुए रेंज की बजाय बीट स्तर पर सिस्टम को अपनाया है.
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सीतामाता अभयारण्य में 66 वाटर होल : सीतामाता वन्यजीव अभयारण्य में 66 वाटर होल बनाए गए (Wildlife census 2022 in Sita Mata Wildlife Sanctuary) हैं. इसके लिए सभी स्थानों पर मचान भी बनाए गए हैं. जहां वन विभाग के दो कर्मचारी लगाए गए हैं. वन सुरक्षा समिति के सदस्यों को भी इन वाटर होल के पास लगाया गया है. रेंजर धरियावद मनोज कुमार औदिच्य ने बताया कि उपवन संरक्षक टी मोहनराज के निर्देशन में वन्यजीव घनत्व अनुमान वन्यजीव गणना कार्य किया जाएगा. इसके लिए सीतामाता अभयारण्य में रेंज वन्यजीव धरियावाद, जाखम, बड़ी सादड़ी में कुल 66 वाटर होल पर गणना कार्य किया जाएगा.
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जंगल में इन जीवों पर रहेगी विशेष नजर: गणना को लेकर जिन जीवों की सूची जारी की है. इसमें बाघ, बघेरा, सियार, गीदड़, जरख, जंगली बिल्ली, बिज्जू, सूअर, चौसिंगा, रोजड़ा, सेही, उडन गिलहरी, सारस, गिद्ध, जंगली मुर्गा, मगर, मोर सहित 35 वन्यजीवों को शामिल किया गया है. गणना को लेकर वन विभाग की टीम को प्रशिक्षण भी दिया गया है. गणना कार्य में वन कार्मिकों के साथ वन्यजीव प्रेमियों, स्वयं सेवकों, ईडीसी सदस्यों द्वारा एवं ट्रैप कैमरा का सहयोग लिया जाएगा.