प्रतापगढ़. जिले के देवगढ़ थाना क्षेत्र में बीते साल 19 व 20 नवंबर को झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से तीन मासूमों की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई थी. घटना के प्रकाश में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था. मासूमों की मौत पर प्रतापगढ़ स्वास्थ्य महकमे ने बीसीएमएचओ की टीम से पूरे मामले की जांच करवाई थी. साथ ही एक रिपोर्ट तैयार कर स्टेट नोडल ऑफिसर आईडीएसपी को सौंपी थी.
जानें पूरा मामला : एसपी अमित कुमार ने रविवार को मामले का खुलासा करते हुए बताया, ''मामले में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल दिल्ली व प्रदेश के डाक्टरों की टीम बच्चों की मौत का पता लगाने के लिए देवगढ़ थाना क्षेत्र के उस गांव में पहुंची थी, जहां मासूमों की मौत हुई थी. इस दौरान मौत की वजहों का पता लगाने में जुटी टीम ने गांव सहित आसपास के क्षेत्रों में बने एनीकट व लोगों के घरों से पानी का सैंपल एकत्रित किया. साथ ही मृतक मासूमों के परिवार की एक बीमार युवती की रिपोर्ट भी सामने आई. इसके अलावा गांव के बच्चों व अन्य लोगों के वजन और स्वास्थ्य परीक्षण किया गया.''
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एसपी ने आगे बताया, ''जिस शख्स ने मासूम बच्चों का इलाज किया था. उसके बारे में परिजनों ने किसी को कुछ नहीं बताया. परिजनों ने न तो स्वास्थ्य विभाग की टीम को इसके बारे में कुछ बताया था और न ही पुलिस को इस बाबत कोई जानकारी दी थी. हालांकि, घर में बीमार एक युवती की जांच रिपोर्ट में उसे मलेरिया होने की बात सामने आई. साथ ही बताया गया कि जिला अस्पताल में उपचार के बाद युवती ठीक हो गई थी. इससे साफ होता है कि मासूमों की मौत मलेरिया होने पर उन्हें गलत दवा देने से हुई है.''
उक्त मामले में 4 जनवरी को सीएमएचओ की टीम की शिकायत पर पुलिस ने एक फर्जी झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार किया. वहीं, पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि झोलाछाप डॉक्टर ने ही मृतक मासूमों का इलाज किया था. उसके बाद पुलिस ने झोलाछाप डॉक्टर को आपराधिक मानव वध का दोषी मान कर उसके खिलाफ धारा 304 में मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया.