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प्रतापगढ़ में रिकार्ड बारिश, 500 लोगों को पहुंचाया गया सुरक्षित स्थान पर - प्रतापगढ़ न्यूज

प्रतापगढ़ में प्रदेश में सर्वाधिक बारिश हुई है. जिले में पिछले 2 दिनों से 20 इंच बारिश हुई है. जिससे कई क्षेत्रों में प्रशासन द्वारा रेस्क्यू अभियान चलाया गया है. जिसमें करीब दो दर्जन लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है. साथ ही 500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है.

प्रतापगढ़ न्यूज, pratapgarh news
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Published : Sep 16, 2019, 11:53 PM IST

प्रतापगढ. जिले ने इस वर्ष मानसून के दौरान सर्वाधिक बारिश का आंकड़ा छू लिया है साथ ही विगत 2 दिनों में 20 इंच से भी ज्यादा बरसात हुई है. जिले भर में कई जगह पर बाढ़ के हालात पैदा हो जाने के बाद प्रशासन की मुस्तैदी से दो दर्जन लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है. साथ ही 500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है.

प्रतापगढ़ में प्रदेश में सर्वाधिक बारिश


जिला कलेक्टर श्याम सिंह राजपुरोहित हर मिनट की अपडेट अधिकारियों से लेने के साथ ही समय पर रेस्क्यू ऑपरेशन भी शुरू करवा रहे हैं, इस वर्ष मानसून के दौरान जिले में 2,641 एमएम बरसात के साथ प्रदेश में पहले स्थान पर बना हुआ है. विगत 48 घंटों में ही जिले में लगभग 500 एमएम बरसात हो चुकी है. इसके साथ ही नजदीकी जिले बांसवाड़ा के सबसे बड़े माही बांध के गेट खोले जाने से जिले का पीपलखूंट ब्लॉक प्रभावित हो रहा है.

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वहीं जिले के सबसे बड़े जाखम बांध की भी तीन मीटर चादर चलने से धरियावद ब्लॉक में भी हालात गंभीर बनी हुई है. ऐसे विपरीत हालातों में कलेक्टर श्याम सिंह राजपुरोहित ने सभी ब्लॉक में प्रशासनिक, पुलिस और सरकारी विभागों के अधिकारियों को हालातों पर नजर रखने के कड़े निर्देश जारी किए हैं.

गांगागुड़ा गांव के मुखिया ने की हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू करने की जिद
कलेक्टर श्याम सिंह राजपुरोहित ने बताया कि जिले के रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान सबसे विकट स्थिति गांगागुड़ा में टापू पर फंस चुके परिवार को निकालने के दौरान सामने आई. सूचना मिलने के बाद डीएसपी सहित एडीएम गोपाल लाल स्वर्णकार को मौके पर भेज गया था. आपदा प्रबंधक सहित पुलिस टीम को निकालने का प्रयास भी कर रही थी, पर जाखम के प्रभाव के चलते वहां तक पहुंचना मुश्किल हो रहा था.

पढ़ें: ACB ने यूआईटी के चपरासी और कंप्यूटर ऑपरेटर को 10 हजार की रिश्वत लेते दबोचा, जेईएन व पटवारी भी जांच के दायरे में
हालात की सूचना मिलने पर कलेक्टर ने बीकानेर से एनडीआरएफ की विशेष टीम बुलवाकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करवाया. एनडीआरएफ की टीम जब टापू पर पहुंची तो मुखिया शंकर लाल मीणा हेलीकॉप्टर से ही बाहर निकाले जाने की जिद पर अड़ गया. हालांकि, इससे पहले ही जिला कलेक्टर ने हेलीकॉप्टर भी मंगवाने के प्रयास प्रारंभ कर दिए थे. लगातार बरसात और खराब मौसम के चलते हेलीकॉप्टर की स्वीकृति नहीं मिल पाई थी.

यह भी पढ़ें. करंट की चपेट में आने से किसान की मौत

जिला कलेक्टर को जैसे ही मुखिया के जिद की जानकारी मिली उन्होंने कहा कि चाहे बांधकर लाना पड़े पर मुखिया को परिवार सहित सुरक्षित बाहर निकाला जाए. उसके बाद एनडीआरएफ की टीम ने जबरन मुखिया सहित पूरे परिवार को बाहर निकाला, परिवार में 6 दिन पूर्व जन्मी छोटी बच्ची भी शामिल थी.

कलेक्टर ने कहा कि हमारे लिए खुशी का विषय है कि हमारा जिला प्रदेश में सर्वाधिक बरसात वाला जिला है, किंतु इसके साथ ही कई गंभीर परिस्थितियां भी पैदा हो जाती है. जो प्रशासन के लिए बड़ा चैलेंज होती है. लगातार हालात पर नजर बनाए रखे हैं और पूरी आपदा प्रबंधन टीम मुस्तैद है.

प्रतापगढ. जिले ने इस वर्ष मानसून के दौरान सर्वाधिक बारिश का आंकड़ा छू लिया है साथ ही विगत 2 दिनों में 20 इंच से भी ज्यादा बरसात हुई है. जिले भर में कई जगह पर बाढ़ के हालात पैदा हो जाने के बाद प्रशासन की मुस्तैदी से दो दर्जन लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है. साथ ही 500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है.

प्रतापगढ़ में प्रदेश में सर्वाधिक बारिश


जिला कलेक्टर श्याम सिंह राजपुरोहित हर मिनट की अपडेट अधिकारियों से लेने के साथ ही समय पर रेस्क्यू ऑपरेशन भी शुरू करवा रहे हैं, इस वर्ष मानसून के दौरान जिले में 2,641 एमएम बरसात के साथ प्रदेश में पहले स्थान पर बना हुआ है. विगत 48 घंटों में ही जिले में लगभग 500 एमएम बरसात हो चुकी है. इसके साथ ही नजदीकी जिले बांसवाड़ा के सबसे बड़े माही बांध के गेट खोले जाने से जिले का पीपलखूंट ब्लॉक प्रभावित हो रहा है.

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वहीं जिले के सबसे बड़े जाखम बांध की भी तीन मीटर चादर चलने से धरियावद ब्लॉक में भी हालात गंभीर बनी हुई है. ऐसे विपरीत हालातों में कलेक्टर श्याम सिंह राजपुरोहित ने सभी ब्लॉक में प्रशासनिक, पुलिस और सरकारी विभागों के अधिकारियों को हालातों पर नजर रखने के कड़े निर्देश जारी किए हैं.

गांगागुड़ा गांव के मुखिया ने की हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू करने की जिद
कलेक्टर श्याम सिंह राजपुरोहित ने बताया कि जिले के रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान सबसे विकट स्थिति गांगागुड़ा में टापू पर फंस चुके परिवार को निकालने के दौरान सामने आई. सूचना मिलने के बाद डीएसपी सहित एडीएम गोपाल लाल स्वर्णकार को मौके पर भेज गया था. आपदा प्रबंधक सहित पुलिस टीम को निकालने का प्रयास भी कर रही थी, पर जाखम के प्रभाव के चलते वहां तक पहुंचना मुश्किल हो रहा था.

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हालात की सूचना मिलने पर कलेक्टर ने बीकानेर से एनडीआरएफ की विशेष टीम बुलवाकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करवाया. एनडीआरएफ की टीम जब टापू पर पहुंची तो मुखिया शंकर लाल मीणा हेलीकॉप्टर से ही बाहर निकाले जाने की जिद पर अड़ गया. हालांकि, इससे पहले ही जिला कलेक्टर ने हेलीकॉप्टर भी मंगवाने के प्रयास प्रारंभ कर दिए थे. लगातार बरसात और खराब मौसम के चलते हेलीकॉप्टर की स्वीकृति नहीं मिल पाई थी.

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जिला कलेक्टर को जैसे ही मुखिया के जिद की जानकारी मिली उन्होंने कहा कि चाहे बांधकर लाना पड़े पर मुखिया को परिवार सहित सुरक्षित बाहर निकाला जाए. उसके बाद एनडीआरएफ की टीम ने जबरन मुखिया सहित पूरे परिवार को बाहर निकाला, परिवार में 6 दिन पूर्व जन्मी छोटी बच्ची भी शामिल थी.

कलेक्टर ने कहा कि हमारे लिए खुशी का विषय है कि हमारा जिला प्रदेश में सर्वाधिक बरसात वाला जिला है, किंतु इसके साथ ही कई गंभीर परिस्थितियां भी पैदा हो जाती है. जो प्रशासन के लिए बड़ा चैलेंज होती है. लगातार हालात पर नजर बनाए रखे हैं और पूरी आपदा प्रबंधन टीम मुस्तैद है.

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