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प्रतापगढ़: क्वॉरेंटाइन किए गए एमपी के 107 मजदूरों ने घर जाने के लिए किया हड़ताल, एसडीएम ने मनाया - प्रतापगढ़ न्यूज

प्रतापगढ़ जिले के पीपलखूंट में क्वॉरेंटाइन किए गए मध्यप्रदेश के 107 मजदूरों ने बुधवार घर भेजने की जिद करते हुए भूख हड़ताल कर दिया. इसकी सूचना पर एसडीएम और चिकित्सा अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर मजदूरों को समझाइश की. हालांकि मजदूरों को 28 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया गया है, जबकि अबतक इन्हें 22 दिन ही हुए है.

क्वारेंटाइन मजदूरों ने किया हड़ताल, labors strike to go home in Pratapgarh, labors strike in quarantine cente
क्वारेंटाइन किए गए मजदूरों ने किया हड़ताल
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Published : Apr 22, 2020, 6:56 PM IST

Updated : May 23, 2020, 8:04 PM IST

प्रतापगढ़. जिले के पीपलखूंट में राणा पूंजा भील आश्रम छात्रावास, रानी देवली मीणा बालिका आश्रम छात्रावास में क्वारेंटाइन किए गए एमपी के 107 मजदूराें ने मंगलवार काे घर भेजने की मांग करते हुए सांकेतिक भूख हड़ताल कर दी. हालांकि सूचना पर पीपलखूंट एसडीएम सहित चिकित्सा अधिकारी मौके पर पहुंचे और समझाइश कर इन्हें पोहे खिलवाए. लेकिन मजदूर घर जाने पर अड़े हुए हैं और भूख हड़ताल की चेतावनी दे रहे हैं.

ये पढ़ेंः कोटो में फंसे मध्यप्रदेश के छात्रों की रवानगी...छलका दर्द, कहा- बिहार/झारखंड की सरकारें भी अपने बच्चों के बारे में सोचें

बता दें कि इन श्रमिकाें काे 30 मार्च से पीपलखूंट प्रशासन ने क्वारेंटाइन कर रखा है. सभी मजदूर मध्यप्रदेश के रतलाम जिले की बाजना तहसील के संगेचरा के आसपास के गांवों के हैं, जो राजस्थान सीमा के नजदीक है. करीब 22 दिन बीत के बाद अब ये अपने घर जाने की जिद करने लगे हैं. वर्तमान स्थिति के अनुसार प्रदेश से बाहरी राज्यों में तो दूर एक से दूसरे जिले में लोगों को जाने की मनाही है. ऐसे में राज्य से बाहर भेजने की इनकी यह जिद प्रशासन, चिकित्सा, पुलिस को परेशानी में डाल रही है.

प्रशासन ने पीपलखूंट के दो अलग-अलग छात्रावास में इन 107 मजदूरों को क्वारेंटाइन किया हुआ है. हालांकि क्वारेंटान की सीमा भी 28 दिन की है जबकि इन्हें अब तक 22 दिन हुए हैं. परिसर में बाहर आकर भूख हड़ताल की चेतावनी देने पर पीपलखूंट एसडीएम दिनेश मंडाेवरा मौके पर पहुंचे और समझाइश से सभी की भूख हड़ताल तुड़वाते हुए पोहे खिलवाए. लेकिन दोपहर तक वे बाहर ही बैठे रहे.

ये पढ़ें: राजस्थान में फंसे कोचिंग छात्रों को लेने कोटा पहुंची गुजरात सरकार की 15 बसें...500 विद्यार्थियों की होगी घर वापसी

दो गर्भवती महिलाएं भी शामिल

107 मजदूरों में दो महिलाएं गर्भवती हैं. कम्पा नाम की महिला के अंतिम महीनों का गर्भ चल रहा है. दूसरी महिला केला भी गर्भवती है. यहां कई बच्चे भी हैं. हालांकि चिकित्सा टीम महिलाओं और बच्चों सहित अन्य का विशेष ध्यान भी रख रही है. समाजसेवियों, प्रशासन और भामाशाहों की तरफ से महिलाओं के लिए फल की व्यवस्था भी की जाती है.

इसमें से एक गर्भवती महिला का कहना है कि उसे घर जाने दिया जाए. यदि शासन और प्रशासन उन्हें घरों तक छोड़ने की कोई व्यवस्था नहीं कर सकता है, तो वे पैदल ही घर बाजना, संगेचरा चले जाएंगे.किसी भी हाल में उन्हें यहां से छोड़ा जाए.

प्रतापगढ़. जिले के पीपलखूंट में राणा पूंजा भील आश्रम छात्रावास, रानी देवली मीणा बालिका आश्रम छात्रावास में क्वारेंटाइन किए गए एमपी के 107 मजदूराें ने मंगलवार काे घर भेजने की मांग करते हुए सांकेतिक भूख हड़ताल कर दी. हालांकि सूचना पर पीपलखूंट एसडीएम सहित चिकित्सा अधिकारी मौके पर पहुंचे और समझाइश कर इन्हें पोहे खिलवाए. लेकिन मजदूर घर जाने पर अड़े हुए हैं और भूख हड़ताल की चेतावनी दे रहे हैं.

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बता दें कि इन श्रमिकाें काे 30 मार्च से पीपलखूंट प्रशासन ने क्वारेंटाइन कर रखा है. सभी मजदूर मध्यप्रदेश के रतलाम जिले की बाजना तहसील के संगेचरा के आसपास के गांवों के हैं, जो राजस्थान सीमा के नजदीक है. करीब 22 दिन बीत के बाद अब ये अपने घर जाने की जिद करने लगे हैं. वर्तमान स्थिति के अनुसार प्रदेश से बाहरी राज्यों में तो दूर एक से दूसरे जिले में लोगों को जाने की मनाही है. ऐसे में राज्य से बाहर भेजने की इनकी यह जिद प्रशासन, चिकित्सा, पुलिस को परेशानी में डाल रही है.

प्रशासन ने पीपलखूंट के दो अलग-अलग छात्रावास में इन 107 मजदूरों को क्वारेंटाइन किया हुआ है. हालांकि क्वारेंटान की सीमा भी 28 दिन की है जबकि इन्हें अब तक 22 दिन हुए हैं. परिसर में बाहर आकर भूख हड़ताल की चेतावनी देने पर पीपलखूंट एसडीएम दिनेश मंडाेवरा मौके पर पहुंचे और समझाइश से सभी की भूख हड़ताल तुड़वाते हुए पोहे खिलवाए. लेकिन दोपहर तक वे बाहर ही बैठे रहे.

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दो गर्भवती महिलाएं भी शामिल

107 मजदूरों में दो महिलाएं गर्भवती हैं. कम्पा नाम की महिला के अंतिम महीनों का गर्भ चल रहा है. दूसरी महिला केला भी गर्भवती है. यहां कई बच्चे भी हैं. हालांकि चिकित्सा टीम महिलाओं और बच्चों सहित अन्य का विशेष ध्यान भी रख रही है. समाजसेवियों, प्रशासन और भामाशाहों की तरफ से महिलाओं के लिए फल की व्यवस्था भी की जाती है.

इसमें से एक गर्भवती महिला का कहना है कि उसे घर जाने दिया जाए. यदि शासन और प्रशासन उन्हें घरों तक छोड़ने की कोई व्यवस्था नहीं कर सकता है, तो वे पैदल ही घर बाजना, संगेचरा चले जाएंगे.किसी भी हाल में उन्हें यहां से छोड़ा जाए.

Last Updated : May 23, 2020, 8:04 PM IST
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