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विश्व फोटोग्राफी दिवस : फोटोग्राफी का ऐसा शौक की 1965 से 2020 तक के कैमरों का रखा है कलेक्शन - पुराने कैमरों का कलेक्शन

आज विश्व फोटोग्राफी दिवस है. फोटोग्राफी का यूं तो हर कोई शौकिन होता है, लेकिन फोटोग्राफी के लिए इस्तेमाल होने वाले कैमरों का कलेक्शन भी अलग ही शौक है. प्रतापगढ़ में एक ऐसे फोटोग्राफर हैं जिनके पास साल 1965 से लेकर साल 2020 तक के सभी कैमरें मिल जाएंगे.

प्रतापगढ़ के फोटोग्राफर, Photographer of Pratapgarh
1965 से लेकर 2020 तक के कैमरे
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Published : Aug 19, 2020, 1:33 PM IST

Updated : Aug 19, 2020, 2:15 PM IST

प्रतापगढ़. 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जा रहा है. इस अवसर पर प्रतापगढ़ शहर के ऐसे फोटोग्राफर के बारे में आपको बताते हैं जिनके पास साल1965 से लेकर अब तक के सभी कैमरे उपलब्ध हैं. शहर के सदर बाजरा के पंकज सोलंकी के पास कई सालों पुराने कैमरे आपको देखने को मिल जाएंगे.

1965 से 2020 तक के सभी कैमरों को संजोया

इन कैमरों को देखकर आप भी दंग रह जाएंगे. पंकज सोलंकी बताते है की उनके यहां पुरखों से फोटोग्राफी का काम चलता आ रहा है. साल1965 से लेकर साल 2020 तक के सभी कैमरे उनके यहां उपलब्ध हैं. मोबाइल के युग में भी उन्होंने अपनी फोटोग्राफी को जीवित रखा है.

पढ़ेंः सीकर: दांतारामगढ़ में तेज बारिश में अस्पताल की दीवार ढही

फोटोग्राफी का आविष्कार जहां संसार को एक-दूसरे के करीब लाया वहीं, एक-दूसरे को जानने, उनकी संस्कृति को समझने और इतिहास को समृद्ध बनाने में भी बहुत बड़ी मदद की है. आज हमें संसार के किसी दूरस्थ कोने में स्थित द्वीप के जनजीवन की सचित्र जानकारी बड़ी आसानी से प्राप्त होती है, तो इसमें फोटोग्रोफी के बड़ा योगदान है. फोटोग्राफी की मदद से हम इतिहास को भी संजो कर रख सकते हैं.

फोटोग्राफी क्या है

एक तस्वीर अपने अंदर लम्हे, यादें, अनगिनत भावनाएं और विचार समेटे हुए होती है. इसी वजह से एक तस्वीर को हजार शब्दों के बराबर माना जाता है. यह भावों को तेजी से और कई बार शब्दों से बेहतर तरीके से व्यक्त कर सकती है.फोटोग्राफी एक व्यापक विषय है. कुछ शब्दों में इसके सार को पिरो पाना मुश्किल है. आम जनों की भाषा में यह प्रकाश को कैद करने की कला है, जिससे तस्वीर बनती है.

प्रतापगढ़ के फोटोग्राफर, Photographer of Pratapgarh
YASHIKA 635 1979 120+35 film with atechment COLOR Made in japan

आज के समय में पांच में से कम से कम एक व्यक्ति को फोटोग्राफी का शौक होता है. इसका मुख्य कारण तकनीक में हो रहा विकास है. इसके अलावा आज की पीढ़ी को तस्वीरों के माध्यम से अपने अनुभवों को सोशल मीडिया पर साझा करना पसंद है.फोटोग्राफी के कई प्रकार हैं.

पढ़ेंः सिरोहीः हिल स्टेशन माउंट आबू में ज़मीं पर उतरे बादल, लुत्फ उठा रहे पर्यटक

जैसे-

• लैंडस्केप फोटोग्राफी

• पोर्ट्रेट फोटोग्राफी

• वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी

• टैवल फोटोग्राफी

• स्ट्रीट फोटोग्राफी

• मैक्रो फोटोग्राफीविश्व फोटोग्राफी दिवस का इतिहास और उससे जुड़ी कुछ रोचक बातें

• विश्व फोटोग्राफी दिवस की शुरुआत 1837 में एक आविष्कार के बाद हुई थी.

प्रतापगढ़ के फोटोग्राफर, Photographer of Pratapgarh
YASHIKA D 1977 120 BADI FILM B&W Made in japan

• 1826 में हीलियोग्राफी नाम की प्रक्रिया से विश्व की पहली फोटो खींची गई थी या यूं कहें कि बनाई गई थी. नीप्स (Niepce) नाम के व्यक्ति ने यह फोटो खींची थी. शॉट के लिए आठ घंटे का एक्पोजर लगा था. उसे 'View from the Window at Le Gras' के नाम से जाना जाता है.

• खगोल विज्ञानी सर जॉन हरस्चेल (Sir John Herschel) ने 1839 में पहली बार फोटोग्राफ शब्द का प्रयोग किया था.

• 9 जनवरी 1839 को फ्रांस की विज्ञान अकादमी ने डागुएरेटाइप प्रोसेस (Daguerreotype process) की घोषणा की थी. उसी वर्ष 19 अगस्त को फ्रांस की सरकार ने इसका पेटेंट खरीदकर उसे सार्वजनिक कर दिया.

पढ़ेंः स्पेशल: रंग लाई मुहिम...अब इको फ्रेंडली 'गणेश' ले रहे आकार, POP से किया किनारा

• विश्व की सबसे पहली रंगीन फोटो वर्ष 1861 में थॉमस सटॉन (Thomas Sutton) ने ली थी. उन्होंने लाल, हरे व नीले फिल्टर और तीन ब्लैक एंड ह्वाइट फोटो का इस्तेमाल करके फोटो खींची थी. हालांकि, वह फोटो उतनी प्रभावी नहीं थी.

• वर्ष 1839 में विश्व की पहली सेल्फी ली गई थी. अमेरिका के रॉबर्ट कॉर्नेलियस (Robert Cornelius) ने यह सेल्फी ली थी.

प्रतापगढ़ के फोटोग्राफर, Photographer of Pratapgarh
MAMIYA RB 67 1967 PLETE CAMERA MADE in japan

• कोडैक के इंजीनियर ने डिजिटल कैमरे का आविष्कार किया था, उससे करीब 20 वर्ष पहले 1957 में पहली डिजिटल फोटो ली गई थी. यह तस्वीर फिल्म पर ली गई फोटो का डिजिटल स्कैन थी. इसका रेजोल्यूशन 176x176 था.

• कोडैक के इंजीनियर स्टीव सैसन (Steve Sasson) ने वर्ष 1975 में डिजिटल कैमरे का आविष्कार किया था. उस कैमरे का वजन आठ पाउंड या 3.6 किलोग्राम था. 0.01 मेगापिक्सल के कैमरे ने 23 सेकंड में पहली फोटो ली थी.

पढ़ेंः प्रथम पूज्य के दरबार में सजी मोदक झांकी...भक्त इस बार करेंगे ऑनलाइन दर्शन

• 19 अगस्त, 2010 को पहली बार ऑनलाइन फोटो गैलेरी की प्रदर्शनी लगाई गई थी. इसमें करीब 270 कलाकारों ने अपनी तस्वीरें लगाई थीं और दुनियाभर के 100 से ज्यादा देशों से लोगों ने इसे वेबसाइट पर देखा था. इसी के साथ ही पहली बार आधकारिक रूप से विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया गया.

प्रतापगढ़ के फोटोग्राफर, Photographer of Pratapgarh
PENTACON SIX TL 1973 120 BADI FILM B&W Made in GDR

• स्मार्टफोन के आने के बाद से हर रोज विश्वभर में 350 बिलियन तस्वीरें खींची जाती हैं.

• एंटीक कैमरों का सबसे बड़ा कलेक्शन मुंबई के दिलिश पारेख (Dilish Parekh) के पास है. पारेख के पास 4,425 एंटीक कैमरे हैं.

• फेसबुक पर 250 बिलियन से ज्यादा तस्वीरें अपलोड की गई हैं. इसके अलावा इंस्टाग्राम पर हर रोज औसतन 58,000,000 तस्वीरें अपलोड होती हैं.

प्रतापगढ़. 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जा रहा है. इस अवसर पर प्रतापगढ़ शहर के ऐसे फोटोग्राफर के बारे में आपको बताते हैं जिनके पास साल1965 से लेकर अब तक के सभी कैमरे उपलब्ध हैं. शहर के सदर बाजरा के पंकज सोलंकी के पास कई सालों पुराने कैमरे आपको देखने को मिल जाएंगे.

1965 से 2020 तक के सभी कैमरों को संजोया

इन कैमरों को देखकर आप भी दंग रह जाएंगे. पंकज सोलंकी बताते है की उनके यहां पुरखों से फोटोग्राफी का काम चलता आ रहा है. साल1965 से लेकर साल 2020 तक के सभी कैमरे उनके यहां उपलब्ध हैं. मोबाइल के युग में भी उन्होंने अपनी फोटोग्राफी को जीवित रखा है.

पढ़ेंः सीकर: दांतारामगढ़ में तेज बारिश में अस्पताल की दीवार ढही

फोटोग्राफी का आविष्कार जहां संसार को एक-दूसरे के करीब लाया वहीं, एक-दूसरे को जानने, उनकी संस्कृति को समझने और इतिहास को समृद्ध बनाने में भी बहुत बड़ी मदद की है. आज हमें संसार के किसी दूरस्थ कोने में स्थित द्वीप के जनजीवन की सचित्र जानकारी बड़ी आसानी से प्राप्त होती है, तो इसमें फोटोग्रोफी के बड़ा योगदान है. फोटोग्राफी की मदद से हम इतिहास को भी संजो कर रख सकते हैं.

फोटोग्राफी क्या है

एक तस्वीर अपने अंदर लम्हे, यादें, अनगिनत भावनाएं और विचार समेटे हुए होती है. इसी वजह से एक तस्वीर को हजार शब्दों के बराबर माना जाता है. यह भावों को तेजी से और कई बार शब्दों से बेहतर तरीके से व्यक्त कर सकती है.फोटोग्राफी एक व्यापक विषय है. कुछ शब्दों में इसके सार को पिरो पाना मुश्किल है. आम जनों की भाषा में यह प्रकाश को कैद करने की कला है, जिससे तस्वीर बनती है.

प्रतापगढ़ के फोटोग्राफर, Photographer of Pratapgarh
YASHIKA 635 1979 120+35 film with atechment COLOR Made in japan

आज के समय में पांच में से कम से कम एक व्यक्ति को फोटोग्राफी का शौक होता है. इसका मुख्य कारण तकनीक में हो रहा विकास है. इसके अलावा आज की पीढ़ी को तस्वीरों के माध्यम से अपने अनुभवों को सोशल मीडिया पर साझा करना पसंद है.फोटोग्राफी के कई प्रकार हैं.

पढ़ेंः सिरोहीः हिल स्टेशन माउंट आबू में ज़मीं पर उतरे बादल, लुत्फ उठा रहे पर्यटक

जैसे-

• लैंडस्केप फोटोग्राफी

• पोर्ट्रेट फोटोग्राफी

• वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी

• टैवल फोटोग्राफी

• स्ट्रीट फोटोग्राफी

• मैक्रो फोटोग्राफीविश्व फोटोग्राफी दिवस का इतिहास और उससे जुड़ी कुछ रोचक बातें

• विश्व फोटोग्राफी दिवस की शुरुआत 1837 में एक आविष्कार के बाद हुई थी.

प्रतापगढ़ के फोटोग्राफर, Photographer of Pratapgarh
YASHIKA D 1977 120 BADI FILM B&W Made in japan

• 1826 में हीलियोग्राफी नाम की प्रक्रिया से विश्व की पहली फोटो खींची गई थी या यूं कहें कि बनाई गई थी. नीप्स (Niepce) नाम के व्यक्ति ने यह फोटो खींची थी. शॉट के लिए आठ घंटे का एक्पोजर लगा था. उसे 'View from the Window at Le Gras' के नाम से जाना जाता है.

• खगोल विज्ञानी सर जॉन हरस्चेल (Sir John Herschel) ने 1839 में पहली बार फोटोग्राफ शब्द का प्रयोग किया था.

• 9 जनवरी 1839 को फ्रांस की विज्ञान अकादमी ने डागुएरेटाइप प्रोसेस (Daguerreotype process) की घोषणा की थी. उसी वर्ष 19 अगस्त को फ्रांस की सरकार ने इसका पेटेंट खरीदकर उसे सार्वजनिक कर दिया.

पढ़ेंः स्पेशल: रंग लाई मुहिम...अब इको फ्रेंडली 'गणेश' ले रहे आकार, POP से किया किनारा

• विश्व की सबसे पहली रंगीन फोटो वर्ष 1861 में थॉमस सटॉन (Thomas Sutton) ने ली थी. उन्होंने लाल, हरे व नीले फिल्टर और तीन ब्लैक एंड ह्वाइट फोटो का इस्तेमाल करके फोटो खींची थी. हालांकि, वह फोटो उतनी प्रभावी नहीं थी.

• वर्ष 1839 में विश्व की पहली सेल्फी ली गई थी. अमेरिका के रॉबर्ट कॉर्नेलियस (Robert Cornelius) ने यह सेल्फी ली थी.

प्रतापगढ़ के फोटोग्राफर, Photographer of Pratapgarh
MAMIYA RB 67 1967 PLETE CAMERA MADE in japan

• कोडैक के इंजीनियर ने डिजिटल कैमरे का आविष्कार किया था, उससे करीब 20 वर्ष पहले 1957 में पहली डिजिटल फोटो ली गई थी. यह तस्वीर फिल्म पर ली गई फोटो का डिजिटल स्कैन थी. इसका रेजोल्यूशन 176x176 था.

• कोडैक के इंजीनियर स्टीव सैसन (Steve Sasson) ने वर्ष 1975 में डिजिटल कैमरे का आविष्कार किया था. उस कैमरे का वजन आठ पाउंड या 3.6 किलोग्राम था. 0.01 मेगापिक्सल के कैमरे ने 23 सेकंड में पहली फोटो ली थी.

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• 19 अगस्त, 2010 को पहली बार ऑनलाइन फोटो गैलेरी की प्रदर्शनी लगाई गई थी. इसमें करीब 270 कलाकारों ने अपनी तस्वीरें लगाई थीं और दुनियाभर के 100 से ज्यादा देशों से लोगों ने इसे वेबसाइट पर देखा था. इसी के साथ ही पहली बार आधकारिक रूप से विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया गया.

प्रतापगढ़ के फोटोग्राफर, Photographer of Pratapgarh
PENTACON SIX TL 1973 120 BADI FILM B&W Made in GDR

• स्मार्टफोन के आने के बाद से हर रोज विश्वभर में 350 बिलियन तस्वीरें खींची जाती हैं.

• एंटीक कैमरों का सबसे बड़ा कलेक्शन मुंबई के दिलिश पारेख (Dilish Parekh) के पास है. पारेख के पास 4,425 एंटीक कैमरे हैं.

• फेसबुक पर 250 बिलियन से ज्यादा तस्वीरें अपलोड की गई हैं. इसके अलावा इंस्टाग्राम पर हर रोज औसतन 58,000,000 तस्वीरें अपलोड होती हैं.

Last Updated : Aug 19, 2020, 2:15 PM IST
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