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Opium weighing in Pratapgarh: प्रतापगढ़ में अफीम तुलाई शुरू, पहले दिन पहुंचे 19 गांवों के 305 किसान

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Published : Apr 7, 2023, 6:56 PM IST

प्रतापगढ़ में अफीम तुलाई का काम शुरू हो गया है. इसके पहले दिन 19 गांवों के 305 किसान तुलाई केंद्र पहुंचे.

Opium weighing in Pratapgarh begins
Opium weighing in Pratapgarh: प्रतापगढ़ में अफीम तुलाई शुरू, पहले दिन पहुंचे 19 गांवों के 305 किसान

प्रतापगढ़. जिले में अफीम तौल शुरू हो गया है. प्रतापगढ़ खंड के किसानों की अफीम का तौल दीपेश्वर तालाब के पास दादावाड़ी परिसर में किया जा रहा है. यहां नारकोटिक्स विभाग की ओर से शुक्रवार को पहले दिन 19 गांव से आए 305 किसानों की अफीम का तौल हुआ. यहां तौल आगामी 10 दिनों तक चलेगा.

जिला अफीम अधिकारी ने बताया कि 4 हजार से अधिक किसानों को लाइसेंस दिए गए थे. चीरा पद्धति से अफीम उत्पादन वाले किसानों की अफीम तुलाई का कार्य शुरू किया गया. अफीम की जांच पुरानी पद्धति से की जा रही है. जिला अफीम अधिकारी ने बताया कि अफीम तुलाई में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है. इसके लिए यहां सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. किसानों को अफीम का भुगतान सीधे उनके खातों में ऑनलाइन किया जाएगा. वहीं जिले के छोटी सादड़ी में अफीम तौल पर किसान अपनी अफीम लेकर पहुंच रहे है. इस दौरान दूधी तलाई, जलोदा जागीर, हरिपुरा, नाराणी, बसेड़ा, जीवनपुरा, राजपुरा सहित कई गांवों के अफीम किसानों ने समस्याएं बताईं.

पढ़ेंः प्रतापगढ़: 7 अप्रैल से ओवन मशीन के जरिए होगा अफीम तौलने का कार्य

भारतीय किसान संघ, अफीम संघर्ष समिति के सदस्य सोहनलाल आंजना ने जिला अफीम अधिकारी दीपक दुबे को समस्याएं बताईं. उन्होंने कहा कि तोल केंद्र पर किसानों को एक दिन पूर्व ही शाम को बुलाया जाता है. यहां किसानों को रात में सोने के लिए बिस्तर उपलब्ध नहीं करवाए जाते हैं. इसके साथ ही किसानों से नई अफीम नीति में सुधार के लिए सुझाव दिए. किसानों ने बताया कि अफीम किसानों के प्रति दिन गांव में होने वाले कच्चे तौल को बंद कराया जाए. इसका कोई औचित्य नहीं है. सीपीएस वाले लाइसेंस को लुवाई-चिराई में शामिल कराया जाए. एनडीपीएस एक्ट की धारा में सुधार हो.

प्रतापगढ़. जिले में अफीम तौल शुरू हो गया है. प्रतापगढ़ खंड के किसानों की अफीम का तौल दीपेश्वर तालाब के पास दादावाड़ी परिसर में किया जा रहा है. यहां नारकोटिक्स विभाग की ओर से शुक्रवार को पहले दिन 19 गांव से आए 305 किसानों की अफीम का तौल हुआ. यहां तौल आगामी 10 दिनों तक चलेगा.

जिला अफीम अधिकारी ने बताया कि 4 हजार से अधिक किसानों को लाइसेंस दिए गए थे. चीरा पद्धति से अफीम उत्पादन वाले किसानों की अफीम तुलाई का कार्य शुरू किया गया. अफीम की जांच पुरानी पद्धति से की जा रही है. जिला अफीम अधिकारी ने बताया कि अफीम तुलाई में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है. इसके लिए यहां सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. किसानों को अफीम का भुगतान सीधे उनके खातों में ऑनलाइन किया जाएगा. वहीं जिले के छोटी सादड़ी में अफीम तौल पर किसान अपनी अफीम लेकर पहुंच रहे है. इस दौरान दूधी तलाई, जलोदा जागीर, हरिपुरा, नाराणी, बसेड़ा, जीवनपुरा, राजपुरा सहित कई गांवों के अफीम किसानों ने समस्याएं बताईं.

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भारतीय किसान संघ, अफीम संघर्ष समिति के सदस्य सोहनलाल आंजना ने जिला अफीम अधिकारी दीपक दुबे को समस्याएं बताईं. उन्होंने कहा कि तोल केंद्र पर किसानों को एक दिन पूर्व ही शाम को बुलाया जाता है. यहां किसानों को रात में सोने के लिए बिस्तर उपलब्ध नहीं करवाए जाते हैं. इसके साथ ही किसानों से नई अफीम नीति में सुधार के लिए सुझाव दिए. किसानों ने बताया कि अफीम किसानों के प्रति दिन गांव में होने वाले कच्चे तौल को बंद कराया जाए. इसका कोई औचित्य नहीं है. सीपीएस वाले लाइसेंस को लुवाई-चिराई में शामिल कराया जाए. एनडीपीएस एक्ट की धारा में सुधार हो.

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