प्रतापगढ़. कोरोना वायरस के चलते राजस्थान के इतिहास में पहली बार लॉकडाउन किया गया है. दवा, किराना, मीडिया और चिकित्सा जैसी जरूरी सेवाओं को छोड़कर सब कुछ बंद है. प्रतापगढ़ जिले में शुक्रवार देर रात को कोराना पॉजिटिव मरीज की पुष्टि हुई थी, इसके बाद से ही शहर लॉकडाउन कर दिया गया है. इसके बाद शनिवार देर शाम को राजस्थान सरकार ने भी प्रदेश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी है.
रविवार को देशभर में एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहे अनुसार जनता कर्फ्यू का असर है. वहीं दूसरी ओर राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में कोराना पॉजिटिव मरीज के होने के बाद से ही बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है. प्रतापगढ़ शहर में लॉकडाउन के चलते जरूरी आवश्यकताओं की दुकानें भी लगभग बंद ही रही. शहर के बाजारों में एक भी व्यक्ति नजर नहीं आया. कोराना पॉजिटिव के मरीज के परिवार के भी सात लोगों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया हुआ है.
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40 विदेश यात्रा से लौटे लोगों पर लगातार नजर
वहीं, छोटीसादड़ी के भी तीन लोगों को संदिग्ध होने के चलते जिला मुख्यालय के अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करवाया गया है. संदिग्ध मरीजों की भी कोराना टेस्ट करने के लिए उदयपुर भेजे गए हैं. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरीके से अलर्ट मोड़ पर है. कोराना पॉजिटिव जिस क्षेत्र में रहता है वहां पर भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार स्क्रिनिंग की जा रही है. जिले के प्रतापगढ़ छोटीसादड़ी, धरियावाद और अरनोद उपखंड सहित जिलेभर से अब तक 40 के लगभग विदेश से लौटे लोगों की पुष्टि हुई है, जिन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया है. स्वास्थ्य विभाग विदेश से लौटे लोगों पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं.
छोटीसादड़ी में भी सब बंद
छोटीसादड़ी शहर के बाजारों में भी जनता कर्फ्यू का असर नजर आया. रविवार को जनता कर्फ्यू के साथ समस्त नगरवासी एकजुट होकर विश्व में फैली इस महामारी से बचाव के लिए अपने ही घरों में कैद हैं. लोग अपने आवश्यक कामकाज के लिए वाहनों पर निकले और कामकाज करने के बाद वापस अपने घर लौट आए. वहीं आवश्यक सेवा के लिए मेडिकल स्टोर और चिकित्सालय खुला रहा.