प्रतापगढ़. प्रदेश की जेलों में सुधार को लेकर ऑपरेशन फ्लैश ऑउट के जरिए राजस्थान जेल प्रशासन और राजस्थान एसओजी मिलकर जेलों में चल रही अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए कार्रवाई कर रहे हैं. इसी के तहत मंगलार को जेल डीआईजी कैलाश त्रिवेदी ने प्रतापगढ़ जेल का निरीक्षण किया और साथ ही जेल स्टाफ की समस्याओं को जाना और जेल कर्मियों को सम्मानित किया.
डीआईजी कैलाश त्रिवेदी ने बताया कि जेलों में बंद बंदियों द्वारा गैंग ऑपरेट करने या फिर जेलों में मोबाइल मादक पदार्थ या अन्य प्रतिबंधित सामग्री मिलने की खबरों को देखते हुए जेल प्रशासन की ओर से विशेष अभियान ऑपरेशन फ्लैश आउट चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत प्रदेश की जेलों में औचक निरीक्षण कर बंदियों की बैरिकों और जेल परिसरों को खंगाला जा रहा है. प्रदेश भर में जेलों में पहुंच रही प्रतिबंधित सामग्री के खिलाफ जेल प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई भी की जा रही है. प्रदेश के कई जिलों में बंधुओं तक प्रतिबंधित सामग्री पहुंचाने वाले जेल कर्मियों के ऊपर भी कार्रवाई की जा चुकी है.
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डीआईजी त्रिवेदी ने बताया कि प्रतापगढ़ जेल के साथ उन्होंने छोटी सादड़ी उप जेल का भी औचक निरीक्षण किया है और वहां के हालातों को जाना है. डीआईजी कैलाश त्रिवेदी को प्रतापगढ़ जेल अधीक्षक प्रदीप लखावत ने जेल के बारे में पूरी जानकारी देते हुए यहां की समस्या और सुविधाओं के बारे में उन्हें विस्तार के साथ बताया है.
डीआईजी त्रिवेदी ने बताया कि इस ऑपरेशन की खासियत यह है कि इसका उद्देश्य सिर्फ जेलों में अवांछनीय वस्तुएं बरामद करना भर नहीं है, बल्कि कैदियों तक इन वस्तुओं को पहुंचाने वाले भ्रष्ट जेल कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई को अंजाम देना भी है. डीआईजी द्वारा जेल के निरीक्षण के बाद जेल कर्मियों की समस्याओं को जाना हो बेहतर काम करने वाले जेल कर्मियों को सम्मानित भी किया है.