प्रतापगढ़. राजस्थान कांग्रेस में अंतर्कलह थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब नया विवाद विधायक रामलाल मीणा और मंत्री अर्जुन बामणिया के बीच सामने आया है. आज यानी बुधवार को प्रतापगढ़ जिले के दौरे पहुंचे प्रभारी मंत्री के कार्यक्रम में जिले का कांग्रेस का एक भी जनप्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ.
दरअसल, मंत्री अर्जुन बामणिया कोविड महामारी को लेकर जिले के दौरे पर पहुंचे. मंत्री बामणिया के प्रतापगढ़ पहुंचने पर जिले के सभी कांग्रेस के जनप्रतिनिधि नदारद नजर आए, जो राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया. यहां मंत्री बामणिया ने जिला अस्पताल के निरीक्षण के साथ ही जिले के अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में प्रतापगढ़ विधायक रामलाल मीणा और जिला प्रमुख इंदिरा मीणा भी नदारद रहे. हालांकि, इस बीच अधिकारी जनप्रतिनिधियों को बैठक में बुलाने के लिए बार-बार फोन करते रहे, लेकिन उसके बाद भी कोई जनप्रतिनिधि बैठक में उपस्थित नहीं हुआ.
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जिले के जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि जनजाति मंत्री अर्जुन बामणिया ने अपने विभाग से जिले के विकास के लिए एक भी रुपया नहीं दिया है और विकास के मामले में प्रतापगढ़ को नजरअंदाज कर रहे हैं. जिले के जनप्रतिनिधियों का कहना है कि विधायक रामलाल मीणा के जिले के विकास को लेकर किए गए कार्यों से जिले में जिला प्रमुख से लेकर सरपंच तक अधिकांश सीटों पर कांग्रेस का कब्जा हुआ है.
इस मामले में विधायक रामलाल मीणा का कहना है कि किस जिले के प्रभारी मंत्री होने के बावजूद कोरोना जैसी विकट महामारी के दौर में प्रभारी मंत्री ने जिले का एक भी बार हाल-चाल नहीं जाना और जिले में महामारी के कम होने के बाद अब मात्र औपचारिकता पूरी करने के लिए आए हैं. इससे क्षेत्र की जनता और जनप्रतिनिधियों में रोष है. मीणा का कहना है कि आदिवासी जिला होने के बावजूद जिले के प्रभारी और जनजाति मंत्री ने पिछले ढाई साल में जिले की एक भी पंचायत को एक पैसा नहीं दिया है. हालांकि, उनके जिले की पंचायतों को बजट नहीं देने के बावजूद भी विकास के कार्य रुके नहीं हैं. उन्हें जिले के विकास में मुख्यमंत्री का पूरा सहयोग है.