प्रतापगढ़. जिले में दिसंबर 2019 में करीब 2.5 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला इस्तगासे के जरिए थाने में दर्ज कराया गया था. आरोप था कि फ्यूचर मेकर कंपनी के नाम पर आरोपियों ने निवेशकों से पैसा इकट्ठा किया और कंपनी डूबने की बात कहकर पैसा देने से मुकर गए. इस मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस के मुताबिक शहर कोतवाली थाने में दिसंबर 2019 में ढाई करोड रुपए की ठगी का मामला मनोहर भोई, घनश्याम भोई, शिवनारायण तेली निवासी बसाड़, विनीत शर्मा निवासी बारावरदा, रवि राठौड़ निवासी अरनोद और अफजल खान निवासी नोगामा ने कोर्ट से धोखाधड़ी का इस्तगासा पेश किया था. फरियादी ने फ्यूचर मेकर कंपनी के नाम से धोखाधड़ी करने और कंपनी के लगभग 2 साल चलने के बाद बंद होने के साथ ही पैसों के डूबने के चलते कंपनी के डायरेक्टर राधेश्याम सुथार, बंसीराम सियाग, सुखदेव सैनी, सुंदरलाल सैनी निवासी हरियाणा और कैलाश आर्य निवासी नारायणगढ़ के विरुद्ध पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया.
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अनुसंधान के तहत पुलिस ने कैलाश आर्य को इंदौर से डिटेन कर गिरफ्तार किया है. जांच अधिकारी रमेशचंद्र सेन ने बताया कि आरोपियों ने जिले में करीब ढाई करोड़ रुपए की ठगी की है. पुलिस जांच में सामने आया है कि फ्यूचर मेकर कंपनी के मुख्य संचालक राधेश्याम सुथार जो कि हरियाणा के हिसार जेल में बंद है, के खाते में करीब 200 करोड रुपए अभी भी जमा हैं. पुलिस ने इस मामले में इंदौर से गिरफ्तार कैलाश को कोर्ट में पेश किया है.
जहां से कोर्ट ने आरोपी कैलाश को 3 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है. पुलिस के मुताबिक इस मामले में और भी अभी करोड़ों रुपए की ठगी का खुलासा हो सकता है.