पाली. जिले की जीवन रेखा माने जाने वाला कपड़ा उद्योग अब एक बार फिर से जीवित होने की उम्मीद जागने लगी है. पाली में बढ़ते प्रदूषण के आंकड़े को कम करने के लिए सीईटीपी फाउंडेशन की ओर से यहां पर जेडएलडी प्लांट लगाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
बता दें, कि अब उन प्रयासों का परिणाम आना शुरू हो गया है. गत दिनों सीईटीपी फाउंडेशन की ओर से पाली में जेडएलडी प्लांट लगाने के लिए निविदा निकाली गई थी. इसमें देश की कई जानी-मानी कंपनियों ने अपने आवेदन किए थे. जिसमें से देश की नामचीन कंपनी सौराष्ट्रा एनवायरो प्रोजेक्ट की दरें सबसे कम पाई गई है.
इसके चलते अब अनुमान लगाया जा रहा है कि पाली में जेडएलदी प्लांट स्थापित करने के लिए यह कंपनी पाली में अपना जल्द ही कार्य शुरू कर देगी. इसको लेकर पाली के उद्यमी, प्रशासन और कपड़ा इकाइयों में काम करने वाले श्रमिकों के चेहरे पर एक बार फिर से रौनक लौट आई है.
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दरअसल, पाली में जेडएलडी प्लांट के लिए तीन कंपनियों ने टेंडर डाले थे. तकनीक की निविदा में सफल रहने के बाद वितीय निविदा खोली गई, जिसमें सौराष्ट्र प्रोजेक्ट ने 673 करोड़, अरविंद एनविशाल ने 907 करोड़ और त्रिवेणी में 738 करोड़ रुपए की राशि बताई. इसमें सबसे कम राशि सौराष्ट्रा प्रोजेक्ट की 673 करोड़ रुपए रहा.
कंपनी से दरों का तुलनात्मक अध्ययन करने के बाद में कंपनी अमानत राशि और अनुबंध किया जाएगा. जानकारी है कि इस कंपनी के प्लांट अंकलेश्वर में भी संचालित हैं यहां के उद्यमी अंकलेश्वर स्थित कंपनी के प्लांट का दौरा भी कर चुके हैं.