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जवाई बांध के भरोसे पाली की जनता...जलदाय विभाग ने लोगों से की ये अपील - राजस्थान

जिले में लोगों को पीने के लिए पानी 72 घंटे से अधिक समय के अंतराल में उपलब्ध हो रहा है.

सबसे कम हुई बारिश के कारण पाली के कई जल स्त्रोतों में पानी की नहीं हो पा रही आवक
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Published : Apr 17, 2019, 2:02 PM IST

पाली. जिले में लोगों को पीने के लिए पानी 72 घंटे से अधिक समय के अंतराल में उपलब्ध हो रहा है. वहीं जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो वहां की स्थिति और भी ज्यादा विकट है. ऐसी स्थिति में जलदाय विभाग के अधिकारियों के सामने जल व्यवस्था को लेकर काफी परेशानियां सामने आ रही हैं.

विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस बार जिले में और सबसे कम हुई बारिश के कारण पाली के कई जल स्त्रोतों में पानी की आवक ही नहीं हो पाई. ऐसे में विभाग के पास जवाई बांध का सहारा है. अधिकारियों ने बताया कि अगर जिले में मानसून समय पर नहीं आता है तो पाली में जल संकट गहरा सकता है.

Water congestion in Pali
सबसे कम हुई बारिश के कारण पाली के कई जल स्त्रोतों में पानी की नहीं हो पा रही आवक

गौरतलब है कि जल संसाधन विभाग ने पाली में औसत बारिश का आंकड़ा 476 एमएम माप रखा है, लेकिन गत मानसून में जिले में औसत से कम बारिश हुई. जिससे मानसून में मात्र 298 एमएम बारिश हो पाई. ऐसे में कम बारिश होने के कारण जिले के 52 बांधों में से केवल 21 बांधों में ही बरसात के पानी की आवक हो पाई.

जलदाय विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जवाई बांध और जिले के जल स्त्रोतों में शामिल 12 और बांधों में पानी कुछ हद तक उपलब्ध है. वहीं विभाग लोगों से अपील कर रहा है कि गर्मी के समय में लोग कम से कम पानी को व्यर्थ करें, जिससे पीने के लिए पानी उपलब्ध हो सके.

पाली. जिले में लोगों को पीने के लिए पानी 72 घंटे से अधिक समय के अंतराल में उपलब्ध हो रहा है. वहीं जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो वहां की स्थिति और भी ज्यादा विकट है. ऐसी स्थिति में जलदाय विभाग के अधिकारियों के सामने जल व्यवस्था को लेकर काफी परेशानियां सामने आ रही हैं.

विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस बार जिले में और सबसे कम हुई बारिश के कारण पाली के कई जल स्त्रोतों में पानी की आवक ही नहीं हो पाई. ऐसे में विभाग के पास जवाई बांध का सहारा है. अधिकारियों ने बताया कि अगर जिले में मानसून समय पर नहीं आता है तो पाली में जल संकट गहरा सकता है.

Water congestion in Pali
सबसे कम हुई बारिश के कारण पाली के कई जल स्त्रोतों में पानी की नहीं हो पा रही आवक

गौरतलब है कि जल संसाधन विभाग ने पाली में औसत बारिश का आंकड़ा 476 एमएम माप रखा है, लेकिन गत मानसून में जिले में औसत से कम बारिश हुई. जिससे मानसून में मात्र 298 एमएम बारिश हो पाई. ऐसे में कम बारिश होने के कारण जिले के 52 बांधों में से केवल 21 बांधों में ही बरसात के पानी की आवक हो पाई.

जलदाय विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जवाई बांध और जिले के जल स्त्रोतों में शामिल 12 और बांधों में पानी कुछ हद तक उपलब्ध है. वहीं विभाग लोगों से अपील कर रहा है कि गर्मी के समय में लोग कम से कम पानी को व्यर्थ करें, जिससे पीने के लिए पानी उपलब्ध हो सके.

Intro:- समाचार में बाईट पाली जलदाय विभाग के एक्स ई एन नीरज माथुर की हैं।



पाली. जिले में अब जल संकट पूरी तरह से घर आ गया है। लोगों को पीने के लिए पानी 72 घंटे से अधिक समय के अंतराल में उपलब्ध हो रहा है। अगर पाली के ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो वहां पर स्थिति और भी ज्यादा विकट है। लोगों को अपनी हलक तर करने के लिए भी कई दिनों का इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में जलदाय विभाग के अधिकारियों के सामने भी जल व्यवस्था को लेकर काफी परेशानियां सामने आ रही है। अगर जलदाय विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस बार जिले में और सबसे कम हुई बारिश के कारण पाली के कई जल स्त्रोतों में पानी की आवक ही नहीं हो पाई। ऐसी स्थिति में जलदाय विभाग के पास मात्र जवाई बांध का सहारा है। अधिकारियों ने बताया कि अगर पाली में मानसून समय पर नहीं आता है तो पाली में जल संकट घर आ सकता है। और लोगों की हलक तर करने के लिए उन्हें और भी दूसरा सहारा खोजना पड़ सकता है।


Body: गौरतलब है कि जल संसाधन विभाग ने पाली में औसत बारिश का आंकड़ा 476 एमएम माप रखा है। लेकिन गत मानसून में पाली में औसत से कम बारिश हुई। गत मानसून में पाली में मात्र 298 एमएम बारिश हो पाई। ऐसे में औसत से कम बारिश होने के कारण पाली के 52 बांधों में से मात्र 21 बांधों में ही बरसात के पानी की आवक हो पाई। और यह पानी भी गर्मी आते आते पूरी तरह से सूख चुका है। जलदाय विभाग पाली में पानी सप्लाई के लिए जवाई बांध पर आश्रित हो चुका है। अधिकारियों का मानना है कि जवाई बांध से जून तक पाली की हलक तर की जा सकती है। उसके बाद बांध में डेड स्टोरेज का पानी उपलब्ध रहेगा।


Conclusion:जलदाय विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस बार पाली में मानसून के बाद से ही जल संकट के बादल मंडराने लग गए थे ऐसे में जलदाय विभाग ने अक्टूबर वहां से ही पेयजल सप्लाई में कटौती शुरू कर दी थी इसी कटौती के चलते अभी तक जवाई बांध और पाली के जल स्त्रोतों में शामिल 12 और बांधों में पानी कुछ हद तक उपलब्ध है अब जलदाय विभाग लोगों से यही अपील कर रहा है कि गर्मी के समय कम से कम पानी को व्यर्थ करें। जिससे कि लोगों को पीने के लिए पानी उपलब्ध हो सके।
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