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पाली: सेंदड़ा वन क्षेत्र में वृक्षारोपण के नाम पर लाखों रुपये के गबन का मामला, जांच टीम मौके पर पहुंची - संयुक्त जांच टीम

पाली के सेंदड़ा वन क्षेत्र में वृक्षारोपण के नाम पर लाखों रुपये के गबन का मामला सामने आया है. आरोप है कि सिर्फ कागजों में ही वृक्षारोपण कर राशि हड़प कर ली गई है. गुरुवार को मामले की जांच के लिए अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची.

जैतारण पाली न्यूज़, plantation embezzlement case
सेंदड़ा वन क्षेत्र में वृक्षारोपण गबन मामले की जांच के लिए टीम मौके पर पहुंची
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Published : Jun 18, 2020, 8:08 PM IST

जैतारण(पाली). जिले के सेंदड़ा वन क्षेत्र में वृक्षारोपण के नाम पर लाखों रुपये के गबन का मामला सामने आया है. मामले में शिकायत मिलने पर उच्च अधिकारियों की संयुक्त जांच टीम गुरुवार को मौके पर पहुंची. इस दौरान ये मामला पाली जिले में चर्चा का विषय रहा है. वहीं, इस संबंध में जांच अधिकारी जानकारी देने से बचते रहे.

प्राप्त जानकारी के अनुसार साल 2015- 16 की कैंपा योजना और साल 2013-14 की अरावली योजना के तहत लाखों रुपए स्वीकृत हुए थे. इस राशि से प्रतापगढ़ वन खंड के अलावा पाली के सेंदड़ा वन क्षेत्र में वृक्षारोपण और चारदीवारी के कार्य होना था. वन विभाग को वृक्षारोपण और चारदीवारी के साथ ही 5 साल तक इन वृक्षों का रखरखाव भी कराना था.

पढ़ें: राजस्थान बोर्ड की परीक्षाएं स्थगित करने के आदेश देने से HC का इंकार

वृक्षारोपण, चारदीवारी और वृक्षों के रखरखाव के संबंध में वित्तीय स्वीकृति भी समय-समय पर वन विभाग द्वारा जारी की गई. लेकिन, आरोप है कि वृक्षारोपण के स्थान पर निश्चित अंतराल से पहले ही पहले ही राशि स्वीकृत कराकर सिर्फ कागजों में ही वृक्षारोपण कर राशि हड़प कर ली गई. शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि वन नाका प्रभारियों ने मिलीभगत कर मौके पर कोई कार्य नहीं करवाया और अपने ही चेहतों के नाम बिल बनाकर राशि हड़प करने की ली.

पत्रकारों से दूर रही जांच टीम

वन विभाग के अधिकारियों की टीम जांच करने पहुंची, लेकिन वो पत्रकारों से दूरी ही रही. इस मामले में अधिकारी कोई भी बयान देने से बचते रहे. इस संबंध में पाली के उप वन संरक्षक गौरव गर्ग ने बताया कि सेंदड़ा वन क्षेत्र में वृक्षारोपण को लेकर गबन की शिकायत पर उच्च स्तरीय अधिकारियों के निर्देश पर टीम गठित कर जांच की जा रही है.

जैतारण(पाली). जिले के सेंदड़ा वन क्षेत्र में वृक्षारोपण के नाम पर लाखों रुपये के गबन का मामला सामने आया है. मामले में शिकायत मिलने पर उच्च अधिकारियों की संयुक्त जांच टीम गुरुवार को मौके पर पहुंची. इस दौरान ये मामला पाली जिले में चर्चा का विषय रहा है. वहीं, इस संबंध में जांच अधिकारी जानकारी देने से बचते रहे.

प्राप्त जानकारी के अनुसार साल 2015- 16 की कैंपा योजना और साल 2013-14 की अरावली योजना के तहत लाखों रुपए स्वीकृत हुए थे. इस राशि से प्रतापगढ़ वन खंड के अलावा पाली के सेंदड़ा वन क्षेत्र में वृक्षारोपण और चारदीवारी के कार्य होना था. वन विभाग को वृक्षारोपण और चारदीवारी के साथ ही 5 साल तक इन वृक्षों का रखरखाव भी कराना था.

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वृक्षारोपण, चारदीवारी और वृक्षों के रखरखाव के संबंध में वित्तीय स्वीकृति भी समय-समय पर वन विभाग द्वारा जारी की गई. लेकिन, आरोप है कि वृक्षारोपण के स्थान पर निश्चित अंतराल से पहले ही पहले ही राशि स्वीकृत कराकर सिर्फ कागजों में ही वृक्षारोपण कर राशि हड़प कर ली गई. शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि वन नाका प्रभारियों ने मिलीभगत कर मौके पर कोई कार्य नहीं करवाया और अपने ही चेहतों के नाम बिल बनाकर राशि हड़प करने की ली.

पत्रकारों से दूर रही जांच टीम

वन विभाग के अधिकारियों की टीम जांच करने पहुंची, लेकिन वो पत्रकारों से दूरी ही रही. इस मामले में अधिकारी कोई भी बयान देने से बचते रहे. इस संबंध में पाली के उप वन संरक्षक गौरव गर्ग ने बताया कि सेंदड़ा वन क्षेत्र में वृक्षारोपण को लेकर गबन की शिकायत पर उच्च स्तरीय अधिकारियों के निर्देश पर टीम गठित कर जांच की जा रही है.

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