पाली. जिले के बाली क्षेत्र में इन दिनों बारिश नहीं होने से परेशान लोग इंद्रदेव और देवी-देवताओं को मनाने के लिए तरह-तरह के जतन कर रहे हैं. कहीं भजन कीर्तन हो रहे हैं तो कहीं मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना हो रही हैं. वहीं कई लोग बारिश के लिये पारंपरिक टोटके और उपाय का भी सहारा ले रहे हैं.
बता दें कि इस बार औसत बारिश नहीं होने से किसान परेशान हैं तो वहीं कुछ लोग पेयजल संकट गहराने को लेकर भी परेशान हैं. वर्षा ना होने के कारण यहां के लोगों को कॉफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसी के चलते देसूरी कस्बे में ग्रामीणों ने ढोल-थाली के साथ सभी मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना की और वर्षा होने की कामना भी की.
मंदिर-मंदिर पहुंचे ग्रामीण
देसूरी कस्बे में ग्रामीण आई माता वडेर में इकट्ठा हुए और सभी कस्बें के खेड़ा देवों यानी प्रमुख देवी-देवताओं के मंदिरों में पहुंचे. इनमें से एक ग्रामीण सिर पर बड़ी ओड़ी(तगारीनुमा) उठाए चल रहा था.जिसमें माला,धूप दीप,नारियल,अगरबत्ती सहित सभी पूजा सामग्री थी. लोग कस्बें के बैजनाथ महादेव,चामुंडा माता मंदिर होते हुए मंदिरों में पहुंचे और सभी जगह विधि विधान से पूजा-अर्चना की.
ग्रामीणों ने किया नदी पूजन
इसके बाद ग्रामीण नदी के पास पहुंचे और इंद्रदेव से नदी प्रवाहित करने की कामना की. ग्रामीणों का विश्वास हैं कि ऐसा करने से बारिश होगी. इस दौरान कुछ स्थानों पर पूजा करते वक्त महिलाएं भी साथ रही. एक ग्रामीण ने बताया कि परम्परागत रूप से बारिश की कामना के लिए ढोल बाजे के साथ इंद्रदेव और देवी-देवताओं का पूजन किया और उन्हें याद किया है.
कई और उपाय भी करते हैं ग्रामीण
समय पर बारिश ना होने पर ग्रामीण और भी कई उपाय करते हैं. जिसमें से एक उपाय है . जिसमें ग्रामीण किसी एक दिन कस्बें में चूल्हा नहीं जलाएंगे और वन क्षेत्र में भोजन करके इंद्रदेव को रिझाएंगे.अभी तक ग्रामीणों ने इसे तय नहीं किया हैं. इंद्र देव को मनाने में महिलाएं भी पीछे नहीं रहती हैं. महिलाएं झुंड के रूप में रात को निर्जन स्थान पर जाती हैं और बारिश ना होने पर अपना रोष जाहिर करती हैं.