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पाली में बारिश के लिए इंद्रदेव और देवी-देवताओं को रिझाने में लगे ग्रामीण

प्रदेश मे बारिश ना होने से परेशान लोग देवी और देवताओं की पूजा अर्चना कर रहे है. इसके साथ ही लोग इंद्रदेव की भी पूजा कर रहे हैं. जिससे इंद्रदेव प्रसन्न हो जाये और बारिश हो जाए. बता दें कि कई जगहों पर भजन कीर्तन हो रहे हैं तो कई जगहों पर यज्ञ हवन हो रहे हैं लेकिन पाली जिले में बारिश के लिए पारंपरिक टोटके और उपाय किए जा रहे हैं.

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Published : Jul 31, 2019, 3:41 AM IST

Updated : Jul 31, 2019, 3:53 AM IST

पाली में इंद्रदेव और देवी-देवताओं को रिझाने में लगे लोग

पाली. जिले के बाली क्षेत्र में इन दिनों बारिश नहीं होने से परेशान लोग इंद्रदेव और देवी-देवताओं को मनाने के लिए तरह-तरह के जतन कर रहे हैं. कहीं भजन कीर्तन हो रहे हैं तो कहीं मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना हो रही हैं. वहीं कई लोग बारिश के लिये पारंपरिक टोटके और उपाय का भी सहारा ले रहे हैं.

पाली में इंद्रदेव और देवी-देवताओं को रिझाने में लगे लोग

बता दें कि इस बार औसत बारिश नहीं होने से किसान परेशान हैं तो वहीं कुछ लोग पेयजल संकट गहराने को लेकर भी परेशान हैं. वर्षा ना होने के कारण यहां के लोगों को कॉफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसी के चलते देसूरी कस्बे में ग्रामीणों ने ढोल-थाली के साथ सभी मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना की और वर्षा होने की कामना भी की.

मंदिर-मंदिर पहुंचे ग्रामीण

देसूरी कस्बे में ग्रामीण आई माता वडेर में इकट्ठा हुए और सभी कस्बें के खेड़ा देवों यानी प्रमुख देवी-देवताओं के मंदिरों में पहुंचे. इनमें से एक ग्रामीण सिर पर बड़ी ओड़ी(तगारीनुमा) उठाए चल रहा था.जिसमें माला,धूप दीप,नारियल,अगरबत्ती सहित सभी पूजा सामग्री थी. लोग कस्बें के बैजनाथ महादेव,चामुंडा माता मंदिर होते हुए मंदिरों में पहुंचे और सभी जगह विधि विधान से पूजा-अर्चना की.

ग्रामीणों ने किया नदी पूजन

इसके बाद ग्रामीण नदी के पास पहुंचे और इंद्रदेव से नदी प्रवाहित करने की कामना की. ग्रामीणों का विश्वास हैं कि ऐसा करने से बारिश होगी. इस दौरान कुछ स्थानों पर पूजा करते वक्त महिलाएं भी साथ रही. एक ग्रामीण ने बताया कि परम्परागत रूप से बारिश की कामना के लिए ढोल बाजे के साथ इंद्रदेव और देवी-देवताओं का पूजन किया और उन्हें याद किया है.

कई और उपाय भी करते हैं ग्रामीण

समय पर बारिश ना होने पर ग्रामीण और भी कई उपाय करते हैं. जिसमें से एक उपाय है . जिसमें ग्रामीण किसी एक दिन कस्बें में चूल्हा नहीं जलाएंगे और वन क्षेत्र में भोजन करके इंद्रदेव को रिझाएंगे.अभी तक ग्रामीणों ने इसे तय नहीं किया हैं. इंद्र देव को मनाने में महिलाएं भी पीछे नहीं रहती हैं. महिलाएं झुंड के रूप में रात को निर्जन स्थान पर जाती हैं और बारिश ना होने पर अपना रोष जाहिर करती हैं.

पाली. जिले के बाली क्षेत्र में इन दिनों बारिश नहीं होने से परेशान लोग इंद्रदेव और देवी-देवताओं को मनाने के लिए तरह-तरह के जतन कर रहे हैं. कहीं भजन कीर्तन हो रहे हैं तो कहीं मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना हो रही हैं. वहीं कई लोग बारिश के लिये पारंपरिक टोटके और उपाय का भी सहारा ले रहे हैं.

पाली में इंद्रदेव और देवी-देवताओं को रिझाने में लगे लोग

बता दें कि इस बार औसत बारिश नहीं होने से किसान परेशान हैं तो वहीं कुछ लोग पेयजल संकट गहराने को लेकर भी परेशान हैं. वर्षा ना होने के कारण यहां के लोगों को कॉफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसी के चलते देसूरी कस्बे में ग्रामीणों ने ढोल-थाली के साथ सभी मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना की और वर्षा होने की कामना भी की.

मंदिर-मंदिर पहुंचे ग्रामीण

देसूरी कस्बे में ग्रामीण आई माता वडेर में इकट्ठा हुए और सभी कस्बें के खेड़ा देवों यानी प्रमुख देवी-देवताओं के मंदिरों में पहुंचे. इनमें से एक ग्रामीण सिर पर बड़ी ओड़ी(तगारीनुमा) उठाए चल रहा था.जिसमें माला,धूप दीप,नारियल,अगरबत्ती सहित सभी पूजा सामग्री थी. लोग कस्बें के बैजनाथ महादेव,चामुंडा माता मंदिर होते हुए मंदिरों में पहुंचे और सभी जगह विधि विधान से पूजा-अर्चना की.

ग्रामीणों ने किया नदी पूजन

इसके बाद ग्रामीण नदी के पास पहुंचे और इंद्रदेव से नदी प्रवाहित करने की कामना की. ग्रामीणों का विश्वास हैं कि ऐसा करने से बारिश होगी. इस दौरान कुछ स्थानों पर पूजा करते वक्त महिलाएं भी साथ रही. एक ग्रामीण ने बताया कि परम्परागत रूप से बारिश की कामना के लिए ढोल बाजे के साथ इंद्रदेव और देवी-देवताओं का पूजन किया और उन्हें याद किया है.

कई और उपाय भी करते हैं ग्रामीण

समय पर बारिश ना होने पर ग्रामीण और भी कई उपाय करते हैं. जिसमें से एक उपाय है . जिसमें ग्रामीण किसी एक दिन कस्बें में चूल्हा नहीं जलाएंगे और वन क्षेत्र में भोजन करके इंद्रदेव को रिझाएंगे.अभी तक ग्रामीणों ने इसे तय नहीं किया हैं. इंद्र देव को मनाने में महिलाएं भी पीछे नहीं रहती हैं. महिलाएं झुंड के रूप में रात को निर्जन स्थान पर जाती हैं और बारिश ना होने पर अपना रोष जाहिर करती हैं.

Intro:पाली। बाली क्षेत्र में इन दिनों अल्प वर्षा से चिंतित लोग इंद्रदेव एवं देवी-देवताओं को मनाने के लिए तरह-तरह के जतन कर रहे हैं।
कहीं भजन कीर्तन हो रहे हैं तो कहीं मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना हो रही हैं। कहीं यज्ञ हवन हो रहे हैं तो कहीं पारंपरिक टोटके और उपाय किए जा रहे हैं। इस बार औसत बारिश भी न होने से लोग खेतों में फसल न ले पाने और पेयजल संकट गहराने को लेकर आशंकित हैं। अगर बारिश नहीं हुई तो पालतू पशुओं और वन्यजीवों के लिए चारे व पीने के पानी की समस्या पहले से ओर गहरी हो जाएगी।Body:इसी के चलते देसूरी कस्बे में ग्रामीणों ने ढोल-थाली के साथ सभी मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना की और वर्षा की कामना की।

'मंदिर-मंदिर पहुंचे ग्रामीण'
देसूरी कस्बे में ग्रामीण आई माता वडेर में इकट्ठा हुए और सभी जातियों के लोगों को साथ लेकर कस्बें के खेड़ा देवों यानी प्रमुख देवी-देवताओं के मंदिरों में पहुंचे। इनमें से एक ग्रामीण सिर पर बड़ी ओड़ी(तगारीनुमा) उठाए चल रहा था। जिसमें माला,धूप दीप,नारियल,अगरबत्ती सहित पूजा सामग्री थी। ये लोग कस्बें के बैजनाथ महादेव,चामुंडा माता मंदिर होते हुए मंदिरों में पहुंचे और सभी जगह पंडित छोटेलाल शर्मा से विधिविधान से पूजा-अर्चना करवाई।

'ग्रामीणों ने किया नदी पूजन'
यें ग्रामीण नदी में भी पहुंचे और इंद्रदेव से नदी प्रवाहित करने की कामना की। इसी के साथ धरऊ यानी उत्तर दिशा की पूजा की।अल्प वर्षा होने पर ग्रामीण उस वर्ष इस तरह से पूजा करते हैं। ग्रामीणों का विश्वास हैं कि ऐसा करने से बारिश होगी। इस वर्ष ग्रामीण देरी से पूजा करने पहुंचे। इस दौरान कुछ स्थानों पर पूजा करते वक्त महिलाएं भी साथ रही।
एक ग्रामीण ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि परम्परागत रूप से बारिश की कामना के लिए ढोल बाजे के साथ इंद्रदेव व देवी-देवताओं का पूजन किया और उन्हें याद किया।Conclusion:'कई उपाय ओर भी करते हैं ग्रामीण'
समय पर बारिश न होने पर ग्रामीण ओर भी कई उपाय करते हैं। ग्रामीण किसी एक दिन कस्बें में चूल्हा नही जलाएंगे और वन क्षेत्र में भोजन करके इंद्रदेव को रिझाएंगे। अभी तक ग्रामीणों ने इसे तय नही किया हैं। इंद्र देव को मनाने में महिलाएं भी पीछे नही रहती हैं। महिलाएं झुंड के रूप में रात को निर्जन स्थान पर जाती हैं और बारिश न होने पर अपना रोष जाहिर करती हैं।

बाली से ईटीवी भारत के लिए प्रमोदपाल सिंह की रिपोर्ट
Last Updated : Jul 31, 2019, 3:53 AM IST
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