पाली. कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर पाली प्रशासन अब तक काफी खुश था. पाली प्रशासन को उम्मीद थी कि लगातार बढ़ती जा रही सावधानी के चलते पाली कोरोना वायरस संक्रमण से पूरी तरह से सुरक्षित है. प्रशासन लगातार दावे भी कर रहा था कि पाली में गठित मेडिकल टीमों द्वारा लगातार लोगों के घर-घर जाकर उनके स्वास्थ्य का परीक्षण किया जा रहा है. बाहर से आने वाले प्रवासियों को भी चिन्हित किया जा रहा है. साथ ही इन सभी में किसी भी प्रकार से कोरोना वायरस संक्रमण नहीं है.
ऐसे में पाली प्रशासन की रिपोर्ट पर सरकार ने भी उसे ग्रीन जोन में शामिल कर रखा था, लेकिन सोमवार को पाली में एक कोरोना पॉजिटिव महिला मिलने से प्रशासन के हाथ पैर पूरी तरह से फूल चुके हैं. प्रशासन द्वारा लगातार लोगों के घर-घर जाकर स्वास्थ्य परीक्षण का सर्वे करने का जो दावा किया जा रहा था, वह दावा खोखला सा लगने लगा है. पहली बार पाली में चिन्हित 30 लोगों की रैंडम सैंपलिंग की गई है. वहीं इन सैंपल की जांच में एक पॉजिटिव मरीज सामने आ गया है.
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इसके बाद प्रशासन आनन-फानन में सतर्क हो गया और पाली के 9 मोहल्लों में कर्फ्यू लगाना पड़ा. साथ ही 22 मोहल्लों को बफर जोन में शामिल करना पड़ा. अब प्रशासन पाली में मेडिकल टीमों द्वारा किए जा रहे स्वास्थ्य परीक्षण पर विश्वास नहीं जता पा रहा है. ऐसे में अब पाली प्रशासन की ओर से विभिन्न मोहल्लों में रैंडम सैंपलिंग पर जोर दिया जा रहा है. सोमवार से पाली की विभिन्न मेडिकल टीमों को पाली के कर्फ्यू जॉन बफर जोन में तैनात कर दिया गया है. वहीं यहां से लोगों की सैंपल लिए जा रहे हैं.
बता दें कि अब तक मेडिकल टीमों द्वारा जो सर्वे किया जा रहा था. उसके तहत मेडिकल टीम में शामिल नर्सिंग कर्मियों द्वारा घर-घर जाकर परिवार में रहने वाले लोगों की संख्या, दूसरे जिलों में जाकर आए लोगों की जानकारी और अन्य बीमारियों संबंधी जांच मौखिक रूप से की जा रही थी. इसके चलते पाली में संक्रमित मरीज का सामने आना संभव नहीं था.
प्रशासन का दावा था कि पिछले डेढ़ माह में इन टीमों द्वारा जिलेभर में 36,00,000 के करीब लोगों का इसी तरह से स्वास्थ्य सर्वे किया गया है. चिकित्सा महकमा भी अब इस सर्वे को पूरी तरह से उचित नहीं मान रहा है. ऐसे में प्रशासन अब संदिग्ध क्षेत्रों में रैंडम सैंपल लेना शुरू कर रहा है. प्रशासन का अनुमान है कि इस रैंडम सैंपल लेने के बाद पाली में भी और पॉजिटिव मरीज सामने आ सकते हैं.
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जिले में अब तक तीन पॉजिटिव मरीज आ चुके है सामने
- अब तक 346 सैंपल जांच के लिए भिजवाए गए है.
- 234 की रिपोर्ट आई नेगेटिव.
- 110 की रिपोर्ट आना है अभी बाकी है.
- 38 लाख लोगों का किया जा चुका है स्वास्थ्य परीक्षण.
- जिले में 4426 बेड के 66 क्वॉरेंटाइन सेंटर खोले गए है.
- जिले भर में लोगों की स्क्रीनिंग के लिए 658 मेडिकल टीमों का गठन किया गया है.
- अब तक 37169 प्रवासियों को चिन्हित कर उन्हें होम क्वॉरेंटाइन किया जा चुका है.
- जिले में मेडिकल की 13 रैपिड रिएक्शन टास्क फोर्स का गठन किया गया है.
- जिले में 2 अस्पतालों में 299 रन बनाए गए हैं.